Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam Ke Virodh Ki Rajneeti
Author:
Dr. Kuldip Chand AgnihotriPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 80
₹
100
Unavailable
भारत के नागरिकता अधिनियम में हुए संशोधन (नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019) को लेकर देश भर में बहस शुरू हो गई। इस संशोधन के द्वारा पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बँगलादेश से भारत में आ चुके अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। विरोध करनेवाले दो समूह हैं। पहला ऐसा समूह, जो विरोध में अपना राजनीतिक स्वार्थ देखता है। दूसरा ऐसा समूह, जो जानबूझकर या फिर अनजाने में संशोधन को लेकर भ्रम का शिकार हो गया है। वह इस संशोधन को नागरिकों के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के साथ नत्थी करके देखता है, जबकि दोनों का आपस में कुछ लेना-देना नहीं है। आज सत्तर साल बाद नरेंद्र मोदी ने इस शरणार्थी हिंदू समाज, अफगानी हिंदू-सिख समाज और भारतीय नागरिकता के बीच नेहरू और उनकी पार्टी द्वारा खड़ी की गई दीवार को तोड़ दिया है। यह कांग्रेस द्वारा किए गए भारत विभाजन से उपजे पाप के एक दाग को धोने का ऐतिहासिक फैसला है, लेकिन इसे क्या कहा जाए, कि आज कांग्रेस और मुसलिम लीग मिलकर एक बार फिर पाप की उस दीवार को बचाने का प्रयास कर रही हैं। प्रस्तुत पुस्तक में इस समस्या का भारत विभाजन के परिप्रेक्ष्य में अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
ISBN: 9789389982145
Pages: 80
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Rashtranayak Narendra Modi
- Author Name:
Usha Vidhyarthi
- Book Type:

- Description: भारत से लेकर वैश्विक स्तर तक ऐसे मनीषियों की लंबी शृंखला है, जिन्होंने अपने विचार, कर्म और सकारात्मक दृष्टि से मानव सभ्यता को शिखर पर आच्छादित कर दिया, लेकिन कुछ व्यक्तियों के कारण राजनीति को पतितों की अंतिम शरणस्थली तक कहा जाने लगा। इसी पतनोन्मुख व्यवस्था में नरेंद्र मोदी के रूप में एक ऐसे महामानव का उदय हुआ, जिन्होंने राजनीति के मर्म को अपना धर्म समझते हुए मानवमात्र के कल्याण को अपना उद्देश्य बना लिया। अपने स्वहित को राष्ट्रहित और समाजहित में समाहित कर दिया। मानव सेवा को अपने जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य बनाते हुए राजनीति के मूलभाव को पुनः स्थापित करने का महान् कार्य किया। श्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और कृतित्व ने राजनीति को पुनः सेवा, श्रम और त्याग का माध्यम बना दिया। सेवा और त्याग की भावना के बिना राजनीति में संवेदना संभव नहीं। संवेदनशील व्यक्ति ही राजनीति के मर्म और धर्म को समझते हुए राष्ट्र के लिए प्राणोत्सर्ग कर सकता है, जो निश्चित रूप से नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व में निहित है। ‘सबका-साथ, सबका-विकास’ सिर्फ नारा नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी का जीवन दर्शन है, जो उन्हें गांधी, आंबेडकर, दीनदयाल, जे.पी. और लोहिया के विचार सागर से निचोड़ के रूप में प्राप्त हुआ है। प्रस्तुत पुस्तक हमारे जनप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनोन्मुखी कार्यों को प्रमुखता से चिह्नित करने का एक विनम्र प्रयास है।
KALKI : Dasaven Avatar Ka Udaya
- Author Name:
Ashutosh Garg +1
- Book Type:

- Description: संभल गाँव का निवासी और फौज में सूबेदार बिंदेश्वरनाथ त्रिवेदी, प्रथम विश्व-युद्ध के लिए यूरोप जाता है लेकिन युद्ध खत्म होने पर भी घर नहीं लौटता। इस बीच उसके बेटे रमानाथ को संभल का एक रहस्यमयी व्यक्ति मिलता है जो रमानाथ के लापता पिता के बारे में सब जानता है। वह रमानाथ को यूरोप में फैली स्पैनिश फीवर नामक महामारी और उसका वायरस तैयार करने वाले के बारे में भी बताता है! इस घटना के सौ वर्ष बाद, सन् 2020 में म्यूविड-20 नामक एक नई महामारी फैलती है, तो वही रहस्यमयी व्यक्ति फिर प्रकट होता है। इस बार उसकी मुलाकात रमानाथ के पोते गौरव त्रिवेदी से होती है। गौरव को जब उस व्यक्ति की असलियत का पता लगता है तो उसके होश उड़ जाते हैं! कौन है संभल का वह रहस्यमयी व्यक्ति? त्रिवेदी परिवार से उसका क्या संबंध है? क्या स्पैनिश फीवर और म्यूविड-20 महामारियाँ सिर्फ संयोग हैं? या 100 साल के भीतर मानव-समाज पर आई इन दो भयानक विपदाओं के पीछे कोई अज्ञात शक्ति है? क्या भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्म हो चुका है? यदि हाँ, तो कल्कि, आधुनिक समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं? यह पुस्तक, कल्कि और कलियुग के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। इसमें आशुतोष ने जहाँ अपनी परिपक्व कलम से विश्व-इतिहास, उच्च जीवन-दर्शन और पौराणिक पृष्ठभूमि के जीवंत चित्र खींचे हैं, वहीं अत्रि ने अपनी जबर्दस्त कल्पना-शक्ति से साइंस फिक्शन का रोमांचक और अनूठा संसार रचा है।
The Gandhian Statesman of Bihar Nitish Kumar
- Author Name:
Ashok Choudhary +1
- Book Type:

