Gyanmarg Karmayogi Swami Vivekananda
Author:
Deokinandan GautamPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
"ज्ञानमार्ग कर्मयोगी स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद महान् स्वप्नद्रष्टा थे। अध्यात्मवाद बनाम भौतिकवाद के विवाद में पड़े बिना भी यह कहा जा सकता है कि समता के सिद्धांत का जो आधार विवेकानंद ने दिया, एक बौद्धिक आधार शायद ही ढ़ूँढ़ा जा सके।
स्वामीजी की दृष्टि में स्पष्ट हो चुका था कि भारत के अध्यात्म से पश्चिम की आत्मा को पुष्ट करना होगा और पश्चिम की वैज्ञानिक समृद्धि से भारत के तन का पोषण करना होगा। दोनों एक-दूसरे की प्रतिपूर्ति करेंगे, पूरक बनेंगे, तब मानवता का कल्याण होगा और इसके लिए स्वामी विवेकानंद को अमेरिका जाना होगा।
पवित्रता को नरेंद्रनाथ आध्यात्मिक जीवन की आधारशिला मानते हैं। उनके लिए यह विधा दूषण का प्रतिरोध न होकर सर्व स्वस्ति से प्रगाढ़ प्रेम है। यह स्वस्ति कामना अपने व्यापकतम अर्थ में है, जो एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में सभी प्रकार के जीवन को अपने आगोश में लेती है।
परमहंस ने द्वैत-अद्वैत के प्रतीयमान विरोधाभास में एकता स्थापित की। इस बराबरी (धार्मिक बराबरी) का वैचारिक आधार भी एकमात्र अद्वैत ही प्रदान कर सकता है, क्योंकि इसमें किसी अन्य को अपने से अभिन्न ही माना जाता है और इसी आधार पर नैतिक आचरण का निर्माण होता है।
स्वामीजी को युवकों से बड़ी आशाएँ हैं। लेखक ने आज के युवकों के लिए ही इस ओजस्वी संन्यासी का जीवन-वृत्त उनके समकालीन समाज एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है।
"
ISBN: 9789350482650
Pages: 232
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Khel-Khel Mein Ganit
- Author Name:
Gupta +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash-E-Book
- Author Name:
Kamlesh
- Book Type:

-
Description:
‘‘कवि कमलेश हमारे समय के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, हालाँकि उन्होंने कभी विद्वता का कोई दावा नहीं किया। उनकी रुचि साहित्य के अलावा संस्कृति और विचार के अनेक अनुशासनों जैसे—दर्शन, मनोविज्ञान, नृतत्त्व आदि में थी। महान् रूसी कवियों और उनके माध्यम से रूसी संस्कृति की उद्भव-गाथा और उसके विनाश की शोक-कथा प्रस्तुत करनेवाली यह अनूठी पुस्तक है। इसमें कवियों का सिर्फ़ वैचारिक विश्लेषण भर नहीं है—कविताओं का हिन्दी अनुवाद भी है। किसी विदेशी भाषा के इतने सारे महान् कवियों और उनके माध्यम से किसी देश की संस्कृति के अध्ययन का ऐसा कोई दूसरा उदाहरण हिन्दी में तो क्या शायद किसी अन्य भारतीय भाषा में भी न होगा। इस अद्वितीय पुस्तक को रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम सहर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
—अशोक वाजपेयी
Winning Despite All Odds
- Author Name:
Gaurav Krishna Bansal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sinhasan Battisi
- Author Name:
Mukesh 'Nadan'
- Book Type:

- Description: No Description Available for this Book
But Marte Nahin
- Author Name:
Brahmaveer Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Premchand Vishwakosh An Encyclopaedia of Premchand’s Life and Literature Vol. 2-‘Literature’
- Author Name:
Dr. K.K. Goyanka
- Rating:
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gulliver's Travels
- Author Name:
Jonathan Swift
- Book Type:

