Samay Ki Dastak (Samasaamayik Aalekhon Ka Sankalan)
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
350
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
700 mins
Book Description
अख़बार, टी.वी. और डिजिटल से लेकर रेडियो तक पत्रकारिता की हर विधा को साध चुके संदीप कुलश्रेष्ठ पिछले 37 वर्षों से लगातार लेखन और संपादन का कार्य कर रहे हैं। इस पुस्तक में संकलित उनके लेखों को पढक़र मेरे मन में जो सबसे पहला सवाल आया, कि यह एक पत्रकार की पुस्तक है या एक साहित्यकार की? उनके लेखन की विविधता एक पत्रकार के अंदर छिपे लेखक के रूप में सामने आई है। हमारे यहाँ कहा जाता है कि साहित्य शब्द दो शब्दों से मिलकर बनता है। स: और हित:, यानी एक ऐसा तरीका, जिसमें किसी एक वर्ग-जाति-धर्म-समाज-समूह-संप्रदाय या देश की जगह, समस्त विश्व और समाज के कल्याण की भावना निहित हो—संदीपजी की पुस्तक इसी भावना से ओतप्रोत है। संदीप कुलश्रेष्ठ जी पिछले तीन दशकों से अपने लेखन के माध्यम से इस बदलाव के लिए काम कर रहे हैं। यह पुस्तक जहाँ एक ओर उनके जीवन के बीते पलों को प्रदर्शित करती है, वहीं सामाजिक बदलावों की ओर भी इशारा करती है। इस पुस्तक के माध्यम से एक लेखक के गढऩे की प्रक्रिया को भी आप बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। श्री कुलश्रेष्ठ ने जीवन में जिन पलों को जिस रूप में जिया है या अपने आस-पास घटित होनेवाली घटनाओं को जिस रूप में देखा है, उसे उसी रूप में चुनिंदा शब्दों के माध्यम से इस पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। —प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी महानिदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान