Meharabaan Kaise Kaise (Hindi)
Author:
Virendra JainPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Unavailable
जीवन में हम जो पाना चाहते हैं उसे पाने के लाखों प्रयास करते ही हैं। प्रायः उनका परिणाम सुखद होता है। ठीक इसी मुकाम पर पहुँचकर हम वह सब भूल जाते हैं जिसके चलते वहाँ तक पहुँचना संभव हुआ। इससे उलट हमारी लाख कोशिशों के बाद भी जब कभी हमारा इच्छित प्राप्त नहीं होता, तब! तब वह कवायद ताउम्र ऐसे याद रही आती है जैसे कल ही की बात हो।
जीवन में सायास या अनायास उपकृत होते रहना भी नियति है। कभी ऐसी परिस्थितियाँ निर्मित होती हैं जो बुद्धि और विवेक को संज्ञा-शून्य कर देती हैं। सब कुछ ठहर-सा जाता है। कुछ भी चीह्न पाना कठिन हो जाता है। कालांतर में वे स्थितियाँ ही पूछती हैं—बताओ तो हम क्या हैं! क्यों हैं! हमारी जो परिणति हुई, वही अपरिहार्य थी! क्षणिक उन्माद का, आवेग का प्रतिफल तो नहीं थी! वीरेंद्र जैन ने इन संस्मरणात्मक आख्यानों में कहीं इसका उत्तर तलाशने का प्रयास किया है तो कहीं उत्तर देने का।
ISBN: 9789355620095
Pages: 176
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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