Barack Obama: A Complete Biography
Author:
A.K. GandhiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
Born on August 4, 1961, the 44th President of the United States, Barack Obama, is known for his charismatic speaking style and his ability to inspire and motivate people. He was the first African-American president of the United States. Before entering politics, Obama worked as a community organiser, civil rights attorney, and law professor. He served in the Illinois State Senate from 1997 to 2004 and was elected to the United States Senate in 2004, representing Illinois.
Obama is regarded as an empathetic and compassionate leader, deeply committed to promoting social justice and equality. As a leader, Obama is often described as thoughtful and deliberative, taking a methodical and strategic approach to decision-making. Even under pressure, he maintains his composure and focus. Another inspiring aspect of Obama’s personality is that he is completely rooted in his family. Even after the end of his presidency, Obama continues to influence the world with his actions and words. His life presents us with a view of the world that makes our thinking exalted; that makes reading his biography a must.
ISBN: 9789355217875
Pages: 148
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Mother
- Author Name:
Maxim Gorky
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BAGICHE KA SHISHTACHAR
- Author Name:
Manjari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Janjateeya Yoddha : (Swabhiman Aur Swadheenta Ka Sangharsh)
- Author Name:
Ranjana Chitale
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have any description
Sanskritik Utthan Ka Marg
- Author Name:
Ram Sahay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
PLEDGE FOR AN INTEGRATED INDIA
- Author Name:
Ed. Devesh Khandelwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main Premchand Bol Raha Hoon
- Author Name:
Ed. Rajasvi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhasha Ki Rajneeti, Gyan Ki Parampara
- Author Name:
Shubhneet Kaushik
- Book Type:

-
Description:
पिछले दो-तीन दशकों में हिन्दी नवजागरण और हिन्दी-नागरी आन्दोलन पर केन्द्रित अध्ययनों ने हिन्दी लोकवृत्त की हमारी समझ को निश्चित ही समृद्ध किया है। लेकिन जहाँ तक हिन्दी के भाषाई संगठनों का सवाल है तो ये अध्ययन हिन्दीभाषी क्षेत्र के इन भाषाई संगठनों के समूचे वजूद को प्रायः भाषायी राजनीति के चश्मे से ही देखते हैं। कहना न होगा कि ऐसा कोई भी मूल्यांकन उन भाषायी संगठनों की बहुआयामी गतिविधियों के आकलन का एक संकीर्ण और सीमित नजरिया है। ऐसे मूल्यांकनों में इन भाषायी संगठनों की वह भूमिका परिदृश्य से ओझल हो जाती है, जो वे हिन्दी लोकवृत्त में ज्ञानोत्पादन की प्रक्रिया में निभा रहे थे। इसलिए मौजूदा पुस्तक में हिन्दी साहित्य सम्मेलन का इतिहास लिखते हुए उसे सिर्फ भाषा की राजनीति या हिन्दी-नागरी आन्दोलन में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की भूमिका तक ही सीमित नहीं किया गया है, बल्कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन की बहुआयामी गतिविधियों और हिन्दी लोकवृत्त में ज्ञान के सृजन में सम्मेलन के योगदान को समग्रता से विश्लेषित करने का प्रयास भी इसमें हुआ है।
‘भाषा की राजनीति, ज्ञान की परम्परा’ एक संस्था के रूप में हिन्दी साहित्य सम्मेलन के इतिहास को उसकी समग्रता में प्रस्तुत करने का प्रयास है। इसमें हिन्दी लोकवृत्त के निर्माण में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की भूमिका और उसके योगदान का विस्तृत विश्लेषण तो हुआ ही है। साथ ही, हिन्दी साहित्य सम्मेलन के स्थापना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उसकी शुरुआती गतिविधियों, सम्मेलन के वार्षिक अधिवेशनों, सम्मेलन द्वारा कराई जाने वाली परीक्षाओं और उसके प्रकाशनों की चर्चा भी इस पुस्तक में विस्तार से की गई है। हिन्दी-नागरी आन्दोलन से सम्बद्ध अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर सम्मेलन ने कैसे काम किया, इसका विश्लेषण भी इसमें हुआ है। बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में भाषा की राजनीति ने कैसे करवट ली और हिन्दी साहित्य सम्मेलन की इसमें क्या भूमिका रही, इतिहास-लेखन के क्षेत्र में हिन्दी साहित्य सम्मेलन और उससे जुड़े विद्वानों और इतिहासकारों के मत और उनके योगदान की पड़ताल के साथ ही हिन्दी में विज्ञान सम्बन्धी लेखन के क्षेत्र में हिन्दी साहित्य सम्मेलन के योगदान को भी इस पुस्तक में विश्लेषित किया गया है.