- Description: Gulliver’s Travels describes the four voyages of Lemuel Gulliver, a ship's surgeon. In Lilliput, he discovers a world in miniature. Towering over the people and their city, he is able to view their society from the viewpoint of a god. However, in Brobdingnag, a land of giants, tiny Gulliver himself comes under observation, exhibited as a curiosity at markets and fairs. On Laputa, a flying island, he encounters a society of speculators and projectors who have lost all grip on everyday reality. While they plan and calculate, their country lies in ruins. Gulliver's final voyage takes him to the land of the Houyhnhnms, gentle horses whom he quickly comes to admire, in contrast to the Yahoos, filthy bestial creatures who bear a disturbing resemblance to humans.
Apni Sanskriti
- Author Name:
Madhav Govind Vaidya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindi Aandolan Aur Nagari Pracharini Sabha
- Author Name:
Amish Verma
- Book Type:

- Description: उन्नीसवीं सदी का उत्तरार्द्ध हिन्दी भाषा के स्वरूप निर्माण के लिए एक महत्त्वपूर्ण दौर था। इस समय हिन्दी को एक सुनिश्चित रूप देने के लिए कई स्तरों पर संगठित प्रयास भी हो रहे थे। हिन्दी को राष्ट्रीयता का आधार-बिन्दु मानकर जहाँ विदेशी शासकों का मुकाबला किया जा रहा था, वहीं उसे हिन्दू धर्म से जोड़कर उसे एक धार्मिक प्रतीक के रूप में भी खड़ा किया जा रहा था। नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना इसी सामाजिक, सांस्कृतिक वातावरण में 1893 में हुई। यह आश्चर्यजनक है कि हिन्दी भाषा और साहित्य के लिए समर्पित इस संस्था को लेकर हिन्दी में कोई महत्त्वपूर्ण अध्ययन अब तक नहीं हुआ है। युवा अध्येता अमिष वर्मा का यह अध्ययन ‘हिन्दी आन्दोलन और नागरीप्रचारिणी सभा’ इस कमी को दूर करता है। सभी उपलब्ध स्रोतों की श्रम-साध्य पड़ताल के आधार पर सम्पन्न यह शोध हिन्दी आन्दोलन के सन्दर्भ में सभा की शुरुआती गतिविधियों और उसकी भाषा-नीति का विश्लेषण करता है। इस पुस्तक से हम हिन्दी-उर्दू के अन्तर्सम्बन्धों के इतिहास से भी परिचित होते हैं। इसमें उन ऐतिहासिक कारणों को समझने का प्रयास किया गया है जिनके चलते ये दोनों भाषाएँ न सिर्फ अलग हो गईं, बल्कि दो अलग धर्मों से भी जुड़ गईं, और अभिव्यक्ति का माध्यम न रहकर राजनीतिक औजार बन गईं। नागरीप्रचारिणी सभा की 1893-1902 की रिपोर्ट और पदाधिकारियों सम्बन्धी अन्य जानकारियाँ इस पुस्तक की विशेष उपलब्धि है जिसे परिशिष्ट में संयोजित किया गया है।
BHOLA AUR USKE BHAI
- Author Name:
Neha Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mrida Pradushan
- Author Name:
S.G. Misra +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Periyar Lalai Singh Granthawali : Vols. 1-5
- Author Name:
Periyar Lalai Singh
- Book Type:

-
Description:
मैं तो यही कहूँगा कि वर्णाश्रम धर्म, गहरी मानवीय असमानता के प्रति हमें सहिष्णु बनाता है। यह असमानता कई अलग-अलग स्वरूपों में प्रकट होती है। इसमें शामिल हैं—आर्थिक, सामाजिक, पितृसत्ता, लैंगिकता, जाति प्रथा, आध्यात्मिक और सोच आदि की असमानता। ये एक-दूसरे को क्रमवार मजबूती देती हैं। भारतीय समाज इसके क्रूर दमन पर आधारित है। पूरी दुनिया में जिसकी कोई और मिसाल मिलना मुश्किल है।
भारत के सभी सत्ताधारी वर्णाश्रम धर्म के मौन समर्थक हैं, ऐसा नहीं है, मुझे ऐसा लगता है कि वर्णाश्रम धर्म, वर्तमान सत्ताधारी पार्टी की विचारधारा, हिन्दुत्व, का अभिन्न अंग है। इसके प्रवक्ता गोलवलकर ने साफ शब्दों में लिखा था कि वर्ण और आश्रम, समाज में हिन्दू ढाँचे की विशेषताएँ हैं।
भारत में हिन्दुत्ववादी आन्दोलन के समर्थक वर्ण, आश्रम और जाति-प्रथा के सार्वजनिक व्यख्याता और प्रशंसक हैं। अगर नरमपंथी—हिन्दू राष्ट्रवादी, वर्णाश्रम धर्म के विरोध में हैं, तो वे हिन्दुत्व के प्रखर विरोध के लिए आगे क्यों नहीं आते हैं! और समतामूलक सोच और समाज का अभियान क्यों नहीं चलाते? यह ग्रंथ और पेरियार ललई सिंह का चिन्तन इसी बात को चरितार्थ करता है।
—ज्यां द्रेज
Janadesh 2024: Hindutav Ki Hattrick
- Author Name:
Harsh Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Manu Sharma ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Manu Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindu-Padpadshahi
- Author Name:
Vinayak Damodar Savarkar
- Book Type:

- Description: शिवाजी महाराज ने एक पत्र में लिखा था—‘‘स्वयं भगवान् के ही मन में है कि हिंदवी-स्वराज्य निर्मित हो।’’ उस युवा वीरपुरुष ने क्रांतियुद्ध की पहल की। शिवाजी महाराज ने शालिवाहन संवत् 156७ (ई.स. 16४5) में अपने एक साथी के पास भेजे हुए पत्र में—स्वयं पर लगे इस आरोप का निषेध किया कि बीजापुर के शाह का प्रतिरोध कर उन्होंने राजद्रोह का पाप किया है। उन्होंने इस बात का स्मरण कराते हुए उच्च आदर्शों की भावना भी जाग्रत् की कि अपना एकनिष्ठ बंधन यदि किसी से है तो वह भगवान् से है, न कि किसी शाह- बादशाह से। उन्होंने उस पत्र में लिखा है— ‘‘आचार्य दादाजी कोंडदेव और अपने साथियों के साथ सह्याद्रि पर्वत के शृंग पर ईश्वर को साक्षी मानकर लक्ष्य प्राप्ति तक लड़ाई जारी रखने और हिंदुस्थान में ‘हिंदवी-स्वराज्य’ यानी हिंदू-पदपादशाही स्थापित करने की क्या आपने शपथ नहीं ली थी? स्वयं ईश्वर ने हमें यह यश प्रदान किया है और हिंदवी-स्वराज्य के निर्माण के रूप में वह हमारी मनीषा पूरी करनेवाला है। स्वयं भगवान् के ही मन में है कि यह राज्य प्रस्थापित हो।’’ शिवाजी महाराज की कलम से उतरे ‘हिंदवी-स्वराज’—इस शब्द मात्र से एक शताब्दी से भी अधिक समय तक जिस बेचैनी से महाराष्ट्र का जीवन तथा कर्तव्य निर्देशित हुआ और उसका आत्मस्वरूप जिस तरह से प्रकट हुआ, वैसा किसी अन्य से संभव नहीं था। मराठों की लड़ाई आरंभ से ही वैयक्तिक या विशिष्ट वर्ग की सीमित लड़ाई नहीं थी। हिंदूधर्म की रक्षा हेतु, विदेशी मुसलिम सत्ता का नामोनिशान मिटाने के लिए तथा स्वतंत्र और समर्थ हिंदवी-स्वराज्य स्थापित करने के लिए लड़ी गई वह संपूर्ण लड़ाई हिंदू लड़ाई थी।
Money Making Skills by Warren Buffet: A Guide to Building Wealth (Warren Buffett Investment Strategy Book)
- Author Name:
Pradeep Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC TRE 3.0 Bihar Teacher Recruitment Class 11-12 "हिंदी भाषा" Hindi | 20 Practice Sets (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Meera Sikri Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Meera Sikri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sevasadan
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MY BEST POEMS
- Author Name:
SACHIN
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...