Bharatiya Sainya Patniyon Ki Sahasik Kahaniyan (Hindi Translation of The Force Behind The Forces)
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
200
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
400 mins
Book Description
भारतीय सैन्य बलों के पराक्रमी; शूरवीर, जाँबाज और निर्भीक सैनिक अपना सर्वस्व मातृभूमि पर समर्पित कर देते हैं। होम कर देते हैं अपना यौवन, अपने सपने, ताकि हमारे तिरंगे की आनबान अक्षुण्ण रहे और हमारी सीमाएँ सुरक्षित। पर इनके साथ ही इनका परिवार और स्वयं भी उनकी इस साधना में बराबर के साझेदार होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में लेखिका ने सात वीर नारियों और उनके परिवारों के जीवन पर प्रकाश डाला है। व्यक्तिगत हानि, घर चलाने की जिम्मेदारी, भविष्य की चिंता, बच्चों के पालन-पोषण जैसी समस्याओं से निपटने और जिंदगी की सच्चाई का सामना करती पत्नियों के चित्रण में काफी कुछ अनूठापन है। वीर नारी को खुद भी यह समझने की जरूरत है कि कैसे उसके छोटे-छोटे बच्चे भविष्य की उन चुनौतियों से निपटेंगे, जिनका उन्हें भान तक नहीं है। सैन्य पत्नियों से भविष्य के लिए मजबूत होने, छोटे बच्चों की देखभाल करने और दयालु होने की अपेक्षा की जाती है। पर अपेक्षाओं का बोझ उठाना आसान नहीं होता है। एक सैनिक के न रहने पर सैनिक की पत्नियों को किन कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उनके परिवारवालों और समाज को उनके क्या- क्या अपेक्षाएँ होती हैं, इन सब ज्वलंत प्रश्नों पर इस पुस्तक में गंभीरता से विचार किया है। हमारे बलिदानी सैनिकों की उतनी ही त्यागी पत्नियों के समर्पण, संघर्ष और साहस की प्रेरक गाथा हैं ये कहानियाँ।