Swami Vivekananda Ke Success Siddhant
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
160
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
320 mins
Book Description
स्वामी विवेकानंद के सक्सेस सिद्धांत -- * हम जो बोते हैं, वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं। हवा बह रही है, वे जहाज, जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बँधे हैं, हवा को नहीं पकड़ पाते। क्या यह हवा की गलती है ? * हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहित करें और साथ-ही-साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके, लाने का प्रयास करें। * जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान् पर विश्वास नहीं कर सकते। भला हम भगवान् को खोजने कहाँ जा सकते हैं, अगर उसे अपने हृदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते। ब्रह्मांड की सारी शक्तियाँ पहले से हमारी हैं | वो हमीं हैं, जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। * जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है, तब वह वास्तविक, भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सबकुछ भूल जाओ। स्वामी विवेकानंद अप्रतिम मेधा के धनी थे, जिन्होंने अल्पायु में ही मानव समाज को अपने ज्ञानकोष से समृद्ध किया। इस मंजूषा में प्रस्तुत हैं कुछ विचार-रत्न जो आपके सफल और सुखी भविष्य का पथ प्रशस्त करेंगे।