Sarvottam Jeevan Ka Nirman Karen
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
152
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
304 mins
Book Description
"यदि कार्यस्थल पर किसी व्यक्ति के साथ आपकी तनातनी चल रही है तो तुम उस स्थिति को बदलने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करो। जब भी उनका खयाल आपके दिमाग में आए, विशेष तौर पर उस व्यक्ति का, जिसके साथ आपको समस्या है, तो उस व्यक्ति की कमियों की बजाय खूबियों पर अपना ध्यान केंद्रित करें। आपको आश्चर्य होगा कि किस प्रकार से आपके संबंधों में सुधार आता है। हालाँकि हर व्यक्ति यही सोचता है कि धनी होने से ही वह खुश हो सकता है, ऐसा नहीं है, खुशियों का केंद्रबिंदु यह नहीं होता। यदि आप अपने आपसे प्यार नहीं करना जानते, यदि आप अपने आपको माफ करना नहीं सीखे, यदि आप आभार प्रकट करना नहीं जानते तो पैसा आपकी कोई मदद नहीं करेगा। पैसे से आप केवल अपना गुस्सा निकालने और उनपर चिल्लाने के लिए नौकरों की फौज खड़ी कर सकते हैं। —इसी पुस्तक से विश्वविख्यात सेल्फ हेल्प एक्सपर्ट लुइस एल. हे ने अपने अनुभवों से यह बताया है कि जीवन में सकारात्मकता ही सफलता की कुंजी है। इस पुस्तक में उन्होंने बहुत व्यावहारिक सूत्र दिए हैं, जिनका अनुसरण कर हम एक सर्वश्रेष्ठ जीवन बिता सकते हैं। सफल और सुखी जीवन जीने की एक प्रैक्टिकल हैंडबुक।