Parivartansheel Vishwa Mein Bharat Ki Ranneeti
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
228
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
456 mins
Book Description
सन् 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से लेकर सन् 2020 की कोरोना महामारी तक के दशक ने विश्व व्यवस्था में एक वास्तविक परिवर्तन को देखा है। हमारी आँखों के सामने अंतरराष्ट्रीय संबंधों की प्रकृति और इसके नियमों में परिवर्तन हो रहे हैं। भारत के लिए इसका अर्थ है कि अपने लक्ष्यों को अधिक-से-अधिक आगे ले जाने के लिए सभी प्रमुख शक्तियों से अपने संबंध उच्चतम स्तर तक ले जाए। इसके लिए करीबी और दूर के पड़ोसियों से संबंधों को लेकर एक स्पष्ट और गैर-पारस्परिक तरीके की जरूरत है। पूरे विश्व में भारत की पहचान बन रही है जिससे भारत की क्षमता और प्रासंगिकता के साथ ही इसके विशिष्ट प्रवासियों की स्थिति भी बेहतर हो रही है। पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचानेवाले इस युग में भारत से काफी उम्मीदें हैं, जिनके कारण यह एक प्रमुख शक्ति बनने की राह पर खड़ा है। परिवर्तनशील विश्व : भारत की रणनीति में, भारत के विदेश मंत्री, एस. जयशंकर इन चुनौतियों का विश्लेषण करते हैं और संभव नीतिगत प्रतिक्रियाओं का विवरण देते हैं। ऐसा करते हुए, उन्हें भारत के राष्ट्रीय हितों के साथ उसकी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का भी पूरा-पूरा खयाल है। इस विचार को वह इतिहास और परंपरा के संदर्भ में रखते हैं, जो एक सभ्यता की शक्ति रखनेवाले ऐसे देश के लिए उपयुक्त है, जो विश्व-मंच पर फिर से अपनी प्रभावी स्थिति को पाने का प्रयास कर रहा है।