Wisdom Of Excellence
Author:
Dr. Abhishek SrivastavPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
Wisdom is the ability to lead a happy and successful life. It is an integration of knowledge, experience and deep understanding that incorporates tolerance for the uncertainties of life as well as gives us the inner strength to overcome tragedies. We are not provided with wisdom, we must discover it for ourselves, after a journey through excellence which no one else can take for us and effort which no one can spare us. Our social, emotional and cognitive excellence transmute our experience into wisdom. As a matter of fact, a person who has wisdom is unstoppable.
In this book you will learn the art and science of human achievement. The book will teach us how to develop Spiritual wisdom and stay positive especially during tough times. It will offer you practical ideas & time-tested principles on how to move up & succeed in life during despondence. Of course! life is not a bed of roses. It is the confluence of pain and pleasure. It is a rollercoaster. It will knock you down for no fault of yours. Tragedies will hammer you leaving no time for preparation. Setbacks will be ruthless. At this point of time, your courage to persist in the face of adversity, your mental toughness, physical endurance and unshakable faith in yourself will determine the height of your excellence. Enjoy reading the book & gain the wisdom of excellence.
ISBN: 9789355212191
Pages: 180
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
20 Greatest Astronauts of the World
- Author Name:
Monika Koli
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Atmakatha
- Author Name:
Ramprasad 'Bismil'
- Book Type:

- Description: "आत्मकथा—रामप्रसाद बिस्मिल अंतिम समय निकट है। दो फाँसी की सजाएँ सिर पर झूल रही हैं। पुलिस को साधारण जीवन में और समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में खूब जी भर के कोसा है। खुली अदालत में जज साहब, खुफिया पुलिस के अफसर, मजिस्ट्रेट, सरकारी वकील तथा सरदार को खूब आड़े हाथों लिया है। हरेक के दिल में मेरी बातें चुभ रही हैं। कोई दोस्त, आशना अथवा यार मददगार नहीं, जिसका सहारा हो। एक परमपिता परमात्मा की याद है। गीता पाठ करते हुए संतोष है— जो कुछ किया सो तैं किया, मैं खुद की हा नाहिं, जहाँ कहीं कुछ मैं किया, तुम ही थे मुझ माहिं। ‘जो फल की इच्छा को त्याग करके कर्मों को ब्रह्म में अर्पण करके कर्म करता है, वह पाप में लिप्त नहीं होता। जिस प्रकार जल में रहकर भी कमलपत्र जलमय नहीं होता।’ जीवनपर्यंत जो कुछ किया, स्वदेश की भलाई समझकर किया। यदि शरीर की पालना की तो इसी विचार से कि सुदृढ़ शरीर से भली प्रकार स्वदेश-सेवा हो सके। बड़े प्रयत्नों से यह शुभ दिन प्राप्त हुआ। संयुक्त प्रांत में इस तुच्छ शरीर का ही सौभाग्य होगा। जो सन् 1857 के गदर की घटनाओं के पश्चात् क्रांतिकारी आंदोलन के संबंध में इस प्रांत के निवासी का पहला बलिदान मातृ-वेदी पर होगा। —इसी पुस्तक से अमर शहीद, क्रांतिकारियों के प्रेरणा-ग्रंथ पं. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा मात्र आत्मकथा नहीं है। उनके जीवन के सद्गुणों का सार है, जो भावी पीढ़ियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी है। हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय पुस्तक। "
Kiya Ankiya
- Author Name:
Purushottam Agarwal
- Book Type:

- Description: पुरुषोत्तम अग्रवाल हमारे समय की एक महत्त्वपूर्ण बौद्धिक और सर्जनात्मक उपस्थिति हैं। उनका लेखन रूप और अन्तर्वस्तु की दृष्टि से विविध और विशाल है। उनकी कई स्वतंत्र छवियाँ हैं, लेकिन कोई एक छवि नहीं है। चिन्तक, आलोचक, कवि, कथाकार, विमर्शकार, कार्यकर्ता, पत्रकार, व्यंग्यकार, प्राध्यापक, फ़िल्म-विशेषज्ञ, धर्मशास्त्री से मिलकर उनकी छवि बनती है। उनकी समग्र छवि की परख और पहचान के लिए उनके सम्पूर्ण लेखन का परिचय प्राप्त करना जितना ज़रूरी है, उतना ही कठिन भी। उनका समग्र पाठ श्रमसाध्य है, इसलिए उनकी रचनाओं का एक प्रतिनिधि चयन और प्रकाशन विलम्बित माँग थी जिसे इस संचयन के प्रकाशन से पूरा करने का प्रयास किया गया है। नवीन और प्राचीन वैश्विक वैचारिक निरूपणों और साहित्यिक सिद्धान्तों की स्पष्ट समझदारी और उनसे संवाद की प्रवृत्ति पुरुषोत्तम अग्रवाल की शक्ति है, जो उनके लेखन को निरन्तर आकर्षक और विचारोत्तेजक बनाए रखती है। इसी से उनमें बौद्धिक साहस उत्पन्न होता है, इस साहस का एक प्रमाण है अस्मितावाद की शक्ति और सीमाओं का तटस्थ व साहसपूर्ण मूल्यांकन। इसी साहस का एक और प्रमाण है—धर्म, अध्यात्म और साम्प्रदायिकता पर उनका रुख़। वे धर्म को सत्ता-तंत्र मानते हैं लेकिन आध्यात्मिकता को सहज मानवीय प्रवृत्ति के रूप में देखते हैं। कबीर, कार्ल मार्क्स, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के धर्म और अध्यात्म सम्बन्धी विचारों के आधार पर अपनी अवधारणा को तैयार करते हैं। उनकी दृढ़ मान्यता है कि धर्म का फलतः साम्प्रदायिकता का, उन्मूलन तभी सम्भव है जब आध्यात्मिकता को मानव सुलभ मानकर धर्म से उसे स्वायत्त किया जाए। पुरुषोत्तम अग्रवाल के लेखन का एक बड़ा हिस्सा भक्तिकाल पर है। ख़ास तौर पर कबीर पर। जाति, धर्म, औपनिवेशिक आधुनिकता, अस्मितावाद इत्यादि वैचारिक निरूपणों से आच्छादित कबीर के कवि रूप को सामने लाकर उन्होंने उनकी प्रासंगिकता को पुनः अनुभूत बनाया है। बौद्धिक बेचैनी, साहित्यिक अभिरुचि, सांस्कृतिक अन्तर्दृष्टि और आलोचकीय विवेक के साथ समकालीन जीवन के विविध पक्षों और प्रश्नों पर विचार करनेवाले बुद्धिजीवी विरल हैं। पुरुषोत्तम अग्रवाल की पत्रकारिता इस दृष्टि से आश्वस्तिदायक है। उनका कथा साहित्य विविध संकटों से आच्छन्न बौद्धिक-जीवन के संघर्ष और जिजीविषा को सामने लाता है। उनके साहित्य में फासीवाद के देशी संस्करण के दबाव में अभिव्यक्ति के संकट और कला-बुद्धि-विरोधी दमघोंटू वातावरण की भयावहता का एहसास मुक्तिबोध की याद दिलाता है।
JPSC Jharkhand | Samanya Adhyayan Paper-1 | Bharat Ka Itihas, Kala Evam Sanskriti "भारत का इतिहास, कला एवं संस्कृति" Prarambhik Pariksha - 2024
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sadak Se Sansad Tak
- Author Name:
Shivanand Tiwari
- Rating:
- Book Type:

- Description: लोहिया, जेपी, किशन पटनायक, रामानन्द तिवारी, कर्पूरी ठाकुर वाली परम्परा के ही नेता हैं शिवानंद तिवारी। जितना लम्बा उनका राजनीतिक जीवन है आज की राजनीति में कम लोगों का है। वे गैर-कांग्रेसी, गैर-भाजपाई राजनीति करते रहे हैं और सन् पैंसठ के पहले से सक्रिय हैं। बाबा के नाम से विख्यात शिवानन्द जी के पास अनुभव, किस्सों और प्रत्यक्ष देखी घटनाओं का सम्भवत: सबसे बड़ा खजाना है। वे साठ के दशक के आखिर में शुरू हुए अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन वाले दौर से सक्रिय रहे हैं और चौहत्तर के जेपी आन्दोलन के अगुआ लोगों में हैं। उन्होंने किशन पटनायक के साथ लोहिया विचार मंच और समता संगठन की राजनीति की और उनसे अलग होकर भी उनकी वैचारिक और व्यावहारिक राजनीति के पाठ से अलग नहीं हुए। इन भाषणों और टिप्पणियों से उनके चिन्तन का दायरा और दिशा झलकती है। साफ लगता है कि भूमंडलीकरण और साम्प्रदायिक राजनीति उनकी चिन्ता के केन्द्र में है। शिवानंद जी के इन भाषणों में किसानों की आत्महत्या, बुनकरों की भुखमरी और आत्महत्या, पेटेंट रीजीम से होने वाली मुश्किलों और उसकी कानूनी लड़ाई, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति, अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा गरीबों का भोजन बढ़ाने से महँगाई आने के कुतर्क की आलोचना, किसानों के खेती छोड़ने पर टिप्पणी है। और इसमें से काफी चीजों के लिए नई आर्थिक नीतियों को दोषी बताया गया है। यह आलोचना सही थी और यह किताब का महत्त्व है क्योंकि भूमंडलीकरण के पूरे दौर में कहीं से संसद के अन्दर इन नीतियों की आलोचना नहीं हुई।
Yashasvi Bharat (PB)
- Author Name:
Mohan Bhagwat
- Book Type:

- Description: "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक ऐसा सांस्कृतिक संगठन है, जिसके लाखों समर्पित स्वयंसेवक राष्ट्र-निर्माण में लगे हैं और भारत को परम वैभव संपन्न बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने सन् 1925 की विजयादशमी को इसी उद्देश्य से संघ की स्थापना की। समर्पित भाव से व्यक्ति-निर्माण के महती कार्य को लक्षित कर संघ के स्वयंसेवक देश-समाज के प्रायः सभी क्षेत्रों—सेवा, विद्या, चिकित्सा, छात्र, मजदूर, राजनीति—में ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ के मूलमंत्र को जीवन का ध्येय मानकर प्राणपण से जुटे हैं। संघ दुनिया में अपनी तरह का अकेला संगठन है। पिछले कुछ समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को निकट से जानने और गहराई से समझने की जिज्ञासा बढ़ी है। संघ के छठे और वर्तमान सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत के विचारों पर आधारित यह पुस्तक इस दिशा में दीपशिखा का काम करेगी। यह पुस्तक अलग-अलग अवसरों पर दिए उनके व्याख्यानों का संग्रह है। ‘हिंदुत्व का विचार’, ‘भारत की प्राचीनता’, ‘हमारी राष्ट्रीयता’, ‘समाज का आचरण’, ‘स्त्री सशक्तीकरण’, ‘विकास की अवधारणा’, ‘अहिंसा का सिद्धांत’, ‘बाबा साहेब आंबेडकर’ और ‘भारत का भवितव्य’ जैसे विषयों पर दिए गए उनके व्याख्यान संघ को समझना आसान बना देते हैं। वैसे अपने व्याख्यानों में मोहनराव भागवत बार-बार कहते हैं कि ‘संघ को समझना हो तो संघ में आइए’। यह पुस्तक पाठक के विचारों को परिष्कृत करेगी और समाज में ऐसे राष्ट्रभाव जाग्रत् करेगी, जिससे ‘यशस्वी भारत’ का लक्ष्य सिद्ध होगा।
Do Bailon Ki Jori
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajendra Mohan Bhatnagar ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Rajendra Mohan Bhatnaga
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Itihas Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher History Practice Sets in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gautam Buddh Se Seekhen Jeevan Jeene Ki Kala (Hindi Translation of Buddha on Happiness)
- Author Name:
Dr. K.P. Wasnik
- Book Type:

- Description: यह पुस्तक महात्मा बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को बहुत ही सरल एवं स्पष्ट तरीके से रेखांकित करती है; बुद्ध की महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं का वर्णन करती है; दुःख को सुख और प्रसन्नता में बदलने की अंतर्दृष्टि प्रदान करती है ।यह शिक्षा सिखाती है कि कैसे अपने प्रति दयालुता और अपने एवं दूसरों के दर्द के प्रति करुणामय भाव विकसित करें। बुद्ध द्वारा सिखाई गई महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं का अभ्यास करके हम जीवन में विभिन्न चुनौतियों का कुशलता से प्रबंधन करने में सक्षम हो जाते हैं। जो कोई इस पुस्तक द्वारा बुद्ध की शिक्षाओं का अध्ययन तो करे पर अपने जीवन में अभ्यास न करे, तो उसकी स्थिति एक सूप में चम्मच की तरह है, जो हर रोज बरतन में तो है, लेकिन सूप का स्वाद नहीं जानता | सुख, शांति और आनंदपूर्ण जीवन जीने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाने की आवश्यकता है, जो हम इस पुस्तक से सीख सकते हैं।
Dekhan Mein Chhote Lagain
- Author Name:
Mridula Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shivna Sahityiki April-june 2023
- Author Name:
Pankaj Subeer
- Rating:
- Book Type:

- Description: UGC Registered General
Kalpantak Yogi Brahmarishi Devraha Baba Jivan Parichay Book In Hindi
- Author Name:
Amit Kumar Pandey
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sarvashreshtha Mann Dwara Safalta Payen
- Author Name:
Joseph Murphy
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Premyoga
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: No Description Available for this Book
Grenadier Yogendra Singh Yadav
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Yogendra Singh Yadav was born on May 10, 1980 in the Ahir village of Aurangabad in Bulandshahr district of Uttar Pradesh. Rank—Grenadier, Retired as Honorary Captain Unit—18 Grenadiers War—Kargil War (Operation Vijay – 1999) Award—ParamVir Chakra Recognition—five months old when he joined the Indian Army. He became the youngest 'ParamVir Chakra' awardee at the age of 19 years. The entire world will always remember the exemplary valour displayed by the Indian soldiers in the Kargil war. Grenadier Yogendra Singh Yadav not only defeated the enemy but also dodged death in this war. At the time of receiving the ParamVir Chakra award he was only 19 years of age. He is the youngest soldier to have received the ParamVir Chakra.
Shabda-Shabda Manush Gandh
- Author Name:
Ved Prakash Amitabh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Badlav Ke Tirahe Par Jharkhand "बदलाव के तिराहे पर झारखंड" Book in Hindi | Vidya Bhooshan
- Author Name:
Vidya Bhooshan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vivah Sanskar Ki 100 Lok-Kahaniyan "विवाह संस्कार की 100 लोक कहानियाँ" | Hindi Translation of Marriage| Rites Folk Stories Book
- Author Name:
Devdutt Pattanaik
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JANIYE BIHAR KA BHOOGOL
- Author Name:
Subodh Kumar Nandan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...