Jain Dharma Ki Kahaniyan
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
152
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
304 mins
Book Description
"जैन धर्म की कहानियाँ—ध्रुव कुमार जैन संस्कृति बड़ी प्राचीन है। यह स्वयं में इतनी व्यापक, मौलिक तथा चिंतनपरक है कि इसे किसी विशिष्ट संस्कृति की परिधि में आबद्ध नहीं किया जा सकता। जैन धर्म और संस्कृति ने विश्व की अनेक संस्कृतियों को किसी-न-किसी रूप में प्रभावित किया है। कहानी साहित्य की एक प्रमुख विधा है, जिसे सबसे अधिक लोकप्रियता प्राप्त हुई है। हमारे प्राचीनतम साहित्य में कथा के तत्त्व जीवित हैं। जैन कथा साहित्य न केवल भारतीय कथा साहित्य का जनक रहा है, अपितु संपूर्ण विश्व कथा साहित्य को उसने प्रेरणा दी है। भारत की सीमाओं को लाँघकर जैन कथाएँ अरब, चीन, लंका, यूरोप आदि देश-देशांतरों में पहुँची हैं और अपने मूल स्थान की भाँति वहाँ भी लोकप्रिय हुई हैं। जैन कथा साहित्य के कथानक बड़े मर्मस्पर्शी हैं और व्यापक भी। जीवन के शाश्वत तत्त्वों का इनमें निरूपण हुआ है तथा पात्रों का चरित्र स्वाभाविक रूप में होने के कारण सर्वग्राह्य बन पड़ा है। इन कहानियों में तीर्थंकरों, श्रमणों एवं श्लाकापुरुषों की जीवनगाथाएँ मुख्य हैं, जिनमें धर्म के सिद्धांतों का स्पष्टीकरण होता चलता है। प्रस्तुत पुस्तक की जैन कहानियों में कथोपकथन के माध्यम से केवल मनोविनोद ही नहीं होता, बल्कि उनमें जीवन की सरस अनुभूतियों के साथ संस्कृति, सभ्यता, दर्शन तथा धर्म की व्याख्या भी मिलती है। "