Deepak Jalana Hi Bhata Rahe
Author:
Ram Kinkar SinghPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
किंकर की कविताओं का यह अद्भुत संकलन अत्यधिक रोचक एवं उपयोगी है। कविताएँ न केवल जीवन का दर्शन प्रस्तुत करती हैं, अपितु प्रेरणादायक भी हैं। जहाँ एक ओर इन कविताओं के माध्यम से विशुद्ध प्रेम का निवेदन है, वहीं दूसरी ओर हार को कभी न स्वीकारने का संकल्प भी है। मनुष्य अपना मार्ग किस प्रकार प्रशस्त करे, इसका विवरण पथिक कविता में सुचारु रूप से किया गया है। कवि ने प्रकृति के माध्यम से ईश्वर के बोध का सजीव प्रस्तुतीकरण प्रकृति और ईश्वर कविता में प्रस्तुत किया है।
राम किंकर सिंह की कविताएँ अवसर और परिश्रम के सराहनीय उद्देश्य को लेकर सोचने के लिए प्रेरित करनेवाली हैं। जीवन में हर महत्त्वपूर्ण बिंदु को इस तरह स्पर्श करती हैं, जिससे सभी पल जीवंत हो उठें।
—अनिल स्वरूप
आई.ए.एस. (अ.प्रा.)
पूर्व सचिव, भारत सरकार
लेखक और विचारक
ISBN: 9789392012013
Pages: 176
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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