Raja Ravi Varma

Raja Ravi Varma

Authors(s):

Ranjit Desai

Language:

Hindi

Pages:

288

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

576 mins

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Book Description

यह एक ऐसे बालक की कहानी है, जो लकड़ी के कोयले से ताजा पुताई वाली दीवारों पर चित्र बनाते हुए बड़ा हुआ और जिसने आगे चलकर अपने कलात्मक कौशल के दम पर ‘राजा’ की पदवी प्राप्त की। अपनी पत्नी के घर में काम करनेवाली एक नायर महिला का चित्र बनाने पर उन्हें जितने क्रोध का सामना करना पड़ा, उतना ही सम्मान भी मिला। अनेक आलोचकों और प्रशंसकों का ध्यान महाराष्ट्र की महिला सुगंधा के साथ उनके गहरे संबंध की ओर आकृष्ट हुआ, जो उनके सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्रों की मेनका, दमयंती और उर्वशी बनी। रवि वर्मा भारत के सबसे प्रसिद्ध चित्रकार थे। वे जितने विवादित थे, उतने ही प्रतिभावान। उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को मंदिर से बाहर लाकर सामान्य लोगों के घरों तक पहुँचाया और अपने ब्रश के स्पर्श से इतिहास की अनेक हस्तियों एवं पलों को अमर कर दिया। यूरोपीय कला से पूरी तरह प्रभावित वर्मा को अनेक अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में यश मिला और देश की कई रियासतों ने उन्हें सम्मानित किया। ऐसा कहा जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने उनसे अपना छायाचित्र बनवाया था। सांस्कृतिक इतिहास से समृद्ध और ब्रिटिश राज की पृष्ठभूमि में लिखा गया प्रसिद्ध मराठी लेखक राजा रवि वर्मा के जीवन पर केंद्रित रणजीत देसाई का यह उपन्यास हमें भारत के पहले और महान् कलेंडर आर्टिस्ट के जीवन से जुड़ी कई नई बातों को जानने और उनके मन को समझने का अवसर देता है।

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