Ugate Suraj ka Desh JAPAN
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: जापान जाने के आपके पास असंख्य कारण हो सकते हैं। मुख्य रूप से जापान की बिजनेस संस्कृति, सुंदर समुद्र तट, मेहनतकश लोग, हिमाच्छादित पर्वत- श्रृंखला, अद्भुत मंदिर, ज्वालामुखी, नैसर्गिक सौंदर्य, वहाँ की परंपराएँ, रीति-रिवाज, परिधान, त्योहार, खाना, उच्च प्रौद्योगिकी, कार्यशैली और सबसे ऊपर वहाँ की विनम्रता पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है। जापानी अध्यात्म से जुड़े रहते हैं; अत्यंत सक्रिय जीवन जीते हैं; राष्ट्रनिष्ठ होते हैं और मानवीय गुणों से युक्त पारस्परिक जीवन जीते हैं। बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों का आयात करने के बावजूद जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया के किसी देश में इस तरह की नीति का निर्माण करने के बावजूद आर्थिक विकास पर आगे बढ़ने का और कोई उदाहरण फिलहाल नहीं है। इससे अलग जापान दुनिया के सबसे ज्यादा निवेश करनेवाले देशों में भी शामिल है। अधिकतर लोग जापान की प्राकृतिक सुंदरता और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने वहाँ जाते हैं। यह पुस्तक संक्षेप में जापान की संस्कृति, अर्थव्यवस्था, रीति-रिवाज, इतिहास, भूगोल से लेकर वहाँ के पर्यटक स्थलों, शैक्षिक तंंत्र, धार्मिक विविधता, भाषा, जैवविविधता, राजनीतिक व्यवस्था की जानकारी सहज ही उपलब्ध कराती है।
Adhyatmik Chetna Se Payen Khushi
- Author Name:
Manoj Srivastava::Dr. Shipra Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Road to Infinity
- Author Name:
Tanbir Dhingra
- Rating:
- Book Type:

- Description: "A Self-Exploratory Odyssey to ‘Infinity’ and ‘Beyond’ with Infinite Thoughts encapsulating Infinite Emotions in Infinite Moments giving Infinite Chances to explore ‘Who You Are in the quest for ‘What Is life’. A magically crafted peregrination of quotations reveals a deep longing for a greater sense of meaning, happiness and contentment. It helps to create enchanting thoughts that incorporate the classic tools of transformation into a simple philosophy of living. This is not just another book that should find its way to the self-help shelf; rather it’s a coach to motivate you and a best friend to inspire you forever. The book teaches us wisdom to: Build a Life of Passion, Purpose and Peace Value Time as our most important commodity Stay Fit by creating healthy habits not restrictions Nourish our Relationships and value things we Love Cultivate innovation of Colors and creativity from Nature
Mera Vatan
- Author Name:
Vishnu Prabhakar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Teacher Recruitment Class 6 To 8 Social Science "Samajik Vigyan" 15 Practice Sets in Hindi
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nirmal Verma Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Renu Rachanawali : Vols. 1-5
- Author Name:
Phanishwarnath Renu
- Book Type:

- Description: रेणु के ‘मैला आँचल’ का प्रकाशन अगस्त, 1954 में हुआ और इसके ठीक दस वर्ष पूर्व उनकी पहली कहानी ‘बट बाबा’ 27 अगस्त, 1944 के साप्ताहिक ‘विश्वमित्र’ में प्रकाशित हुई। 1944 ई. से 1972 ई. तक उन्होंने लगातार कहानियाँ लिखीं—प्रारम्भिक कहानियों—‘बट बाबा’, ‘पहलवान की ढोलक’, ‘पार्टी का भूत’ से लेकर अन्तिम कहानी ‘भित्तिचित्र की मयूरी’ तक एक ही कथा–शिल्पी रेणु का दर्शन होता है जो अपने कथा–विन्यास में एक–एक शब्द, छोटे–से–छोटे पात्र, परिवेश की मामूली बारीकियों, रंगों, गन्धों एवं ध्वनियों पर एक समान नज़र रखता है; किसी की उपेक्षा नहीं करता। नई कहानी के दौर में रेणु ने अपनी कहानियों द्वारा एक नई छाप छोड़ी। उनकी ‘रसप्रिया’, ‘लालपान की बेगम’ और ‘तीसरी क़सम’ अर्थात् ‘मारे गए गुलफ़ाम’ छठे दशक की हिन्दी कहानी की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ मानी जाती हैं। ‘तीसरी क़सम’ पर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित लोकप्रिय फ़िल्म का निर्माण हो चुका है। रेणु की ‘पंचलाइट’ कहानी पर एक टेलीफ़िल्म भी बन चुकी है। ‘रेणु रचनावली’ के पहले खंड में रेणु की सम्पूर्ण कहानियाँ पहली बार एक साथ, एक जगह प्रकाशित हो रही हैं। इन तमाम कहानियों से एक साथ गुज़रने के बाद पाठक यह सहज ही महसूस करेंगे कि रेणु ने एक कहानी की वस्तु या पात्र को परिवेश या नाम बदलकर दुहराया नहीं है। हर कहानी में रेणु का अपना मिज़ाज और रंग होते हुए भी वे एक–दूसरे से अलग हैं और उनके अपूर्व रचना–कौशल की परिचायक हैं।
Ek Din Nepal Mein
- Author Name:
Ramesh Pokhariyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Panch Parmeshwar
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pustakalya Evam Suchna Vigyan Kosh
- Author Name:
K.L. Chanchareek
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhartiya Rashtravad : Ek Anivarya Paath
- Author Name:
S. Irfan Habib
- Book Type:

-
Description:
राष्ट्रवाद क्या है? राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं? अच्छा राष्ट्रवादी कौन है? अगर आप सरकार की आलोचना करें तो क्या आपको राष्ट्रद्रोही मान लिया जाए? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो आजकल की ज़्यादातर बहसों में हावी रहते हैं? लेकिन ये बहसें नई नहीं हैं। आज राष्ट्रवाद के बारे में सबसे ऊपर सुनाई देनेवाली आवाज़ें ज़रूर हमें यह विश्वास दिलाने पर आमादा हैं कि भारतीय राष्ट्रवाद एक संकीर्ण, संकुचित और दूसरे लोगों और संस्कृतियों से भयभीत कोई चीज़ रहा है और आज भी ऐसा ही है, लेकिन भारत के सबसे प्रबुद्ध और सुलझे हुए नेताओं, चिन्तकों, वैज्ञानिकों और लेखकों की समझ इससे बिलकुल अलग है; और ये वो लोग हैं जिन्होंने उन्नीसवीं सदी के आरम्भ से ही इस विषय पर सोचना शुरू कर दिया था।
राष्ट्रवाद जिस रूप में आज हमारे सामने है, उसे वजूद में आए सौ साल से ज़्यादा हो गए हैं। दुनिया के इतिहास में इसकी भूमिका को लेकर अनेक इतिहासकारों, राजनीतिशास्त्रियों और समाजवैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है। देखा गया है कि राजनीति के लिए यह सबसे निर्णायक कारकों में से एक रहा है। इसकी आलोचना भी ख़ूब हुई है। यह एक दोधारी तलवार है जो लोगों को जोड़ भी सकती है और राजनीति, संस्कृति, भाषा और धर्म के आधार पर बाँट भी सकती है।
ऐतिहासिक महत्त्व के इस संकलन में इतिहासकार एस. इरफ़ान हबीब उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध से भारत में राष्ट्रवाद के उदय, विकास और इसके विभिन्न रूपों और चरणों की पड़ताल भारत के सबसे महत्त्वपूर्ण चिन्तकों और नेताओं के विचारों के माध्यम से करते हैं। इस संकलन में उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रमुख नेताओं और चिन्तकों के वे लेख और भाषण-अंश काफ़ी तलाश के बाद एकत्रित किए हैं जो स्पष्ट करते हैं कि आज़ादी के संघर्ष में देश को रास्ता दिखाने वाले और आज़ादी के बाद भी राष्ट्र की दशा-दिशा पर ईमानदार निगाह रखने वाले इन नेताओं की नज़र में राष्ट्रवाद क्या था और वे किस तरह के राष्ट्र और राष्ट्रवाद को फलते-फूलते देखना चाहते थे!
