Moti Chune Hansa
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
150
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
300 mins
Book Description
मोती चुने हंसा' काव्यकृति में प्रेम के जीवनदर्शन को प्रस्तुत किया गया है। प्रेम जीवन-सागर का ऐसा मोती है, जिसे भावुक और संवेदनशील स्वभाव वाला व्यक्ति पहचान लेता है। प्रारंभ में प्रेम शारीरिक प्रतीत होता है, लेकिन आगे चलकर पता चलता है कि यह नितांत आंतरिक और सूक्ष्म है। जीवन के सुख-दु:ख में हमें कई प्रकार से इसकी अनुभूति होती रहती है। प्रेम के क्षणों की तलाश ही जीवन-यात्रा का प्रमुख लक्ष्य है। जिस प्रकार हंस बाकी सब छोड़ केवल मोती ही चुगता है, उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन के मूल्यवान क्षणों को अपनाकर आत्मसात् कर लेना चाहिए, क्योंकि प्रेम ही हमारे व्यक्तित्व को पूर्णता की ओर ले जाता है। यह कभी मिटता नहीं है। आत्मा की तरह अमर हो जाता है। पुनर्जन्म की संकल्पना इसी से जुड़ी है। और हाँ, प्रेम में देना ही है, लेना कुछ नहीं है। प्रेम समर्पण की भावना का आधार है। इसलिए हंस की तरह मोती चुनिए और जीवन को सार्थक बनाइए।