JEENE KI RAAH SHRIMADBHAGVADGITA
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
136
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
272 mins
Book Description
आपि यह पुस्तक उठाकर पढ़ रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आप कहीं-न-कहीं आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक शांति तलाश रहे हैं। बेशक हजारों युगों से मानव का पथ-प्रदर्शन करनेवाली श्रीमद्भगवद्गीता आपके लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी कभी यह महाबली अर्जुन या उन्नत महापुरुषों की प्रतिकूल अवस्थाओं में रही है। ‘जीने की राह’ में मौजूद श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित ‘सफलता के व्यावहारिक नियम’ आपके जीवन को सुखद और मंगलमय बनाने के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। इस पुस्तक में वे सनातन रहस्य छिपे हैं, जो आपके विशिष्ट स्वप्नों को साकार करने में आपका मार्गदर्शन और आपकी सहायता करेंगे। यह इस धारणा को पुष्ट करती है कि आर्थिक या आध्यात्मिक सफलता केवल सुनिश्चित योजनाओं, उच्च महत्त्वाकांक्षा और कठिन परिश्रम से ही प्राप्त हो सकती है। प्रख्यात टेलीविजनकर्मी सुहैब इल्यासी ने इस पुस्तक में स्वयं अपने जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता की व्यावहारिक उपयोगिता का प्रेरणात्मक उल्लेख किया है। उनका मानना है कि जब हम श्रीमद्भगवद्गीता द्वारा बताए तरीके से जीवन गुजारना शरू करते हैं तो फिर प्रकृति से तादात्म्य सहज ही स्थापित हो उठता है और जीवन में सुख-सौभाग्य, सुस्वास्थ्य, सुमधुर संबंध और भौतिक सुख अनायास ही प्राप्त होने लगते हैं। यह पुस्तक जीवन में आध्यात्मिक उत्थान और स्वयं की पहचान करानेवाली तथा जीवन को जबरदस्त उत्प्रेरणा से भर देनेवाली एक व्याहारिक कृति है।