Drishti Nahin, Drishtikon Chahiye
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
160
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
320 mins
Book Description
अनगिनत भारतीयों की तरह ही राजेश सिंह का भी एक सपना था। वह एक आई.ए.एस. अधिकारी बनना चाहते थे। बस एक समस्या थी—वह देख नहीं सकते थे। यह पुस्तक पटना के एक युवा, राजेश के प्रेरणादायी सफर की कहानी है, जो प्रज्ञाचक्षु है। भारी मुश्किलों से लड़ता हुआ वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में अपनी पूरी ताकत लगा देता है। यह परीक्षा बेहद कठिन और प्रतिस्पर्धात्मक है, लेकिन इसमें सफल होना कई लोगों का सपना भर रह जाता है। लेकिन अपनी प्रबल इच्छाशक्ति, अदम्य जिजीविषा, कठिन परिश्रम, लगन और साधना ने दिव्यांग उत्साही राजेश को इस दुर्गम प्रतियोगिता में सफल होने का मार्ग प्रशस्त किया। ऐसी प्रेरक जीवनयात्रा पाठकों के समक्ष इस भाव से प्रस्तुत है कि किसी शारीरिक अक्षमता के बावजूद व्यक्ति फौलादी इरादों के बल पर अपने सपनों को पूरा करने के लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर सकता है।