यह किताब हमें बताती है कि आज की परिस्थितियों में हम राष्ट्रवाद को कैसे समझें और कैसे उसे आगे बढ़ायें ताकि एक सर्वसमावेशी, स्वतंत्र और मानवीय राष्ट्र के निर्माण की प्रक्रिया बिना किसी अवरोध के जारी रह सके।
Paninikaleen Bharatvarsh पाणिनिकालीन भारतवर्ष | Cultural Study of Ashtadhyaya Book In Hindi
- Author Name:
Vasudev Sharan Agarwal
- Book Type:

- Description: पाणिनिकालीन भारतवर्ष आचार्य वासुदेवशरण अग्रवाल की अक्षय कीर्ति का स्वर्णकलश है। पाणिनि-संबंधी उनकी पहली कृति है--'पाणिनि ऐज सोर्स ऑफ इंडियन हिस्टरी '। डॉ. राधाकुमुद मुखर्जी के निर्देशन में लिखित यह उनका शोधप्रबंध है, जिसके लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने उन्हें सन् 1941 में पी-एच.डी. उपाधि प्रदान की थी। पाणिनि संबंधी उनके द्वारा संवर्द्धित रूप में पुनः प्रस्तुत दूसरा ग्रंथ-रत्न है--' इंडिया ऐज नोन टू पाणिनि '। इस पर सन् 1946 में लखनऊ विश्वविद्यालय ने ही उन्हें डी.लिटू. की उपाधि से विभूषित किया। उनके परीक्षकों में डॉ. राधाकुमुद मुखर्जी के अतिरिक्त महामहोपाध्याय डॉ. आर. शाम शास्त्री और प्रो. विधुशेखर भट्टाचार्य भी थे। वासुदेवजी ने द्वादश वर्षपर्यत संस्कृत भाषा और 'पाणिनीय अष्टाध्यायी ' का सम्यक् अध्ययन किया था । इसलिए वे पाणिनि के सूत्रों की व्याख्या में इतनी गहरी पैठ बना सके और भारत के इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ हमारे लिए उद्घाटित कर सके । उन्होंने एक बार पुन: इन दोनों कृतियों की सामग्री का उपयोग करते हुए हिंदी में एक सर्वथा नई कृति 'पाणिनिकालीन भारतवर्ष ' की रचना की, जो न केवल दोनों कृतियों का समाहार है, बल्कि अधिक पूर्णतर है। मातृभाषा हिंदी की अनुपम सेवा के साथ ही हिंदी-भाषियों पर उनका यह अतिशय अनुग्रह और उपकार है। प्राचीन बृहत्तर भारत की प्रामाणिक तस्वीर के लिए डॉ. अग्रवाल का यह ग्रंथ अनिवार्य है। इसमें पाणिनि और उनके शास्त्र के अतिरिक्त तत्कालीन भारत के भूगोल, सामाजिक जीवन, आर्थिक दशा, प्राचीन जनपद, राज्यतंत्र एवं शासन, शिक्षा और साहित्य, धर्म एवं दर्शन आदि सभी का विस्तार सहित विवरण और विवेचन है। यह भारतमाता के चरणों में अर्पित उनकी अनूठी श्रद्धांजलि और राष्ट्रभक्ति का अमिट अभिलेख है।
MPPEB Madhya Pradesh Shikshak Patrata Pariksha-2022 10 Sets
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...