Hindutva : Ek Jeevan Shaili
Author:
Ed. Kalraj MishraPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Unavailable
आज भारत के राजनीतिक परिवेश में चारों ओर संकट दिखाई दे रहा है। देश में भ्रष्टाचार चरम पर है। धर्म-जाति के नाम पर वोट पाने हेतु राष्ट्रीय हितों को तिलांजलि दी जा रही है। छद्म धर्म-निरपेक्षता के नाम पर संप्रदायवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आज के इस कलुषित वातावरण में हिंदुत्व की अप्रतिम जीवन-शैली को अपनाकर ही समाज में एक जन-जागरण पैदा किया जा सकता है, जिससे अपने संकीर्ण मतभेदों से ऊपर उठकर एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सके।
जीवनपर्यंत राष्ट्रवाद की राजनीति के आदर्शों पर चलनेवाले वरिष्ठ राजनेता पं. कलराज मिश्र ने हिंदुत्व की परंपराओं, वेद, पुराणों और स्मृतियों के माध्यम से सभी समस्याओं का हल खोजने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में सम्मिलित अनेक आध्यात्मिक गुरुओं, राजनेताओं, लेखकों के मर्मस्पर्शी लेख बालविवाह, जातिप्रथा, टूटते परिवार, भ्रष्टाचार, महिलाओं के प्रति दुराचार जैसी बुराइयों को दूर करने में अवश्य सफल होंगे।
हिंदुत्व की व्यापक अवधारणा, उसकी अप्रतिम जीवन-शैली, उसकी संस्कृति का दिग्दर्शन कराती एक श्रेष्ठ कृति।
ISBN: 9789350485958
Pages: 208
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Jali Thee Agnishikha
- Author Name:
Mahashweta Devi
- Book Type:

-
Description:
ऐतिहासिक उपन्यास लेखन पर कोई स्पष्ट राय अब तक नहीं बन सकी है। रोमांस और त्रासदी का अंकन कर उपन्यासकार अपने दायित्व से मुक्त हो जाता है। लेकिन प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी ‘इतिहास-सृजन’ को अतिरिक्त ज़िम्मेदारी से निभाती हैं। ऐसे लेखन के लिए एक ख़ास प्रवणता, कथा के बजाय देश, काल, पात्र और आचार-व्यवहार की प्रामाणिक जानकारी का होना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा मौजूदा समय की पकड़ भी। महाश्वेता जी में ये सभी विशेषताएँ मौजूद हैं।
पहले उपन्यास ‘झाँसी की रानी’ के बाद ‘जली थी अग्निशिखा’ में पुनः रानी लक्ष्मीबाई केन्द्र में है। महाश्वेता जी का लेखन अपने मिज़ाज और तेवर में नितान्त भिन्न है। बिलकुल नई सूचनाएँ, नया अनुभव और नई भाषा। लोक मुहावरे और ठेठ देशज शब्दों के इस्तेमाल से उन्हें परहेज़ नहीं है, दरअसल उनका आग्रह सामाजिकता के प्रति अधिक रहता है। प्रस्तुत उपन्यास में अंग्रेज़ों और उनके सेनापति ह्यूरोज़ के लिए झाँसी और रानी दोनों पहेली हैं। रानी की ताक़त के सम्मुख अंग्रेज़ सैनिक हताश हैं। ह्यूरोज़ जानना चाहता है कि झाँसी की रानी आख़िर क्या बला है? ग्वालियर शहर (जहाँ उनका डेरा है) से पूरब की तरफ़ धू-धू जल रही अग्नि किन लोगों ने जलाई होगी? सारे द्वन्द्व उसके अन्दर चलते रहते हैं। जब उसे पता चलता है कि रानी अदम्य इच्छाशक्ति, साहस और संघर्ष से लैस शान्त, सभ्य और बुद्धिमान महिला है तो वह अवाक् रह जाता है। उसकी यह धारणा ख़त्म हो जाती है कि भारतीय महिलाएँ अनपढ़, गँवार और फूहड़ होती हैं।
रानी के संघर्ष के बहाने उपन्यास उस समय की जीवन स्थितियों, विडम्बनाओं, विद्रूपताओं तथा अंग्रेज़ों की क्रूरताओं को भी सामने लाता है। इतिहास में रुचि रखनेवालों के लिए एक ज़रूरी किताब।
Aadmi Ka Zahar
- Author Name:
Shrilal Shukla
- Book Type:

-
Description:
आदमी का ज़हर’ एक रहस्यपूर्ण अपराध कथा है। इसकी शुरुआत एक ईर्ष्यालु पति से होती है जो छिपकर अपनी रूपवती पत्नी का पीछा करता है और एक होटल के कमरे में जाकर उसके साथी को गोली मार देता है। पर दूसरे ही दिन वह साधारण दीखनेवाला हत्याकांड अचानक असाधारण बन जाता है और घटना को रहस्य की घनी परछाइयाँ ढकने लगती हैं।
उसके बाद के पन्नों में हत्या और दूसरे भयंकर अपराधों का घना अँधेरा है जिसकी कई परतों से हम पत्रकार उमाकांत के साथ गुज़रते हैं। घटनाओं का तनाव बराबर बढ़ता जाता है और अन्त में वह जिस अप्रत्याशित बिन्दु पर टूटता है, वह नाटकीय होते हुए भी पूरी तरह विश्वसनीय है।
सामान्य पाठक समुदाय के लिए हिन्दी में शायद पहली बार एक प्रतिष्ठित लेखक ने ऐसा उपन्यास लिखा है। इसमें पारम्परिक जासूसी कथा-साहित्य की ख़ूबियाँ तो मिलेंगी ही, सबसे बड़ी ख़ूबी यह है कि कथा आज की सामाजिक-राजनीतिक स्थितियों के बीच से निकली है। इसमें सन्देह नहीं कि यह उपन्यास, जिसे लेखक ख़ुद मनोरंजन-भर मानता है, पाठकों के मनोरंजन के अलावा उन्हें कुछ सोचने के लिए मजबूर भी करता है।
Kissa Chamcham Pari Aur Gudiyaghar Ka
- Author Name:
Prakash Manu
- Book Type:

- Description: हिंदी बाल साहित्य का पर्याय कहे जानेवाले प्रकाश मनु बच्चों के सिरमौर कथाकार हैं, जिनकी कहानियों और उपन्यासों को बच्चे खोज-खोजकर पढ़ते हैं। देश के कोने-कोने में फैले हजारों बच्चे उनके प्रशंसक हैं, जिन्हें मनुजी की कहानियों और नटखटपन से भरे उपन्यासों का इंतजार रहता है। उन्हें वे बड़ी दीवानगी से पढ़ते हैं, मन-ही-मन सराहते और आनंदविभोर हो उठते हैं। ‘किस्सा चमचम परी और गुडि़याघर का’ प्रकाश मनुजी के बाल उपन्यासों का ताजा संग्रह है, जिसमें बच्चों के लिए लिखे गए उनके तीन रोचक और बहुरंगी उपन्यास शामिल हैं—‘किस्सा चमचम परी और गुडि़याघर का’, ‘फागुन गाँव का बुधना और निम्मा परी’, तथा ‘सब्जियों का मेला’। ये तीनों इतने रसपूर्ण उपन्यास हैं, कि बच्चे एक बार पुस्तक हाथ में लेंगे, तो पूरा पढ़े बगैर छोड़ नहीं पाएँगे। प्रकाश मनुजी उस्ताद किस्सागो हैं, इसीलिए उनके बाल उपन्यासों में किस्सागोई का जादू पाठकों पर इस कदर तारी होता है कि लगता है, उपन्यास के पात्र सजीव होकर, उनके आसपास ही साँस ले रहे हैं। फिर इन तीनों उपन्यासों में धरती की सुंदरता की बड़ी अद्भुत छवियाँ हैं, जो बाल पाठकों को खूब लुभाएँगी और आनंदमग्न कर देंगी। बेशक, प्रकाश मनुजी के बाल उपन्यासों की यह दिलचस्प पुस्तक बच्चों और बाल साहित्यकारों के लिए एक अनमोल उपहार से कम नहीं है, जिसे वे हमेशा सँजोकर रखेंगे।
Vayam Rakshamah
- Author Name:
Ashutosh Rai
- Book Type:

-
Description:
वयं रक्षाम: प्रागैतिहासिक अतीत की कृति है। इसके कथानक के मूलाधार राक्षसराज रावण तथा महापुरुष राम हैं।
‘‘इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य, अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्मृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देखकर सारे संसार ने अन्तरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर-रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गयी बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।...उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है...’’
आचार्य चतुरसेन शास्त्री
Sharmnak
- Author Name:
Salam Azad
- Book Type:

- Description: बांग्लादेश के आठवें संसदीय चुनाव के दौरान और उसके तुरन्त बाद वहाँ के हिन्दू समुदाय पर अत्याचार-उत्पीड़न का जो दौर चला, सलाम आज़ाद की यह औपन्यासिक कृति उसी का दस्तावेज़ है। बांग्लादेश बनने के बाद वहाँ के हिन्दू कई बार अत्याचार के शिकार हुए हैं लेकिन इस बार सुनियोजित ढंग से उन पर अत्याचार-उत्पीड़न का जो चक्र चला, उसके आगे पिछली घटनाएँ नगण्य हैं। बांग्लादेश से हिन्दुओं को नेस्तनाबूद कर वहाँ उग्र इस्लामी तथा तालिबानी राजसत्ता क़ायम करने के मक़सद से इस्लामी कट्टरपंथियों की मदद से बने चार दलीय गठबन्धन की छत्रच्छाया में हिन्दू नागरिकों पर चौतरफ़ा अत्याचार किया गया। पिता के सामने बेटी के साथ और माँ-बेटी को पास-पास रखकर बलात्कार किया गया। बलात्कारियों की पाशविकता से सात साल की बच्ची से लेकर साठ साल की वृद्धा तक को रिहाई नहीं मिली। लेकिन क्यों और कहाँ से आई यह बर्बरता? एक समुदाय के ख़िलाफ़ क्यों चला यह अत्याचार का दौर?—इसी का जवाब ढूँढ़ा गया है इस उपन्यास में।
Nayee Disha
- Author Name:
Dhirendra Verma
- Book Type:

-
Description:
बीसवीं सदी के आठवें दशक में प्रकाशित एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास है ‘नई दिशा’। इसमें बदलते युग की वह गाथा है, जो सामाजिक परिस्थितियों के बीच युवा-मानस की बेचैनियों से निर्मित हुई थी। जीवन की उथल-पुथल को इस उपन्यास में बड़े ही कलात्मक ढंग से चित्रित किया गया है।
‘नई दिशा’ में एक ऐसे आदर्शवादी युवक प्रशान्त की कहानी है जो निश्छल ग्रामीण वातावरण में पलता है, लेकिन ऊँची शिक्षा पाने के लिए जब वह शहर जाता है तो वहाँ के जीवन में व्याप्त विकृतियाँ-विसंगतियाँ उसे स्तम्भित कर देती हैं। वह देखता है कि पाश्चात्य प्रभाव के चलते यहाँ पर व्यवहार ही नहीं, चिन्ता और चिन्तन के स्तर पर भी सर्वत्र अराजकता और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यथार्थ के जिस रूप से प्रशान्त का साक्षात्कार होता है, उससे उसे लगता है कि राजनीतिक प्रवंचना के इस युग में पूरी की पूरी पीढ़ी ही जैसे भटक गई है तथा जिस दिशा की ओर बढ़ी जा रही है, वह सही नहीं है। यह उपन्यास उसी सही दिशा की तलाश की गाथा है जिसमें बदलाव की आकांक्षा और भटकाव को दूर करने की जद्दोजहद प्रबलता से मुखर हुई है।
इसमें मूल और मूल्यों का संवेदनात्मक पक्ष अपने प्रभाव में अद्भुत और अविस्मरणीय है। अपने समय की एक दस्तावेज़ है ‘नई दिशा’।
Somtirth
- Author Name:
Raghuveer Chaudhary
- Book Type:

-
Description:
महमूद ग़ज़नवी ने सोमनाथ लूटा, उसके बाद भारत के हिन्दुओं में मुस्लिमों के प्रति अरुचि जागी, जो और दृढ़ होती गई। ऐसा होना नहीं चाहिए था। महमूद के दो मुख्य सेनापति हिन्दू थे और महमूद धर्म के अगुआ के रूप में नहीं आया था। उसकी भूख सत्ता और सम्पत्ति की थी। उसके धर्माध्यक्ष भी उससे सावधान रहते थे। अन्त में वह भाग निकला। उस समय भारत में बचे हुए उसके साथी शादी कर यहाँ के समाज में मिल गए—जिनसे बाढेल और शेखावत हुए। यहाँ तत्कालीन राजनीतिक–सामाजिक स्थितियों का वर्णन करते हुए उपन्यासकार ने लोगों के निजी सुख–दु:ख तथा दाँव–पेच को भी संजीदगी से उजागर किया है।
लेखक ने यहाँ दो महत्त्वपूर्ण कार्य किए हैं—(1) सत्ता और सम्पत्ति के लोभी राजपुरुषों द्वारा धार्मिक प्रजाजनों के बीच खड़ी की गई ग़लतफ़हमी दूर करना, और (2) सृष्टि में व्याप्त कल्याणकारी सौन्दर्य को शिवतत्त्व के रूप में निरूपित करना।
ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति वफ़ादार रहते हुए लेखक ने कहीं–कहीं छूट भी ली है लेकिन इस तरह कि कथासृष्टि के वातावरण में उपकारक सिद्ध हो।
सरस भाषा एवं रोचक शैली में यह उपन्यास पढ़ते हुए महसूस ही नहीं होता कि हम गुजराती उपन्यास का रूपान्तर पढ़ रहे हैं।
Palaash Ke Phool
- Author Name:
Arunish Ankit
- Rating:
- Book Type:

- Description: पलाश के फूल अरुणिश अंकित की पहली कविता-संग्रह है। जनमानस की ज़िन्दगी को संजीदगी से छूती इन कविताओं में इन्होंने मुख्यतः उनको जगह दी है, जो आज समाज में उपेक्षित हैं। अपने जीवन में लोगों से जुड़कर, उनकी समस्याएँ और उनके कौशल, साथ ही अनेकानेक पहलुओं का अध्ययन कर जो निष्कर्ष निकाला, उसे आम लोगों तक पहुँचाने के लिए कविताओं का सहारा लिया। पलाश के फूल का उद्देश्य यही है कि वो श्रम की श्रेष्ठता को लोगों तक पहुँचाये, और यह सोच विकसित करे कि कोई मनुष्य, जन्म अथवा जाति के आधार पर अलग नहीं, महत्ता कर्म की है। पलाश के फूल में कुछ कविताएँ श्रृंगार-रस में डूबी और कुछ पौराणिकता से जुड़ी हैं, जिनका मूल उद्देश्य गंभीर विषयों पर लोगों को सजग करने के साथ ही उनका मनोरंजन करना और उनमें उत्साह का संचरण करना भी है। उम्मीद है, इनका यह प्रयास आपको पसंद आयेगा।.
Shri Shriganesh Mahima
- Author Name:
Mahashweta Devi
- Book Type:

-
Description:
यह बिहार के एक गाँव की कहानी है, जो बीसवीं सदी में नहीं, अभी भी मध्ययुग के बीहड़ अँधेरों में जी रहा है और जहाँ आज भी भारत सरकार का नहीं, बल्कि ऊँची जाति के राजपूत मालिकों का प्रभुत्व चलता है। वही निरंकुश यह तय करते हैं कि नीची जातियों के मर्द–औरतों की भूमिका कब ज़रख़रीद ग़ुलाम, कब बँधुआ मज़दूर, कब उजड़े किसान और कब रखैल की होगी।
भूमि–अधिपति श्री श्री गणेश है, इस बर्बर और हिंस्र व्यवस्था का निरंकुश शासक जिसकी महिमा का बखान जन्म से लेकर उसके पिताश्री की रखैल और उसकी धाय माता लछिमा के हाथों मारे जाने तक बड़ी सशक्त शैली में किया गया है। लेकिन फ़िलहाल हारी जानेवाली इस लड़ाई में शामिल लोगों की चित्र–वीथी में हैं हर जगह और हर युग में अत्याचारी के विरुद्ध चिनगारी फूँकने वालों की परम्परा में राँका दुसाध, गांधीवादी अभय महतो, नक्सली जुगलकरन और बस्तियों से जंगलों में भागकर आई अनाम भीड़।
उपन्यास में हरेक की छवि बड़ी ही सहज और सशक्त रंगों में उभारी गई है। मध्यवर्ग की नई पीढ़ी की यौवन पल्लवी शाह की बौनी सहानुभूति पर किया गया कटाक्ष इस उपन्यास के पाठक कभी भूल नहीं पाएँगे। लेकिन बीहड़ अँधेरे में किरण है सरसतिया की आवाज़, जो अपनी कोख से राँका दुसाध जैसी उद्धत सन्तान को टेर रही है, यही है इस उपन्यास में उपन्यासकार की आस्था का उद्घोष।
Chhinnamasta
- Author Name:
Prabha Khetan
- Book Type:

-
Description:
नारी-विमर्श की प्रखर चिन्तक और उपन्यासकार प्रभा खेतान का यह चर्चित उपन्यास स्त्री के शोषण, उत्पीड़न और संघर्ष का जीवन्त दस्तावेज है। सम्पन्न मारवाड़ी समाज की पृष्ठभूमि में रची गई इस औपन्यासिक कृति की नायिका प्रिया परत-दर-परत स्त्री-जीवन के उन पक्षों को उघाड़ती चलती है जिनको पुरुष समाज औरत की स्वाभाविक नियति मानता रहा है और इस प्रक्रिया में वह हमें स्त्री की युगों-युगों से संचित पीड़ा से रू-ब-रू कराती है।
बचपन से ही भेदभाव और उपेक्षा की शिकार साधारण शक्ल-सूरत और सामान्य बुद्धि की प्रिया परिवार की ‘सुरक्षित’ चौहद्दी के भीतर ही यौन शोषण की शिकार भी होती है और तदुपरान्त प्रेम और भावनात्मक सुरक्षा की तलाश में उन तमाम आघातों से दो-चार होती है जिनसे सम्भवतः हर स्त्री को गुजरना होता है। अपने जड़ संस्कारों में जकड़ा पति भी उसे मानवोचित सम्मान नहीं दे पाता।
इस सबके बावजूद प्रिया अपनी एक पहचान अर्जित करती है। मनुष्य के रूप में अपनी जिजीविषा और स्त्री के रूप में अपनी संवेदनशीलता को जीती हुई वह अपना स्वतंत्र तथा सफल व्यवसाय स्थापित करती है। घर के सीमित दायरे से मुक्त करके अपने सपनों को सुदूर क्षितिज तक विस्तृत करती है।
Madhur Swapna
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
- Book Type:

- Description: ‘मधुर स्वप्न’ एक ऐतिहासिक उपन्यास है। इतिहास के अध्येता-अन्वेषक के रूप में राहुल सांकृत्यायन ने ऐसे पक्षों और प्रसंगों को उजागर करने में विशेष दिलचस्पी दिखाई जिनमें गणतांत्रिक, समाजवादी और साम्यवादी मूल्यों के चिह्न मिलते हैं। वस्तुतः पाठकों को वे यह दिखलाना चाहते थे कि भेद-भावमुक्त और बराबरी पर आधारित समाज के निर्माण के लिए जिन मूल्यों की वकालत की जा रही है उनका एक ठोस ऐतिहासिक आधार है; वे मानव समाज की विरासत का हिस्सा हैं। यह सोच ‘मधुर स्वप्न’ सहित उनकी सभी ऐतिहासिक कृतियों में स्पष्ट झलकती है। इस उपन्यास की कथाभूमि है मध्य एशिया में दजला नदी से यक्षु नदी तक की भूमि और काल है पाँचवीं सदी के अन्तिम दशक से लेकर छठी सदी के आरम्भिक तीन दशक। तब वहाँ सासानी वंश का पीरोजा पुत्र कवात् का शासन था। धर्माचार्यों का उन दिनों बड़ा जोर था। इस उपन्यास में उन्हीं दिनों के सामन्ती शासन के वैभव-विलास, धर्माचार्यों की अनीति और दुराचार तथा दीन-दुखियों के करुण चीत्कार का विश्वसनीय चित्रण हुआ है। इसमें इतिहास के दोनों प्रकार के पात्र जीवन्त रूप में उपस्थित हैं—वे जिन्होंने बल और धन के जोर पर जन सामान्य का शोषण करना अपना शाश्वत अधिकार समझा, और वे भी जो प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों में भी न्याय हासिल करने के स्वप्न को नहीं भूले और उसके लिए त्याग किया। धनिकों और गरीबों, शासकों और शासितों की विषम स्थिति के बीच न्याय और जनमुक्ति का यह मधुर स्वप्न ही इस उपन्यास का मूल सन्देश है। यह उपन्यास, वास्तव में, युग-युग के उस स्वप्न की सम्पूर्ण झलक है जो धीरे-धीरे, आंशिक रूप में ही सही, सत्य बनता जा रहा है।
Frozen Tears
- Author Name:
Advyth
- Book Type:

- Description: A highly intelligent serial killer is loose in the Metro city in India. His targets are unconnected people from different age groups, the only common element being that he gives his victims a painless death. Dev, a senior police officer who is assigned the case, is struck by the empathetic way in which the killer masterminds his horrific acts. His conventional ways of investigating the case lead nowhere. He is then joined by his daughter, Rudra, who is a psychiatrist and criminologist working for the London police Department. Rudra brings in her novel ways of investigation of getting into the killer mind and has her first breakthrough. As the case proceeds, Rudra is shocked to discover how crimes all over the world are driven by universal passions, and how, with the slight provocation, even seemingly innocent people can be driven to horrendous crimes. But what Rudra does not know is that the killer, who is always one step ahead of her, is much closer to home than she thinks. It takes a terrible tragedy to prove that to her. Join author advyth as he narrates this unique crime investigation thriller that is full of eye-opening insights on the human mind that will shock one and all.
Basti
- Author Name:
Intizar Hussain
- Book Type:

-
Description:
यह उपन्यास भारत और पाकिस्तान के सम्मिलित उर्दू कथा साहित्य में अपनी अनूठी कथा-शैली और इंसानी सरोकारों के संवेदनशील आकलन के कारण अपूर्व स्थिति रखता है। हिन्दू-मुस्लिम सांस्कृतिक मिथकों, क़िस्सों, जातक कथाओं, लोककथाओं को यथार्थपरक घटनाओं के साथ इस जादू से पिरोया गया है कि कथ्य की सम्प्रेषणीयता देश-काल को लाँघ गई है।
इस उपन्यास में भारत के विभाजन के बाद सीमा-पार के एक संवेदनशील व्यक्ति की मनःस्थिति, अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने की अकुलाहट, अपनी सांस्कृतिक पहचान की छटपटाहट से उत्पन्न नॉस्टेल्जिया, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान की फ़िज़ा में आम आदमी की प्रतिक्रियाएँ, बौद्धिकों की नपुंसकता, जकड़ती हुई राजनीतिक व्यवस्था की काली छाया का चित्रण बड़ी ही सहज और रोचक भाषा में किया गया है। उपन्यासकार अपने इस उपन्यास में इस भोलेपन से इंसानी नियति से जुड़े अनेक मूलभूत प्रश्न उठाता है कि निरंकुश राजनीति की काइयाँ नज़र पहचाने भी और न भी पहचाने।
सांस्कृतिक पहचान की अन्तर्यात्रा का यह उपन्यास भारतीय पाठकों को बेहद रुचेगा।
Namo Andhakaram
- Author Name:
Doodhnath Singh
- Book Type:

-
Description:
दूधनाथ सिंह के कथा-साहित्य को पढ़ते हुए लगता है कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर उन्होंने हमेशा अपनी पैनी और सचेत निगाह रखी। वे अपने समीपतर परिवेश में भी विश्वव्यापी बदलावों और संकटों के चिन्ह देख लेते थे। यही कारण है कि उनकी कहानियाँ, उपन्यास विशेष तौर पर किसी विराट परिस्थिति का सूक्ष्म-अध्ययन जैसे मालूम पड़ते हैं।
‘नमो अंधकारं’ भी ऐसी ही एक कथा-कृति है जिसमें उन्होंने समाज, विचारधारा, व्यक्ति की गिरावट आदि बिन्दुओं के सापेक्ष अपने नैतिक क्रोध को अंकित किया है। आज़ादी के बाद भारतीय समाज में जो एक खाता-पीता तबक़ा कभी विचार तो कभी ईश्वर की आड़ में सिर्फ़ अपने आसपास की दुनिया नहीं, बल्कि मानवीयता के अखिल विचार के लिए ख़तरा हो गया है, यह उपन्यास उसका राजनीतिक शोकगीत है। यह एक संवेदनशील व्यक्ति की पतन-गाथा का चित्र खींचता है, जो और भी दुखद है।
दूधनाथ जी कहा करते थे कि ‘कथा-लेखन में वास्तविक ज़़िन्दगी की एक भीतरी छाया रहती है जिसको एक लेखक अपनी कल्पना से रचता है।’ और इस रचने में वह उस भीतरी छाया को बड़े फलक पर सामान्यीकृत करके एक सत्य के रूप में स्थापित करता है। ‘नमो अंधकारं’ पर उठे विवादों के चलते बार-बार पाठकों ने इसे पढ़ा, और इस मान्यता की ताईद की। किसी भी पाठक के लिए यह एक ज़रूरी पाठ है।
Bhootnath
- Author Name:
Devkinandan Khatri
- Book Type:

- Description: बाबू देवकीनन्दन खत्री विरचित ‘भूतनाथ’ एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहुचर्चित प्रसिद्ध उपन्यास है। ‘चन्द्रकान्ता-सन्तति’ में ही बाबू देवकीनन्दन खत्री के अदभुत पात्र भूतनाथ (गदाधर सिंह) ने अपनी जीवनी (जीवन-कथा) प्रस्तुत करने का संकल्प किया था। यह संकल्प वस्तुतः लेखक का ही एक संकेत था कि इसके बाद ‘भूतनाथ’ नामक बृहत् उपन्यास की रचना होगी। देवकीनन्दन खत्री की अद्भुत कल्पना-शक्ति को शत्-शत् नमन है। लाखों करोड़ों पाठकों का यह उपन्यास कंठहार बना हुआ है। जब यह कहा जाता है कि बाबू देवकीनन्दन खत्री के उपन्यासों को पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने हिन्दी भाषा सीखी तो इस कथन में ‘भूतनाथ’ भी स्वतः सम्मिलित हो जाता है क्योंकि ‘भूतनाथ’ उसी तिलिस्मी और ऐयारी उपन्यास परम्परा ही नहीं, उसी शृंखला का प्रतिनिधि उपन्यास है। कल्पना की अद्भुत उड़ान और कथा- रस की मार्मिकता इसे हिन्दी साहित्य की विशिष्ट रचना सिद्ध करती है। मनोरंजन का मुख्य उद्देश्य होते हुए भी इसमें बुराई और असत् पर अच्छाई और सत् की विजय का शाश्वत विधन ऐसा है जो इसे एपिक नाॅवल (Epic Novel) यानी महा-काव्यात्मक उपन्यासों की कोटि में लाता है। ‘भूतनाथ’ का यह शुद्ध पाठ-सम्पादन और भव्य नव-प्रकाशन, आशा है, पाठकों को विशेष रुचिकर प्रतीत होगा।
Rupantar
- Author Name:
Radhakrishna
- Book Type:

