Dand Ka Aranya

Dand Ka Aranya

Authors(s):

Brahmaveer Singh

Language:

Hindi

Pages:

160

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

320 mins

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Book Description

"दंड का अरण्य-ब्रह्मवीर सिंह दंड का अरण्य युवा उपन्यासकार ब्रह्मवीर सिंह की नक्सलवाद से उपजे दर्द को लेकर निष्पक्ष दृष्‍टि है। नक्सली और खाकी के बीच पिसती आदिवासियों की साँसों का लेखा-जोखा है और मौतों के बाद छलके आँसुओं को स्वर देनेवाली अभिव्यक्‍ति है। दंड का अरण्य सैकड़ों लोगों की हत्याओं के सौदागरों और गुनहगारों के चेहरे से नकाब उठाता है। बेबस लोगों की लाशों पर भावनाओं का कड़वा सच है। वैसे नक्सलवाद को लेकर लेखन बहुत हुआ है, बहुत हो रहा है। परंतु यह कृति निष्पक्षता का भरोसा दिलाती है। दंड का अरण्य किसी वाद का विरोध नहीं करता। किसी विवाद को जन्म नहीं देता। यह उपन्यास विचारों की हिंसा में टूटती साँसों की दो-टूक अभिव्यक्‍ति है। आशा है, उपन्यास नक्सलवाद के रहते उपजी लोगों की बेबसी को नए नजरिए से पारिभाषित करेगा। विचारों के आवरण को हटाएगा और...सच न देखने के लिए मुँदी आँखों को खोल सकेगा।"

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