- Description: "In the eyes of those who had lost all hopes in Bihar, Nitish Kumar has acquired the status of a miracle man. After all, how did he work for the revival of the state? Nitish Kumar is not a professional manager, he is a politician. When he took over as the Chief Minister of Bihar in November 2005, he frequently reminded the officials that the performance of the government was at stake in his ministry and not in the bureaucracy. If the government succeeds, then all the credit will be given his ministry. If it fails, his ministry will have to own the responsibility. Bureaucrats would not lose their jobs, but he (the Chief Minister) will have to go. Inspite of all this, Nitish Kumar earned a permanent place in the hearts of the people by working towards solving the issues related to the basic needs of the people and he emerged as the pioneer of social revolution. This process of improvement continues unabated. A readable and collectable saga that introduces you to the untold, inspiring, interesting, and adventurous campaigns of the social revolution of Nitish Kumar."
Vishwa ki Mahan Krantiyan
- Author Name:
Sadanand Rai
- Book Type:

- Description: "क्रांति का अर्थ उस अवस्था को समाप्त करके, जिसमें रहना ही असहनीय होता जा रहा हो, नई व्यवस्था की स्थापना करना था। अतः जहाँ-जहाँ भी विश्व में क्रांतियाँ हुईं, वहाँ देशकाल और स्थितियों के अनुसार ही इनका सूत्रपात हुआ। दिन-प्रतिदिन बढ़ते साधनों ने क्रांति को नया रूप दे दिया था। हिंसक और अहिंसक दोनों ही रूपों ने इस क्रांति विचारधारा को प्रश्रय दिया और 17वीं शताब्दी के अंत में विश्व ने इस क्रांति से परिचय किया, जो आज 21वीं शताब्दी के घोर आधुनिक युग में भी अपनी आवश्यकता एवं प्रासंगिकता बनाए हुए हैं। विश्व का यह आधुनिक और विहंगम स्वरूप इन्हीं क्रांतियों की देन है। तानाशाहों, साम्राज्यवादियों, निरंकुश और अयोग्य शासकों के चंगुल से निकलकर जनता ने आधुनिकता की ओर कदम रखे तो इन्हीं क्रांतियों के कारण, जिनमें प्राणों की आहुति दी गई और शत्रुओं को सबक भी सिखाया गया। इस पुस्तक में विश्व की उन महान् क्रांतियों का वर्णन किया गया है, जिन्होंने विश्व का भविष्य तय कर दिया; जैसे— औद्योगिक क्रांति : क्रांतियों का आधार, वैज्ञानिक क्रांति, इंग्लैंड की महान् क्रांति, फ्रांस की गौरवपूर्ण क्रांति, इटली की संघर्ष-क्रांति, भारत छोड़ो आंदोलन, जर्मनी की एकीकरण क्रांति, तिब्बत की धार्मिक क्रांति, जापान की तकनीकी क्रांति।"
Sangh Aur Sarkar
- Author Name:
Santosh Kumar
- Book Type:

- Description: 2014 और 2019 के चुनाव नतीजे संघ को सुकून दे रहे थे, क्योंकि तीन पीढ़ी खपाने के बाद उसकी वैचारिक उड़ान को पंख लग गए थे। इस मुकाम तक पहुँचने के लिए संघ को 1998- 2004 में अपनी ही सरकार से टकराव मोल लेना पड़ा था। आर्थिक और राजनैतिक मसलों पर वाजपेयी सरकार के समय लड़ाई सार्वजनिक थी। असमंजस के माहौल में हुए 2004 के आम चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई; अगले एक दशक तक पार्टी में जबरदस्त कोहराम मचा। तमाम झंझावातों के बाद 2009 में आडवाणी पी.एम. इन वेटिंग बने। लेकिन कलह ऐसी थी, मानो 15वीं नहीं 16वीं लोकसभा की लड़ाई हो रही हो। इसी बीच संघ में पीढ़ी परिवर्तन हुआ और मोहन भागवत सरसंघचालक बने, फिर विचार-परिवार में भी पीढ़ी परिवर्तन का खाका बना। भाजपा में दूसरी पीढ़ी में जद्दोजहद के बाद विचारधारा के प्रहरी के तौर पर नरेंद्र मोदी उभरे । संघ की सलाह पर पार्टी मोदी युग में प्रवेश कर गई। उसके बाद विचार-परिवार ने समन्वय का ऐसा खाका खींचा कि अटल सरकार की कड़वाहट सदा के लिए अतीत के पन्नों में समा गई। संवाद और समन्वय विचार-परिवार का मंत्र बना, तो मोदी ने भी संवाद का मैकेनिज्म बना समन्वय को गति दी। नतीजा हुआ कि अनुकूल सरकार का लाभ उठा, संघ और भाजपा दोनों ने अपना सामाजिक आधार बढ़ाया। यह पुस्तक संघ, सरकार और समन्वय की उन सभी कहानियों की बारीकियों को परत-दर-परत सामने रखती है। 2014 से संघ-भाजपा के बीच समन्वय एक मिसाल है, जिसने दोनों का न सिर्फ आधार बढ़ाया, बल्कि 2014 से भी बड़ी जीत की जमीन तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
Ajay Hum
- Author Name:
Yuval Noah Harari
- Book Type:

-
Description:
हम शेरों जैसे ताक़तवर नहीं हैं,
न डॉल्फिन की तरह तैर सकते हैं,
और निश्चय ही हमारे पंख भी नहीं हैं!
तो फिर हमने इस दुनिया पर राज कैसे किया?
इसका जवाब एक ऐसी अजीब कहानी में है, जो शायद ही फिर कभी सुनने को मिले. वह भी एक सच्ची कहानी!
कभी आपके दिमाग़ में यह सवाल पैदा हुआ कि हमने यह मुक़ाम कैसे हासिल किया?
हाथियों ने शिकार से लेकर स्मार्ट फोन चलाने तक का सफ़र?
आखिर कैसे बने हम...अजेय?
इसके पीछे की सच्चाई यह है कि हमारे पास एक सुपर पावर है.
और वह यह कि - हम कहानियाँ गढ़ सकते हैं.
यह ऐसा इतिहास है जिसे आपने पहले कभी अनुभव नहीं किया होगा.
जानिए कि कैसे क़िस्सागोई की इस अनोखी ख़ूबी का इस्तेमाल हमने अच्छाई-बुराई को समझने और दुनिया पर
राज करने के लिए किया.
और जानिए कि दुनिया को बदल देने की यह ताक़त हासिल कैसे हुई?
हरारी युवा पाठकों को साथ लेकर मानव जाति के इतिहास की यात्रा पर निकले हैं. रोमांचक तथ्य और जानदार
चित्रांकन के ज़रिए विस्तृत और उलझे हुए विषय को ख़ूबसूरती से पेश करते हैं.
सबीना रादेवा, ‘ओरिजिन ऑफ़ स्पीशीज़’ की लेखिका
Narendra Modi ke Prerak Vichar
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: "देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कार्य क्षमता, बोलने की अनूठी शैली और आम व्यक्ति के साथ हर पल जुड़े रहने की इच्छा ने उनके व्यक्तित्व को अप्रतिम बना दिया है। नरेंद्र मोदीजी आज केवल एक व्यक्तित्व भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारे देश के एक-एक नागरिक की आँखों की चमक हैं। नरेंद्र मोदीजी केवल अपने कदम बढ़ाने में यकीन नहीं रखते हैं, बल्कि वे कहते हैं कि मेरे साथ 130 करोड़ भारतीयों के कदम साथ चलेंगे, तो देश विकास के पथ पर अग्रसर होगा और भारत की पताका सदैव विश्व में सबसे ऊपर नजर आएगी। वे सकारात्मकता से भरपूर हैं। कठिन से कठिन परिस्थिति भी उन्हें विचलित नहीं करती। वे जितना अधिक राजनीति में बेजोड़ हैं, उतने ही शब्दों और विचारों के अधिकारी। उनकी बातें और उनका लेखन हर भारतीय में ऊर्जा, जोश और आत्मविश्वास का संचार करता है। यह पुस्तक नरेंद्र मोदीजी के प्रेरक विचारों का नवनीत है। यह पुस्तक हर भारतीय की सकारात्मकता को ऊर्जावान बनाने और उन्हें राष्ट्र के लिए समर्पित होने का भाव जाग्रत् करेगी।"
Bharatiya Itihas Prashnottari
- Author Name:
Yogendra Prasad
- Book Type:

- Description: भारतीय इतिहास की यह प्रश्नोत्तरी बिहार राज्य के माध्यमिक विद्यालयों के निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर वर्ग दशम एवं एकादश के छात्रों के लिए लिखी गई है। इस विषय पर अब तक जितनी पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, उन सभी से इस पुस्तक को अधिक आकर्षक और छात्रोपयोगी बनाने की चेष्टा की गई है। छात्रों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विषय को सरल बनाकर प्रस्तुत किया गया है।
Arya Evam Hadappa Sanskritiyon Ki Bhinnata
- Author Name:
Ramsharan Sharma
- Book Type:

-
Description:
यह पुस्तक आर्य एवं हड़प्पा सभ्यता का एक गहन अध्ययन है। इसमें प्रो. शर्मा ने आर्यों के मूल स्थान की खोज की कोशिश के साथ-साथ ज़्यादा ज़ोर इन सभ्यताओं के सांस्कृतिक पहलू पर दिया है।
लेखक ने अपने अध्ययन के दौरान इस पुस्तक में आर्य एवं हड़प्पा संस्कृतियों की भिन्नता को दर्शाया है। लेखक का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता नगरी है लेकिन वैदिक सभ्यता में नगर का कोई चिह्न नहीं है। कांस्य युग का हड़प्पा सभ्यता में प्रमाण मिलता है। हड़प्पा में लेखन-कला प्रचलित थी लेकिन वैदिक युग में लेखन-कला का कोई प्रमाण नहीं है।
अपनी सूक्ष्म विश्लेषण-दृष्टि और अकाट्य तर्कशक्ति के कारण यह कृति भी लेखक की पूर्व-प्रकाशित अन्य कृतियों की तरह पठनीय और संग्रहणीय होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
RASHTRA SAMAJ EVAM CHHATRA (PB)
- Author Name:
Raj Kumar Bhatia
- Book Type:

- Description: शिशुकाल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सृष्टि में पले-बढ़े लेखक ने अपनी छह दशकों से अधिक की सामाजिक सक्रियता के काल में अनेक प्रकार का लेखन किया, जिसे इस पुस्तक में 5 खंडों में प्रस्तुत किया गया है। “व्यक्तित्व” एवं “राष्ट्र समाज और राजनीति” के खंडों में उनकी वैचारिक भूमि के दर्शन होते हैं। चार दशकों से अधिक की उनकी सक्रियता अखिल भारतीय विध्यार्थी परिषद् में रही; अतः 'शिक्षा' एवं 'छात्र-जगत' के खंडों में उनका सहज चिंतन व्यक्त हुआ है। 'सामाजिक संगठन और कार्यकर्ता' उनकी विशेष रुचि का विषय रहा; इसलिए उस खंड में उनके तत्संबंधी लेख दिए गए हैं। राष्ट्र और समाज के निर्माण एवं विकास में सामाजिक संगठनों और छात्रों की सक्रिय सहभागिता पर प्रकाश डालती विचारोत्तेजक लेखों का पठनीय संकलन।
Modi-Yogi Ka Vision : Vikas Ki Ore Uttar Pradesh
- Author Name:
K.K. Upadhyaya
- Book Type:

- Description: उत्तर प्रदेश वह प्रदेश है जिसे हम देश की धड़कन कह सकते हैं। सन् 2014 में जब भाजपा ने प्रचंड विजय हासिल की तब किसी ने नहीं सोचा था कि परिणाम ऐसे आएँगे। पुराने फॉर्मूले फेल हो गए। नई इबारत लिखी जाने लगी। इस बीच सन् 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज उठा। राजनीतिक पंडित कह रहे थे कि अब भाजपा की डगर आसान नहीं है। वे गलत भी नहीं थे। यहाँ चुनाव का मतलब वोटों का गठजोड़ और जातियों का समूह था। कोई नहीं जानता था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाएँ गरीबों तक पहुँचने लगी थीं। उसका असर भी होने लगा था। भाजपा यहाँ संगठन में लगी थी। मेहनत रंग लाई। भाजपा ने उ.प्र. में ऐसा परचम फहराया कि सब अवाक रह गए। अब बारी थी काम की। मोदीजी का विजन और योगीजी की मेहनत ने उत्तर प्रदेश की तसवीर बदल दी। गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनओं पर काम होने लगा। श्रीराम मंदिर का निर्माण-कार्य प्रारंभ हो गया। सपने साकार होने लगे। इस पुस्तक में इन्हीं सब कामों को सँजोने का प्रयास किया है। भाजपा की जीत की रणनीति का खुलासा भी इस पुस्तक में हैं। वरिष्ठ पत्रकार श्री के.के. उपाध्याय के दीर्घ अनुभव और सूक्ष्म अंतर्दृष्टि से आकल्पित उत्तर प्रदेश के चहुँमुखी विकास का व्यावहारिक दिग्दर्शन कराती प्रामाणिक पुस्तक।
Jinna : Ek Punardrishti
- Author Name:
Virendra Kumar Baranwal
- Book Type:

