Devarshi: Narayan-Narad Samvad

Devarshi: Narayan-Narad Samvad

Language:

Hindi

Pages:

136

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

272 mins

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Book Description

कलियुग काल में एक पूर्वनिर्धारित योजना के अनुसार, एक दिन नारद तथा नारायण ने पृथ्वी लोक की ओर प्रस्थान किया और धरती के विभिन्न भागों का भ्रमण करने लगे। भ्रमण के दौरान नारायण एक बूढ़े किसान तथा नारद एक नौजवान का वेश धारण किए हुए थे। रास्ते में आतेजाते हर व्यक्ति की दृष्टि इस अद्वितीय जोड़ी पर अवश्य पड़ती। नारद द्वारा पहना गया श्वेत सदरा उनके रूप की आभा बढ़ा रहा था। उन्होंने अपने काले घुँघराले बालों को समेटकर एक नारंगी पगड़ी में बाँध रखा था। उनकी काली सुनहरी आँखें एवं गोरा तेजस्वी शरीर उनके व्यक्तित्व को शोभायमान कर रहा था। वस्तुत: नारद कद से तो छोटे थे, किंतु उनके व्यक्तित्व का तेज सबके आकर्षण का केंद्र बन जाता। नारद के रूप की व्याख्या तो तेजल थी ही, परंतु नारायण की ख्याति इतनी अपूर्व थी कि वर्णन करने हेतु शब्द भी कम पड़ जाएँ। रूपवान चेहरे पर बड़ी बादामी आँखें, लालिमायुक्त गाल, चौड़ा सीना, गठीला बदन व विशिष्ट चाल के कारण वे वृद्ध वेश में भी युवा प्रतीत हो रहे थे। —इसी पुस्तक से देवर्षि नारद और त्रिलोकीनाथ नारायण के अनेक प्रसंगों पर आधारित रोचक एवं प्रेरणादायी कथाओं की पठनीय पुस्तक।

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