Metroman E. Sreedharan
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
200
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
400 mins
Book Description
‘मेट्रोमैन’ के नाम से विख्यात ई. श्रीधरन असंभव को संभव बना देनेवाले मानवीय प्रयासों के शानदार पर्याय बन चुके हैं। पिछले छह दशकों में देश की यातायात प्रणाली का आधुनिकीकरण और विस्तार कर उसे वैश्विक मानदंडों के अनुरूप बनानेवाले प्रौद्योगिकीविद् के रूप में उनका कोई सानी नहीं है। केरल के पलक्कड़ जिले के एक सुदूर गाँव करुकपुथुर में जन्मे प्रतिभासंपन्न श्रीधरन की खासियत उनके द्वारा पूरी की गई विकास परियोजनाओं की संख्या और उनकी पहुँच ही नहीं रही है, बल्कि यह भी उनकी विशेषता रही है कि कैसे उन्होंने एक के बाद एक, हर अभियान में समय की कसौटी पर परखे और हमेशा से सँजोकर रखे गए शाश्वत मूल्यों की पुनः-पुनः पुष्टि की और खुद को भ्रष्टाचार से अछूता रखते हुए लोककल्याण के लक्ष्य के साथ पूरी पारदर्शिता से कार्य किया। देश में सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली समझे जानेवाले आई.आई.टी. स्नातक या प्रशासनिक सेवकों वाला प्रभामंडल श्रीधरन के पास नहीं है। महज सिविल इंजीनियरिंग में एक आम डिग्रीवाले श्रीधरन की सफलता का राज अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में नैतिक मूल्यों को लेकर दृढ प्रतिबद्धता है। इसी ने उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में उच्चतम उपलब्धियों तक पहुँचाया। अथक परिश्रम, लगन, कार्यनिष्ठा, यानी सभी प्रकार के प्रबंधन गुणों का पर्याय हैं ई. श्रीधरन। इनसे प्रेरणा लेकर आज के युवा भी कर्तव्य-पथ पर अग्रसर हो सकें, इसी में इस पुस्तक के प्रकाशन की सफलता है।