Tenaliram Se Seekhen Samasyaon Ke Hal

Tenaliram Se Seekhen Samasyaon Ke Hal

Authors(s):

Renu Saini

Language:

Hindi

Pages:

150

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

300 mins

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Book Description

हर व्यक्ति सफलता प्राप्त करना चाहता है, स्वयं को उत्कृष्टता के शिखर पर देखना चाहता है। मगर उत्कृष्टता के पर्वत पर पहुँचने के लिए एक-एक कदम उत्कृष्टता के साथ ही रखना पड़ता है । अगर लापरवाही से कदम बढ़ाया जाए तो फिसलने व गिरने का डर बना रहता है। उत्कृष्टता के शिखर तक पहुँचने के लिए अनिवार्य है कि पीछे छोड़नेवाले हर कदम को सर्वोत्तम बनाया जाए, ताकि वह न केवल दूसरों को मार्ग दिखा सके, बल्कि पीछे निशान भी छोड़ सके। उत्कृष्टता सदैव सकारात्मक परिणाम देती है। तेनालीराम एक ऐसे व्यक्ति थे, जो हर छोटे-बड़े काम को अपनी बुद्धि के साथ करते थे और कभी भी पीछे नहीं हटते थे। ज्ञान के चक्षु खोलने का कार्य शिक्षा करती है। तेनालीराम शिक्षित थे। उनकी शिक्षा ने भी उनके ज्ञान को बढ़ाया, जिस कारण वे हर कार्य को चतुराई से करके अपने शत्रुओं व प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते रहे। तेनालीराम केवल एक थे। उनके जैसा कोई नहीं बन सकता। मगर हाँ, उनकी कहानियों एवं उनके जीवन को जान कर कोई भी स्वयं को शिखर पर ले जा सकता है। हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए 'एक पठनीय पुस्तक ।

tenalirama
Renu saini
wise and witty stories of tenalirama

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