Farfando Reminiscence
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
Hindi
Pages:
250
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
500 mins
Book Description
डॉ. कीर्ति काले ने पद्य के क्षेत्र में अपने गीतों से अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। अब गद्य के क्षेत्र में उनका अश्वमेध यज्ञ अबाध गति से चल रहा है। गत वर्ष उनका व्यंग्य संग्रह 'ओरत्तिरेकी' चर्चा में रहा और यह वर्ष जाते-जाते उनका यह संस्मरण-संग्रह 'फरफंदो ' शिष्ट गद्य की एक विशिष्ट कृति के रूप में आया है।आत्मीय भाषा और चित्रोपम शैली में उनके संस्मरण हृदयस्पर्शी और रोचक हैं। यह सिद्ध करता है कि बचपन सारे जीवन भर आच्छादित रहता है। खट्टा, मीठा, कसैला या कैसा भी बचपन रहा हो, जीवनभर प्रभावित करता है। कीर्ति कालेजी के जीवन संपर्क में आए अनगिनत चेहरों में कुछ को उन्होंने लेखनीबद्ध किया है। इस खूबसूरती से किया है, मानो पाठक उनमें अपनत्व खोज पाता है। संस्मरण विधा आत्म-मंथन कौ विधा है, सत्य लेखन की विधा है। लेखिका ने अपने सत्य का उद्घाटन करते हुए ऐसे संस्मरण दिए हैं, जिनके साथ पठनीयता एवं विश्वसनीयता जुड़ी है। आप पढ़ते जाइए और जुड़ते जाइए। —डॉ. हरीश नवल प्रख्यात लेखक एवं पूर्व प्राध्यपक