Hamara Sanskritik chintan
Author:
Suresh Bhayyaji JoshiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
मृत्युंजय भारत क्या होता है? मृत्युंजय भारत वह वास्तविक रूप से सारे दुनिया को सही दिशा देनेवाला, कभी भी समाप्त न होनेवाला, ऐसा अगर कोई राष्ट्र है तो वह भारत राष्ट्र है। इसका कई प्रकार के शब्दों में वर्णन किया गया है।
भारत का चिंतन क्या है, विकास के संदर्भ में हमारी सोच क्या है, एक बात ध्यान में आती है कि सभी ने केंद्र में किसे रखा है? विकास का विचार करते हैं तो सभी ने मनुष्य को केंद्र में रखा है। जब हम सुख-समृद्धि, समाधान की बात करते हैं, तो उसमें व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, यह उसके केंद्र में, उसके चिंतन में मौजूद है। उसके विकास की कोई सीमा ही नहीं है, वह असीमित है।
हम भूमि की पूजा करते हैं, हम नदियों की पूजा करते हैं, हम भवायु के रूप में भगवान् की पूजा करते हैं, हम पेड़-पौधों की पूजा करते हैं। यह क्या है सब। पागलपन नहीं है। इस पूजा भाव के साथ हमारे यहाँ संस्कार देने की बात आती है कि इनकी बड़ी कृपा है हमारे ऊपर।
ISBN: 9789390900053
Pages: 232
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: सत्ता एवं विश्वासघातों का एक आख्यान—जो उद्घाटित करता है कि विभाजन के समय अंग्रेज़ों के वास्तविक उद्देश्य क्या थे, और किस प्रकार भारतीय नेतृत्व उनसे मात खा गया। भारत के विभाजन एवं अंग्रेज़ों की आशंकाओं के मध्य निर्णायक कड़ी थी—सोवियत रूस का मध्य-पूर्व में ऊर्जा के (तैल) कूपों पर नियंत्रण, जिस पर इतिहासकारों एवं विश्लेषकों ने पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। ब्रिटिश नेताओं ने जब अनुभव कर लिया कि भारतीय राष्ट्रवादी नेता सोवियत यूनियन के विरुद्ध महाखेल में उनका सहयोग नहीं करेंगे, उन्होंने ऐसी परिस्थिति तैयार करने की सोची कि वे उनसे अपने मन्तव्य को पूरा करा लें। इस प्रक्रिया में, वे अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु ‘इस्लाम’ का राजनीतिक इस्तेमाल करने में भी नहीं हिचके। कैसे एक सघन धूम्रपट के पीछे इस योजना की कल्पना की गई और कैसे इसे कार्यान्वित किया गया—यही सब इस ‘विभाजन की असली कहानी’ की विषयवस्तु है। लेखक द्वारा खोज निकाले गए अतिगोपनीय दस्तावेज़ी सबूत महात्मा गांधी, मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड लुइस माउंटबेटन, विंस्टन चर्चिल, क्लीमेंट एटली, लॉर्ड आर्चिबाल्ड वेवल, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचन्द्र बोस, सरदार पटेल, वी.पी. मेनन एवं कृष्णा मेनन जैसी कई विशिष्ट हस्तियों पर नई रोशनी डालते हैं। पुस्तक की विषयवस्तु उन अल्पज्ञात तथ्यों को भी प्रकाश में लाती है जिनका सम्बन्ध अमेरिका द्वारा एक नई उत्तर-औपनिवेशिक विश्व-व्यवस्था विकसित करने की आशा में सहयोग के अतिरिक्त, भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में ब्रिटेन पर बनाए गए अप्रत्यक्ष दबाव से है। लेखक ने वर्तमान कश्मीर समस्या के मूल कारणों और संयुक्त राष्ट्र में इस मामले पर हुए विचार-विमर्श की रूपरेखा भी यहाँ प्रस्तुत की है। यह समयोचित पुस्तक वर्तमान भारतीयों के लिए एक चेतावनी है कि वे उस अति आदर्शवाद, अतिगर्व एवं पलायनवाद से बचें जिसके शिकार उनके कुछ पूर्वज हुए।
Dekho Hamri Kashi
- Author Name:
Hemant Sharma
- Book Type:

- Description: काशी ज्ञान की शलाका है और बनारस औघड़ों का ठहाका है। काशी रहस्यों की गहराई है, बनारस किस्सों की ठंडाई है। काशी दिव्य है, बनारस भव्य है। काशी प्रणम्य है, बनारस रम्य है | काशी मुक्ति है, विरक्ति है; लेकिन बनारस हेमंतजी की परम आसक्ति है। यदि काशी में बनारस की तलाश है तो “देखो हमरी काशी ' की उँगली पकड़िए'''रस-ही- रस। गद्य में पद्य का रस, राग और लय का आनंद इस पुस्तक की हर कथा की प्रत्येक पंक्ति में है। इन कथाओं में तथ्य, तर्क और भाव-प्रवाह भरपूर है। जैसा रस “बैताल पचीसी' की कथाओं में है कि उन्हें कोई सामान्य पाठक भी पढ़े तो उसका मनोरंजन होगा। कोई समझदार व्यक्ति पढ़े तो उसे जहाँ ज्ञान प्राप्त होगा, वहीं उसे जीवन जीने का मार्ग भी मिल सकता है। यही बात हेमंतजी की इन कथाओं में है । इसमें ऐसे पात्र हैं, जो हेमंतजी के या हमारे-आपके अपने रोजमर्रा के जीवन के ताने-बाने में गुँथे हुए हैं । वे इतने अभिन्न हैं कि उन्हें अलग-अलग देखना संभव नहीं हो पाता । यह पुस्तक संस्मरण विधा में एक नवोन्मेष है। यह संस्मरण काशी की संस्कृति और बनारसी जीवन का रंगमंच प्रतीत होता है। इसमें वर्णित व्यक्तियों के जरिए काशी की संस्कृति, परंपरा और जीवनधारा की खोज की गई है। जो सदियों से सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन के अपरिहार्य अंग रहे हैं । ऐसे लोगों को केंद्र में रखकर कथा बुनी गई है । इस पुस्तक के पात्र चाहे जो हों, वे सामाजिक जीवन में साधारण भले माने जाते हों, पर कथा में वे असाधारण हैं ।
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