-
Description:
‘रूपान्तर’ कथाकार राधाकृष्ण का एक विशिष्ट उपन्यास है। इसमें संस्कृति के कुछ दुर्लभ प्रसंगों के माध्यम से जीवन के गूढ़ रहस्यों को विश्लेषित किया गया है।
चक्रवर्ती सम्राट मान्धाता का विविध आयामों में विकसित होता द्वन्द्वपूर्ण व्यक्तित्व उपन्यास का आकर्षण है। साथ ही तपस्वी सौभरि का विराग-योग जिस प्रकार परिवर्तित होता है, वह विस्मयपूर्ण है। इन दो चरित्रों का दो ध्रुवों पर स्थित चरित्र-चित्रण लेखक ने पूर्ण तन्मयता के साथ किया है।
मान्धाता का द्वन्द्व है—उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक की भूमि को अपने प्रबल पराक्रम से पददलित करनेवाले चक्रवर्ती सम्राट मान्धाता की दारुण वेदना—अब किस पर विजय?
सौभरि की समस्या है—तपश्चर्या और साधना में शरीर को तृणवत् उपेक्षित करनेवाले ध्यान-योगी सौभरि का मानसिक द्वन्द्व, शरीर रसहीन क्यों नहीं हो पाता?
अत्यन्त विचारोत्तेजक उपन्यास।
Poorvapar
- Author Name:
Rameshchandra Shah
- Book Type:

-
Description:
सांसारिकता से पलायन और सांसारिकता का स्वीकार—भारतीय मन सहस्राब्दियों से इन दोनों जीवन मूल्यों के बीच झूलता आ रहा है। दुनिया से भागने, उसे त्यागने में जो एक आत्ममुग्धता और आत्मश्लाघा है, परम्परित विश्वासों और संस्कारों के निर्वाह का जो गर्व है, उसी की उपज होते हैं बंसी उर्फ़ बाबाजी, जैसे चरित्र, जो इस उपन्यास के नायक हैं और जिसे सुपरिचित कवि-कथाकार रमेशचन्द्र शाह ने पूरी सजगता से रचा है।
लेखक की यह सजगता इस बात में भी है कि एक कठिन विषय को उसने अत्यन्त सहज भाषा-शिल्प में प्रस्तुत किया है और इस कौशल में भी कि उसका कथानायक अपनी समूची द्वन्द्वयात्रा में अपने ही बालसखा बंटी के शब्द-साक्ष्य से उद्वेलित और उत्प्रेरित है। लगता है जैसे वह उसी का दूसरा प्रतिरूप हो; यानी वह प्रतिरूप जिसे वह अपने ही किए जी नहीं पाया और जो अब उसकी अन्तर्विभक्त अवश था, उसके राग-विराग, विश्वास-अविश्वास और आशा-निराशा को निर्ममता से विश्लेषित कर रहा है। यही कारण है कि जब बंटी एक कृति के बहाने एक आत्मीय स्मृति की तरह बंसी को छू जाता है तो जैसे उसकी समूची साधना-भूमि डोल उठती है। वह सब जो उसके लिए मर चुका था, फिर से जीवित हो उठा और उसकी प्रत्येक निषिद्ध और दमित चित्तवृत्ति उसे प्रश्नाकुल करने लगी। उसकी यह प्रश्नाकुलता ही इस उपन्यास का मूलाधार है, जिससे भारतीय धर्म-दर्शन के कितने ही अनुत्तरित पहलू उजागर होते हैं।
संक्षेप में कहें तो ‘शाह की यह महत्त्वपूर्ण कथाकृति मनुष्य के उस वैयक्तिक सुखवाद का तात्त्विक चित्रण करती है, जिसके मूल में सांसारिकता की उपेक्षा का अतार्किक दर्शन निहित है।’
Match Box 81
- Author Name:
Dr. Lata Kadambari Goel
- Book Type:

