Devon Ka Uday
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
296
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
592 mins
Book Description
हज़ारो वर्ष पूर्व सुरों की कुछ शाखाएँ अपने मूल निवास हिमालय की तराइयों से निकलकर सुदूर पश्चिम में बस गई । धीरे-धीरे वे आज के भारत से लेकर पश्चिम एशिया तक स्थान-स्थान पर फैल गए। नई सभ्यताओं ने जन्म लिया और आवागमन के नए मार्ग स्थापित हुए। विश्व के बड़े भू-भाग पर शासन करने वाले सुरों ने देव की उपाधि धारण कर ली। समय के साथ सुर दो समूहों में विभाजित हो गए। वे, जो सुरों की कठिन सिद्धांतों वाली जीवन-पद्धति से सहमत नहीं थे, उन्होंने असुर नाम अपना लिया। सुरों और असुरों के बीच प्राय: झड़पें होती रहती थीं। पर समुद्री मार्गों की खोज के लिए उन्होंने मिलकर समुद्र-मंथन अभियान चलाया, जो उन्हें आश्चर्यों और रहस्यों के लोक में ले गया। इस रहस्य लोक में उन्हें मिला सोम नामक अमृत, जिस पर अधिकार को लेकर एक बार फिर सुरों और असुरों के मध्य विवाद उत्पन्न हो गया। ' देवों का उदय' प्राचीन कथाओं को लेकर लिखा गया एक उपन्यास है, जिसमें लेखकों ने सहस्त्रों वर्ष पूर्व सुरों और देवों की एक नई उभरती हुई विकसित सभ्यता की कल्पना की है।