Baatein Kam Scam Zyada
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
144
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
288 mins
Book Description
लोगो के पूर्व में दिए हुए प्यार, स्नेह और ऊर्जा को आधार बनाकर एक बार फिर कुछ रचनाएँ आपके हवाले कर रहा हूँ। रचनाएँ अच्छी बनी हैं या बुरी, ये तो पाठक ही तय करेंगे, मगर इतना जरूर कह सकता हूँ कि इन्हें लिखने, सुधारने और सँवारने में मैंने अपना सबकुछ झोंक दिया है। अगर विषय हल्का-फुल्का है तो इस बात का तनाव नहीं लिया कि कैसे इस लेख से मानवजाति को कोई बड़ा संदेश दिया जाए और विषय गंभीर है, तो सहज ही वहाँ हास्य के बजाय व्यंग्य प्रधान हो गया। लेकिन इतनी कोशिश जरूर रही कि गंभीर व्यंग्य रचनाएँ भी विट से अछूती न रहें वरना वे बोझिल हो जाती हैं। मेरा मानना है कि अच्छा हास्य-व्यंग्य कभी उपदेश का चोला पहनकर नहीं आता। वो आपको हमेशा सही-गलत पर ज्ञा न नहीं देता। वो हरदम गिरते नैतिक मूल्यों की बात कर मनहूस शक्ल बनाए नहीं बैठता। वो एक हँसमुख दोस्त की तरह आता है। खूब हँसी-मजाक करता है। माहौल को हल्का करता है और जाते-जाते कुछ ऐसा कह जाता है कि आप रुककर उस पर विचार करने लगें। यह पहाड़ों की धार्मिक यात्रा की तरह है, जो आपको घूमने का आनंद तो देती ही है, साथ ही यह गर्व भी दे जाती है कि आपकी यात्रा का एक पवित्र मकसद है। ऐसी यात्रा जहाँ पवित्रता अंतिम गंतव्य है, लेकिन सफर मजे से भरा हुआ है।—नीरज बधवार