Rahen Na Rahen Hum
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
198
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
396 mins
Book Description
रहें, न रहें हम' मौजूदा अनुभवों से बिल्कुल अलग, हिंदी फिल्म संगीत और गीत की दुनिया के नायाब और अतरंगी शाहकारों से प्रभावित है। इस पुस्तक का संछिप्त विवरण देना हो तो यह वह सृजन है, जिसमें एक दिल की अलग-अलग भावनाओं को शब्द देते हुए उन संगीतबद्ध मालाओं में पिरोया गया है, जिन्हें हम जाने कब से अपनी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बना चुके हैं।यह संग्रह एक प्रयास है, जो पूर्व-गठित सुरों में जडि़त नए अल्फाज को एक नए नजरिए से आपके समक्ष प्रस्तुत करता है। इस संग्रह की हर एक रचना ध्वन्यात्मक है। सुर और ताल से सजे, ये गैर-मामूली गीत, पढ़े जाने पर दिल के तारों को छेड़ते हुए पाठक को उसकी अपनी यादों की दुनिया में ले जाकर गुनगुनाने पर मजबूर करने की क्षमता रखते हैं।निःसंकोच, 'रहें, न रहें हम' गीत और शायरी जगत् में एक ऐसा मुसाफिर है जो अपना कारवाँ खुद बनाएगा। ये सफर अत्यंत सुहाना होगा, बेशक उसकी कोई मंजिल हो, या न हो