Pokhran
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
224
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
448 mins
Book Description
1974 में परमाणु-परीक्षण 'स्माइलिंग बुद्धा' की सफलता ने भारत को परमाणु-शक्ति के तौर पर उल्लेखनीय गति प्रदान की। लेकिन पोखरण के निवासियों, विशेषकर चैतन्य पर, इसके दुष्प्रभाव की खबर मीडिया की सुर्खियाँ नहीं बनीं । बहुत जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि रेडियो एक्टिव फॉलआउट के इर्द-गिर्द बुने गए इस षड्यंत्र का गहरा संबंध इसकी स्थापना से जुड़ा था। इस षड्यंत्र को छिपाने में जिनका हाथ है, वे इस राज को दफनाने के लिए भरपूर और हरसंभव प्रयास कर रहे हैं । चैतन्य इस सच्चाई को उजागर करने की राह पर चल पड़ता है। जारा का साथ पाकर उसे विश्वास हो जाता है कि वह लोगों को न्याय दिला सकता है । लेकिन जब नियति जारा को उससे दूर कर देती है, तो वह प्रतिशोेध की आग में जलने लगता है। धमकियों से डरे बिना वह एक मिशन पर निकल पड़ता है, जो उसे पोखरण के रेगिस्तान से सीरिया की जमीन तक पहुँचा देता है और एम.आई.टी. की सभाओं तक। एक दिलचस्प मोड़ लेते हुए ' पोखरण' मुख्य रूप से बदले की असाधारण यात्रा, साहस, प्रेम और अजेय मानवीय शक्ति की कहानी है, जिसे पढ़कर पाठक रोमांचित हो जाएँगे।