Dr. Kalam Guru Gyan
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
200
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
400 mins
Book Description
"डॉ. कलाम को देश के युवाओं में अगाध विश्वास था। वे देश के कल्याण को लेकर इस कदर चिंतित रहते थे कि अपने जीवन के आखिरी दो घंटे उन्होंने आतंक और संसद् की काररवाई ठप होने के खतरों पर चर्चा करते हुए बिताए थे। अपने आखिरी क्षणों में भी उनका भरोसा कायम था कि युवा, खास तौर पर छात्र तमाम पीड़ादायी मुद्दों के समाधान लेकर देश के लिए आगे आएँगे। नई पीढ़ी के प्रज्वलित मस्तिष्क के प्रति उनका विश्वास हमेशा बना रहा, जिसे वे धरती पर सबसे बहुमूल्य उपहार मानते आए थे। मुझे इस महान् आत्मा के साथ बेहद करीब से काम करने का मौका मिला। लोगों के लिए भले वे मिसाइलमैन रहे हों, मेरे लिए वो हमेशा ‘स्माइलमैन’ ही रहेंगे। दुनिया ने उन्हें अंतरिक्ष विज्ञानी के तौर पर देखा, जिसने उपग्रहों को धरती के चारों ओर घूमते हुए देखा। मैंने उन्हें एक महान् आत्मा के तौर पर देखा, जिसने लोगों को सपने देखने का उपहार दिया—सपने और उनको सच करने का साहस प्रदान किया। दुनिया ने मात्र उनके कामों को देखा, जबकि मैं खुशकिस्मत रहा कि मुझे उनके भावनात्मक हिस्से का भी गवाह बनने का मौका मिला। वे एक वैज्ञानिक, संत, लेखक, शिक्षक, कवि और दार्शनिक थे, सब मिलाकर वे स्नेह और बुद्धिमत्ता का एक पुंज थे। आइए, अब मैं आपको एक हैरतअंगेज सफर पर ले चलता हूँ—एक ऐसा सफर, जिस पर चलते हुए मैंने डॉ. कलाम से काफी कुछ सीखा। "