-
Description:
साधारण भारतीयों के मन में जिन्ना की छवि एक निहायत नीरस, अन्तर्मुखी, तार्किक, अधार्मिक, भावना-शून्य, मनहूस, हिसाबी, सिर से पैर तक पश्चिमी सभ्यता में रँगे, चोटी के वकील के साथ एक अपराजेय राजनीतिक सौदेबाज़ की रही है। जिन्ना के व्यक्तित्व की इन विशेषताओं को झुठलाना जहाँ निहायत दुश्वार है, वहीं मात्र इन्हीं विशेषताओं में उन्हें सीमित करना वस्तुतः सच्चाई से मुँह मोड़ना होगा। जिन्ना के जीवन और व्यक्तित्व के कुछ ऐसे पहलू हैं, जो बहुत कम उजागर हो पाए हैं। फलस्वरूप अक्सर उनका एकांगी मूल्यांकन ही हो पाया है।
इतिहास मात्र घटनाओं का संकुल और महत्त्वाकांक्षियों की नियति के उतार-चढ़ाव का दस्तावेज़ ही नहीं है। उसके विराट मंच पर उभरे काल-प्रेरित अभिनेताओं के मनोजगत की उथल-पुथल से संरचित व्यक्तित्वों के समझौते-टकराव और घात-प्रतिघात उसकी धारा को प्रभावित करने में निर्णयात्मक भूमिका निभाते हैं। कुछ इसी विश्वास के फलस्वरूप जिन्ना के जीवन पर विहंगम दृष्टि डालते हुए उन्हें उनके महत्त्वपूर्ण समकालीनों के साथ-साथ अलग-अलग समझने-परखने की कोशिश इस किताब में मिलेगी। उनकी पत्नी रत्ती की गहन संवेदनशीलता, तीक्ष्ण मेधा, व्यक्तित्व का अप्रतिम सम्मोहन, समस्त प्राणी-जगत के लिए करुणा विगलित हृदय, गहरे राजनीतिक-सामाजिक सरोकार और धार्मिक बाह्याडम्बर के प्रति वितृष्णा जैसे गुण उन्हें अपने समय का एक अत्यन्त विशिष्ट व्यक्तित्व सिद्ध करते हैं। इस पुस्तक में उनके विषय में भी एक विस्तृत अध्याय रखा गया है।
ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपिता बनने के पहले जिन्ना हिन्दुस्तान की धरती के एक महान और सुयोग्य पुत्र थे। उनके लगभग आधी सदी के राजनीतिक जीवन में समय-समय पर उभरे सोच में आज भी ऐसा बहुत कुछ समावेशी और रचनात्मक है, जो अप्रासंगिक नहीं हुआ है। इसमें दो राय नहीं कि गांधी और नेहरू की तरह जिन्ना भी भारतीय उपमहाद्वीप में समय-समय पर एक पुनर्दृष्टि की माँग करते रहेंगे। इतिहास के अपने ढंग के एक अद्वितीय व्यक्तित्व के नाते यह उनका हक़ है।
Bhajpa Hinduttva Aur Musalman
- Author Name:
Vedpratap Vaidik
- Book Type:

-
Description:
‘भाजपा, हिन्दुत्व और मुसलमान’ अपने ढंग की अनूठी कृति है। इस विषय का यह पहला मौलिक और विचारोत्तेजक ग्रन्थ है। उक्त तीनों मुद्दों और उनके आपसी सम्बन्धों पर जितनी गहराई और जितने कोणों से विद्वान लेखक ने विचार किया है, अब तक किसी भी ग्रन्थ में नहीं किया गया है। भाजपा का असली संकट क्या है, उसका समाधान क्या है, उसका भविष्य कैसा है, वह कहीं कांग्रेस की कार्बन-कॉपी तो नहीं बन गई है, संघ और भाजपा के बीच अन्तर्द्वन्द्व के मुद्दे कौन-कौन से हैं, आदि अनेक प्रश्नों पर डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया है।
सावरकर का हिन्दुत्व अब कितना प्रासंगिक रह गया है? उसमें से क्या घटाया और क्या जोड़ा जाए, इस जटिल और विवादास्पद विषय पर डॉ. वैदिक ने जो मौलिक विचार प्रस्तुत किए हैं, वे भाजपा ही नहीं, 21वीं सदी के भारत के लिए भी ध्यातव्य हैं। हिन्दुत्व और इस्लाम के नाम पर चले अभियानों पर लेखक के जिन बेबाक निबन्धों ने देश की तत्कालीन राजनीति पर सीधा असर डाला था, वे भी इस ग्रन्थ में संकलित किए गए हैं। इस ग्रन्थ में कुछ निबन्ध ऐसे भी हैं, जिनके बारे में आपको लगेगा कि वे अपने आप में एक-एक ग्रन्थ के बराबर हैं। मुस्लिम राजनीति और मुसलमानों के प्रति भाजपा के रवैए पर भी लेखक ने अपनी दो-टूक राय ज़ाहिर की है। मुसलमान भारतीय इतिहास को कैसे देखें और शेष भारत मुसलमानों को कैसे देखे, आदि अत्यन्त पेचीदा और नाजुक मुद्दों पर भी लेखक ने अपने निर्भीक विचार प्रस्तुत किए हैं। डॉ. वैदिक के ये निबन्ध राजनेताओं, विद्वानों, पत्रकारों और प्रबुद्ध पाठकों के लिए दिशा-बोधक और उपयोगी हैं।
Madhyakalin Bharat Ka Arthik Itihas
- Author Name:
Sunil Kumar Singh
- Book Type:

-
Description:
यह पुस्तक नवीनतम स्रोत सामग्री को सन्दर्भित करते हुए लिखी गई है। लेखक ने बड़ी कुशलता के साथ सन्दर्भ ग्रन्थों को समन्वयित किया है कि विशेषज्ञों के अलावा साधारण पाठकों को भी आख्यान बोधगम्य हो सके।
इस पुस्तक में मुगलों की नई काराधान व्यवस्था के आने से कृषि के क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली संकटपूर्ण परिस्थितियों को उजागर किया है। लेखक का मानना है कि इस संकट के बावजूद ग्रामीण घरों में सूत कातने और कपड़ा बुनने की परम्पराएँ कायम रहीं। किन्तु मुग़ल नीतियों का दूरगामी परिणाम यह हुआ कि कृषि और शिल्प दो अलग-अलग व्यवसायों के रूप में नज़र आने लगे। अध्याय के अन्त में लेखक ने परम्परागत शिल्पों को स्वतन्त्र व्यवसाय के रूप में प्रस्तुत कर लम्बे अरसे से चली आ रही भ्रान्तियों को दूर किया है। शिल्प उत्पादन के सम्बन्ध में विस्तृत वृत्तान्त मिलता है।
दक्षिण भारत के राजस्व इतिहास को समाहित कर इस पुस्तक को पूर्णतः समावेशी बना दिया गया है। पाँचवें अध्याय में मध्यकालीन कराधान की व्यवस्था, शहरी उत्पादन, सिक्कों के प्रकार और प्रसार का उल्लेख है। मध्यकालीन भारत में नाप-तौल की प्रणालियों, मजदूरी और उत्पादकों पर विदेशी पूँजी के बढ़ते दबाव से सम्बन्धित है। लेखक ने तालिकाओं और आँकड़ों की सहायता से व्यापार और व्यवसायों के समक्ष बढ़ती चुनौतियों को स्पष्ट किया है।
विश्वास है कि सुधी पाठकों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे पाठकों को यह रचना समान रूप से पसन्द आएगी।
ललित जोशी
प्रोफेसर, इतिहास विभाग
Itihas, Sanskriti Aur Sampradayikta
- Author Name:
Gunakar Muley
- Book Type:

-
Description:
गुणाकर मुळे को हम विज्ञान विषयों के लेखक के रूप में जानते हैं। उन्होंने हिन्दी पाठकों को सरलतम शब्दावली में विज्ञान की कठिन अवधारणाओं, आविष्कारों और खोजों से परिचित कराया। लेकिन उनके लेखन का उद्देश्य वैज्ञानिक दृष्टि को आमजन की जीवन-शैली और विचार का हिस्सा बनाना था। इसीलिए उन्होंने शुद्ध सूचनात्मक वैज्ञानिक लेखक के साथ संस्कृति, समाज, धर्म, अंधविश्वास आदि पर भी हमेशा लिखा। मार्क्सवाद उनकी वैचारिक भूमि रहा और आधुनिक जीवन-मूल्य उनके अभीष्ट। यह किताब उनके ऐसे ही लेखन का संकलन है जिसमें संस्कृति, धर्म, हिन्दुत्व की राजनीति, आर्यों का मूल आदि विभिन्न विषयों पर उनका लेखन शामिल है। पाठक इन लेखों में काफ़ी कुछ नया पाएँगे।
रामकथा को लीजिए। आज राम को लेकर देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के प्रयास जारी हैं। मगर राम काफ़ी हद तक एक मिथकीय चरित्र है, इस बात के पर्याप्त सबूत वाल्मीकि-रामायण में ही मौजूद हैं।
शिवाजी जैसे कई ऐतिहासिक चरित्रों को विकृत रूप में पेश करके मुस्लिम-द्वेष को उभारने के प्रयास हो रहे हैं। मगर प्रामाणिक इतिहास इस बात की गवाही देता है कि शिवाजी रत्ती-भर भी मुस्लिम-द्वेषी नहीं थे। इस बात को 'ऐसा था शिवाजी का राजधर्म' लेख में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
इधर के वर्षों में देश में धार्मिक असहिष्णुता और साम्प्रदायिकता में तेज़ी से वृद्धि हुई है। इस पर रोक लगाने के लिए आम जनता को शिक्षित करना अत्यावश्यक है—उनकी अपनी भाषा में। साम्प्रदायिकता अपने प्रचार-प्रसार के लिए आम जनता की भाषा का भरपूर उपयोग कर रही है। साम्प्रदायिकता के प्रतिकार के लिए भी जनता की भाषा का ही उपयोग होना चाहिए। इस तरह गुणाकर मुळे की यह पुस्तक तमाम मुद्दों से टकराते हुए ऐसे कैनवस की रचना करती है, जहाँ विचार-विमर्श अपने सृजनात्मक रूप में सम्भव हो सके।
Kashmir Aur Kashmiri Pandit : Basne Aur Bikharne Ke 1500 Saal
- Author Name:
Ashok Kumar Pandey
- Rating:
- Book Type:

