Hindi Ke Paryaya Purushottam Das Tandon
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
280
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
560 mins
Book Description
‘‘जो भी व्यक्ति टंडनजी के संपर्क में आए, सबने उनसे कुछ-न-कुछ सीखा। यह महापुरुषों की निशानी है, जो उनसे मिले, लेकर गए। हमने भी उनसे लिया, जिससे दिल और दिमाग की दौलत बढ़ी। वे ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपने सिद्धांतों पर अटल स्तंभ की तरह डटे रहते हैं।’’ —जवाहरलाल नेहरू ‘‘उनका जीवन भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। वह अनेक प्रकार से राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक कामों में हमारा नेतृत्व करते आए है।’’ —गोविंदवल्लभ पंत ‘‘टंडनजी का व्यक्तित्व प्राचीन भारतीय संस्कृति की उस ओजस्विता का प्रतीक है, जिसने हर नए को अपनी अजस्र ज्ञान-धारा में समा लेने और उनके परस्पर समन्वय का प्रयास किया है।’’ —अनंतशयनम अय्यंगार ‘‘यह पुस्तक केवल एक महापुरुष की उल्लेखनीय जीवनी ही नहीं है, अपितु राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भाषायी कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए ‘कर्मगीता’ भी है।’’ —गोपाल प्रसाद व्यास