LOKPRIYA JASOOSI KAHANIYAN

LOKPRIYA JASOOSI KAHANIYAN

Language:

Hindi

Pages:

200

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

400 mins

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Book Description

‘दीवारों के भी कान होते हैं’, हिंदी में इस कहावत का क्या आधार है? इसकी परिभाषा या व्याख्या की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि एक अनपढ़ भी इसका मतलब समझता है। जासूसी का इतिहास बहुत लंबा है। पाँच हजार साल पीछे जाएँ तो महाभारत में भी कई मिसाल मिल जाएँगी। पांडवों का अज्ञातवास भंग करने का प्रयास एक जासूसी प्रकरण नहीं तो और क्या है! जासूसी कहानी में एक जबरदस्त कौतूहल, जिज्ञासा और उत्कंठा होती है, जो पाठक की दिलचस्पी को आगे आनेवाली घटनाओं के बारे में मजबूती से पकड़कर रखती है। पाठक के सभी अनुमान विफल हो जाते हैं, जब घटनाक्रम अकस्मात् नए-नए मोड़ लेता है। इस रुचि को बाँधे रखना ही जासूसी कहानियों के लेखक की लेखन-निपुणता की कसौटी है। बड़े-बड़े तिलिस्मी उपन्यासों, जैसे कि चंद्रकांता संतति, भूतनाथ, सफेद शैतान आदि से कौन परिचित नहीं है। इस संग्रह में अंग्रेजी की कुछ प्रमुख और लोकप्रिय जासूसी कहानियों का संकलन है, जो रहस्य-रोमांच से भरपूर हैं और पाठकों को बाँधकर रखने की अद्भुत क्षमता रखती हैं।

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