Cactus Evam Anya Laghukathayen

Cactus Evam Anya Laghukathayen

Authors(s):

Dr. Upma Sharma

Language:

Hindi

Pages:

168

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

336 mins

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Book Description

कथा-सृजन के कई मानक होते हैं और कथाकारों की कई श्रेणियाँ। साहित्य के रूप केवल रूप नहीं हैं, बल्कि जीवन को समझने के विभिन्न माध्यम भी हैं। एक माध्यम जब चुकता दिखाई पड़ता है तो दूसरे माध्यम का निर्माण किया जाता है। अपनी इसी यात्रा में मानव ने समय-समय पर नए-नए कला-स्तरों की सृष्टि की। अपने मन के अनुसार सृष्टि करना मानव स्वभाव का अंग है। उसकी रचना के रूप अलग हो सकते हैं, पर ज्यों- ज्यों वह बड़ा होता है, उसकी रचनाधर्मिता की दिशाएँ भी बदल जाती हैं। रचनात्मकता सबसे पहले आत्माभिव्यक्ति है। इस अभिव्यक्ति के माध्यम कई हो सकते हैं। जब-जब विचारों की कौंध होती है, कोमल, संवेदनशील हृदय उसे अभिव्यक्त करने के लिए व्याकुल हो उठता है और जब उस विचार या अनुभव को लिखित अभिव्यक्ति दे देता है तो शब्दों के मोती ढुलकना शुरू कर देते हैं। उनकी लडिय़ाँ अपने आप बनने लगती हैं। जब मन में भाव की चुभन होने लगती है और अनुभव की पीड़ा बहुत सघन होती है, तब वे कागज पर उतरे बिना नहीं रहते। मेरा लेखन सायास नहीं रहा। जब-जब भावों ने मन को विह्वïल किया, रचना कागज पर अपने आप उतर आई।

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