Positive Parenting
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
168
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
336 mins
Book Description
"• ‘हमारी बेटी गुपचुप किसी लड़के से बात करती है।’ • ‘मेरी बेटी बॉलीवुड के गानों पर डांस सीखना चाहती है। जब से मैंने मना किया है, तब से वो ढीठ और गुस्ताख हो गई है।’ • ‘हमारा एक बेटा है और वह हर समय अपने कमरे में चुपचाप बैठा रहता है; उसका कोई दोस्त भी नहीं है।’ हर बच्चा, हर परिस्थिति और सारे हालात अपने आप में बिल्कुल अलग हैं। अभिभावक होना अपने आप में अनोखा अनुभव होता है या एक रोलर-कोस्टर राइड की तरह नजर आता है। कोई नहीं जानता कि आगे किस तरह का रोंगटे खड़े कर देनेवाला दृश्य सामने आ जाएगा, कहाँ यह सफर धीमा होगा, कहाँ अगला खतरनाक मोड़ आएगा और यह भी कोई नहीं बता सकता कि जमा देनेवाली रफ्तार कब, किस दौर में पहुँचा देगी! इससे पहले कि इस सफर का यात्री खुद को सँभाल पाए और सफर के असर का आकलन भी कर पाए, सफर खत्म हो चुका होता है! बच्चे बड़े हो गए! अभिभावक होने का हर पल उत्साह, खुशी, खिन्नता और निराशा के दौर से भरा एक अनुभव होता है। अगर आप एक अभिभावक हैं, जो इस भूमिका से प्यार करते हैं, लेकिन साथ ही चिढ़ पैदा करनेवाले तमाम सवालों से भी जूझते हैं और फिर भी हमेशा इस बारे में कुछ सुनने और सीखने को लालायित रहते हैं, तो यह किताब आपके हर उस पल को खुशनुमा बना देगी, जो अभी आपके जीवन को दुष्कर बनाए हुए हैं। इसी के साथ आप माता-पिता होने का बेहतरीन अनुभव भी हासिल कर पाएँगे! "