Usi Dehari Par (Stories Book)

Usi Dehari Par (Stories Book)

Authors(s):

Usha Kiran Khan

Language:

Hindi

Pages:

144

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

288 mins

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Book Description

‘‘हटो, छोड़ो मुझे, मेघ बुन्नी में किधर जाऊँ, सो यहीं चहलकदमी कर रहा हूँ। क्या कहती हो तुम, मैं बैठ जाऊँ?’’ नाराजगी भरे स्वर में कहा। सपना नीचे उनके घुटने के पास बैठ गई। उनके घुटने सहलाने लगी। ‘‘नानाजी, क्या नानी माँ या बूढ़ी नानी ने आपको कभी ऊँट कहा?’’ ‘‘कहा, कहा क्यों नहीं? मेरी माँ ने तो ऊँट, घोड़ा, गदहा सबकुछ कहा। उन्होंने जो कहा, वह मैंने किया। है कि नहीं? बताओ!’’ ‘‘और नानी माँ ने कहा कभी ऊँट?’’ ‘‘नहीं, कभी नहीं।’’ ‘‘पक्का?’’ ‘‘पक्का’’—नाना ने सपना का मुस्कुराता चेहरा इस धुँधले बल्ब में देखा और समझ गए कि इन्हें वह हँसाकर गुस्सा कम करवाना चाहती है। ‘‘चलो उठो और मुझे भी उठने दो। हाथ-पैर धोओ, नानी माँ तुम्हारी राह देख रही हैं। दस बजे से घर से गायब हो। भूखी होगी!’’ —इसी पुस्तक से हिंदी की मूर्धन्य और प्रतिष्ठित साहित्यकार उषाकिरण खान की कहानियाँ मर्मस्पर्शी और संवेदनशील होती हैं। उनकी कथाओं की भावभूमि हमारे अंतस्थल को स्पर्श करती हैं, हमें झकझोरती हैं और सामाजिक ताने-बाने का एक ऐसा स्वरूप बुनती हैं, जो पाठकों को बाँध लेता है। अत्यंत भावपूर्ण और रोचक कहानियों का पठनीय संकलन।

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