Case No. 56
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
200
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
400 mins
Book Description
‘‘सुरागों से आपराधिक मामले की गुत्थी सुलझ जाती है। अपराधी कोई-न-कोई सुराग जरूर छोड़ते हैं।’’ किशोर की हत्या के मामले को सुलझाने के लिए तेज-तर्रार इंस्पेक्टर जेम्स और युवा डिटेक्टिव अमर सागर एक साथ आते हैं, जो एक जाने-माने कारोबारी हर्ष शिंदे का मैनेजर था। कई सुरागों का सिरा खोलकर भी उन्हें हल नहीं मिलता, जबकि परिस्थितियों से लगने लगता है कि यह एक हादसा है और केस बंद कर देना चाहिए। अमर बेचैन हो उठता है और जाँच को आगे बढ़ाता है, क्योंकि उसे लगता है कि यह एक मर्डर है। जब पेचीदगी सच्चाई पर हावी होने लगती है, तब परिवार का हर एक शख्स शक के दायरे में आता है। क्या अमर उन सुरागों में छिपे मायने देख पाएगा? क्या कातिल शिंदे परिवार का ही कोई सदस्य है? क्या अमर की धारणा उसे केस को सुलझाने में मदद करेगी या वह इसमें उलझकर रह जाएगा? सुरागों से आपराधिक मामलों की गुत्थी सुलझ जाती है। अपराधी कोई-न-कोई सुराग जरूर छोड़ते हैं। लेकिन केस नं. 56 ऐसी बातों को फिजूल साबित करने पर आमादा है। चलिए जाँच के उस सफर पर, जिसमें दोनों कुछ अविश्वसनीय तथ्यों से परदा उठाते हैं।