- Description: यह किताब कश्मीर के उथल-पुथल भरे इतिहास में कश्मीरी पंडितों के लोकेशन की तलाश करते हुए उन सामाजिक-राजनैतिक प्रक्रियाओं की विवेचना करती है जो कश्मीर में इस्लाम के उदय, धर्मान्तरण और कश्मीरी पंडितों की मानसिक-सामाजिक निर्मिति तथा वहाँ के मुसलमानों और पंडितों के बीच के जटिल रिश्तों में परिणत हुईं। साथ ही, यह किताब आज़ादी की लड़ाई के दौरान विकसित हुए उन अन्तर्विरोधों की भी पहचान करती है जिनसे आज़ाद भारत में कश्मीर, जम्मू और शेष भारत के बीच बने तनावपूर्ण सम्बन्धों और इस रूप से कश्मीर घाटी के भीतर पंडित-मुस्लिम सम्बन्धों ने आकार लिया।
Panchatantra Ki Kahaniyan
- Author Name:
Shyamji Verma
- Book Type:

- Description: लोक-गाथाओं से उठाए गए दृष्टातों से भरपूर इस रोचक ग्रंथ का अध्ययन करके तीनों अशिक्षित और उद्दंड राजपुत्र ब्राह्मण की प्रतिज्ञा के अनुसार छह मास में से नीतिशस्त्र मे पारंगत हो गए।
Jatiyon Ka Loktantra : Jati Aur Chunav
- Author Name:
Arvind Mohan
- Book Type:

- Description: इस किताब का उद्देश्य भारत के चुनावी लोकतंत्र और उसमें जाति की भूमिका को समझना है। यह एक कठिन काम है, क्योंकि एक सामाजिक शक्ति के रूप में खुद जाति को समझना भी आसान नहीं है। आधुनिकता, शिक्षा और समझदारी के भूमंडलीय विस्तार के बावजूद भारतीय समाज में जाति जहाँ थी, अब भी वहीं है। बल्कि अब वह ज्यादा आत्मविश्वास के साथ सामने आ रही है। चुनावों में अब उसकी निर्णायक स्थिति को हर कोई स्वीकार कर चुका है; जातिवार जनगणना की बातें हो रही हैं; राजनीतिक पार्टियाँ, नेता और मतदाताओं के बीच जातियों के आधार पर नए ध्रुवीकरण हो रहे हैं, टूट भी रहे हैं, फिर बन भी रहे हैं। इसलिए यह जिज्ञासा स्वाभाविक है कि क्या जाति की इस राजनीतिक सक्रियता का कोई पैटर्न भी है, क्या कोई तरीका है यह जानने का कि जातियों की सतत गतिशील चुनावी गोलबन्दियाँ कैसे काम करती हैं। जाहिर है जिस देश में साढ़े चार हजार से ज्यादा समुदाय मौजूद हों, वहाँ इस सवाल को लेकर समाज में उतरना समुद्र में उतरने जैसा है। वरिष्ठ पत्रकार, अरविन्द मोहन ने इस किताब में यही किया है। पत्रकारिता और चुनाव-अध्ययन के लगभग चार दशक के अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने इस किताब में पिछले 76 सालों के बदलावों को समझने और कुछ निर्णायक प्रतीत होनेवाली प्रवृत्तियों को रेखांकित करने की कोशिश की है। यह जटिल और सुदीर्घ अध्ययन उन्होंने राज्यवार विश्लेषण के आधार पर किया है। इससे पता चलता है कि यूपी-बिहार ही नहीं, लगभग पूरे देश का चुनावी भूगोल जातियों के आधार पर बनता-बिगड़ता है।
Mughal Kaleen Bharat (Babar)
- Author Name:
Saiyad Athar Abbas Rizvi
- Book Type:

-
Description:
यह ग्रन्थ बाबर के हिन्दुस्तान के इतिहास से सम्बन्धित है। इस कारण कि काबुल की विजय के उपरान्त उसका हिन्दुस्तान से सम्पर्क प्रारम्भ हो गया था। 910 हि. से अन्त तक के पूरे ‘बाबरनामा’ का अनुवाद भाग ‘अ’ में प्रस्तुत किया जा रहा है, किन्तु बाबर के व्यक्तित्व को समझने के लिए उसकी प्रारम्भिक आत्मकथा का भी ज्ञान परमावश्यक है; अत: भाग ‘द’ में इसका भी अनुवाद कर दिया गया है। केवल कुछ थोड़े से ऐसे पृष्ठों का जो पूर्ण रूप से उज्बेगों के इतिहास से सम्बन्धित थे, अनुवाद नहीं किया गया है। ऐसे अंशों के विषय में उचित स्थान पर उल्लेख कर दिया गया है। भाग ‘ब’ में ‘नफ़ायसुल मआसिर’, गुलबदन बेगम के ‘हुमायूँनामा’, ‘अकबरनामा’ तथा ‘तबक़ाते अकबरी’ के बाबर से सम्बन्धित सभी पृष्ठों का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। बाबर को समझने के लिए अफ़ग़ानों के दृष्टिकोण का ज्ञान भी परमावश्यक है; अत: भाग ‘स’ में अफ़ग़ानों के इतिहास से सम्बन्धित ‘वाक़ेआते मुश्ताक़ी’, ‘तारीख़े दाऊदी’ तथा ‘तारीख़े शाही’ का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। परिशिष्ट में ‘हबीबुस् सियर’, ‘तारीख़े रशीदी’, ‘तारीख़े अलफ़ी’ तथा ‘तारीख़े सिन्ध’ के आवश्यक उद्धरणों का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। प्रोफ़ेसर रश ब्रुक विलियम्स द्वारा प्रसिद्धि-प्राप्त ‘एहसनुस् सियर’ नामक ग्रन्थ का मिथ्या-खंडन भी परिशिष्ट ही में किया गया है।
बाबर के इतिहास के लिए उसकी आत्मकथा हमारी जानकारी का बड़ा ही महत्त्वपूर्ण साधन है। प्रस्तुत अनुवाद अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना द्वारा किए गए फ़ारसी भाषान्तर से किया गया है, किन्तु मूल तुर्की तथा मिसेज़ बेवरिज एवं ल्युकस किंग के अनुवादों से भी सहायता ली गई है। नाम तो सब के सब तुर्की ग्रन्थ से लिए गए हैं और उनके हिज्जे में तुर्की उच्चारण का ध्यान रखा गया है।
उम्मीद है कि यह ग्रन्थ शोधार्थियों और जिज्ञासु पाठकों के लिए उपयोगी साबित होगा।
1000 Swadhinta Sangram Prashnottari
- Author Name:
Sachin Singhal
- Book Type:

- Description: भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौर में लिखे गए साहित्य को पढ़कर ज्ञात होता है कि आजादी के दीवानों तथा राष्ट्राभिमानियों ने ब्रिटिश सरकार के कितने क्रूरतम अत्याचार सहे। कितने ही राष्ट्र-प्रेमियों ने अपना जीवन राष्ट्रहितार्थ बलिदान कर दिया। आज की नई पीढ़ी को स्वाधीनता संग्राम और उन बलिदानियों के विषय में से परिचित कराना आवश्यक है। आज की भागमभागवाली जीवन-चर्या में व्यक्ति के पास समय का अभाव है, दूसरे आज हम प्रतियोगिता के युग में रह रहे हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर यह पुस्तक वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में अत्यंत सरल-सुबोध भाषा में लिखी गई है। इस कृति को पढ़कर भारत के स्वाधीनता संग्राम के प्रति अंतर्दृष्टि का विकास होता है। प्रस्तुत पुस्तक में ब्ल्यू वाटर पॉलिसी, 1857 के स्वातंत्र्य समर, क्रांतिकारियों, देशभक्तों कांग्रेस का गठन विभिन्न ऐक्ट, कमीशन आदेश, उस काल के समाचार पत्र-पत्रिका-पुस्तकों आदि से संबंधित एक हजार प्रश्न संकलित हैं। भारतीय स्वाधीनता संग्राम का विहंगम दृश्य प्रस्तुत करनेवाली; विद्यार्थियों, अध्यापकों, शोधार्थियों एवं सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए समान रूप से पठनीय एवं प्रेरणादायी पुस्तक।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...