- Description: "फास्ट फूड तथा पाउच के जमाने में वक्त की कमी को देखते हुए कहानियाँ भी छोटी-छोटी होनी चाहिए न! बिल्कुल ऐसी कि माचिस की एक डिब्बी में समा जाएँ। इस पुस्तक में लेखिका ने अपने समाजोपयोगी विचारों और भावों को ‘मैच बॉक्स 81’ में डाला है। जरा जलाइए न उसको। कैसी नीली, पीली, लाल, गुलाबी ‘लौ’ छोड़कर अचानक बुझ जाती है वो नन्हीं सी तीली। ऐसी ही नन्हीं-नन्हीं कहानियों की शक्ल लिये ये ‘तीलियाँ’ मतलब कि ये छोटी-छोटी कहानियाँ हैं, जो अपने ज्ञान की रोशनी से पाठकों के जीवन को प्रकाशमान करेंगी। लेखिका ने इन कहानियों के माध्यम से जीवन की छोटी-छोटी, लेकिन महत्त्वपूर्ण समस्याओं को सुलझाने के लिए एक व्यावहारिक ताना-बाना बुनने का कुछ इस प्रकार से प्रयास किया है कि कहानी भीतर तक झकझोर देनेवाला एक सवाल उठाकर खत्म हो जाती है। जीवन के अंधकार से निकलने का एक छोटा सा प्रयास है ये पठनीय कहानियाँ। "
Mahabharat
- Author Name:
Suryakant Tripathi 'Nirala'
- Book Type:

-
Description:
‘महाभारत’ व्यास-कृत ‘महाभारत’ की सरल-संक्षिप्त प्रस्तुति—हिन्दी को निराला जी का एक विशिष्ट और अत्यन्त उपयोगी अवदान है।
यह पुस्तक विशेष रूप से उन लोगों के लिए लिखी गई है जो संस्कृत ज्ञान से वंचित हैं।
निराला की इस पुस्तक से सभी महत्त्वपूर्ण घटना-प्रसंग समाविष्ट हैं। अपने संवादों में सारे प्रमुख पात्र भी पूरी तरह मुखर हैं।
अठारह सर्गों की क्रमबद्ध कथा ऐसी सरल और प्रवाहमयी भाषा-शैली में प्रस्तुत की गई है कि मूल ग्रन्थ को नहीं पढ़ पाने के बावजूद उसके सम्पूर्ण घटनाक्रम और विशिष्ट भावना-लोक से पाठक का सहज ही गहरा रिश्ता बन जाता है।
Ek Sadhvi Ki Satta Katha
- Author Name:
Vijay Manohar Tiwari
- Book Type:

-
Description:
उदयपुरम कहीं दूर एक उजाड़ गाँव है। गाँव के बाहर टीलों के बीच प्रज्ञादेवी का मन्दिर। नवरात्रि में यहाँ मेला लगता है। यहाँ आनेवाला हर श्रद्धालु प्रज्ञादेवी को अपनी कुलदेवी मानता है, जो आश्चर्यजनक है।
शताब्दियों पूर्व यह स्थान राजनीति, शिक्षा, व्यापार और संस्कृति का केन्द्र हुआ करता था। यही महानगर एक ऐतिहासिक सत्ता परिवर्तन का भी साक्षी रहा। जनशक्ति ने एक शासन व्यवस्था को सत्ता के शिखरों से नीचे ला खड़ा किया और यह सब किसी राजनीतिज्ञ के नहीं, एक संन्यासिन के नेतृत्व में हुआ था। जनता से मिली शक्ति से उसने सत्ता-परिवर्तन तो कर दिखाया, लेकिन सत्ता के कुटिल तंत्र को वह नहीं समझ सकी। उसके संगी-साथी सत्ता मिलते ही विलास में डूब गए और उसके विरुद्ध खड़े हो गए।
कहते हैं कि षड्यंत्रपूर्वक संन्यासिन को राजधानी से निष्कासित कर दिया गया। समाजशास्त्रियों का मत है कि वही संन्यासिन अब विभिन्न जातियों और समुदायों की कुलदेवी के रूप में पूजित है। यह उसी साध्वी प्रज्ञादेवी की कथा है, जो एक रूपक का सहारा लेकर आज की दिशाभ्रष्ट राजनीति का एक विस्तृत चित्र उपस्थित करती है।
जनसाधारण को कभी मालूम नहीं होता कि उनसे शक्ति और धन प्राप्त कर उनके प्रतिनिधि राजधर्म के अपने सुरक्षित कक्षों में क्या करते हैं। रोज़-रोज़ पक्ष-परिवर्तन और नित नूतन सन्धियाँ किसके लिए होती हैं। साध्वी के संघर्ष के साथ-साथ यह कथा उनकी भी है, जिन्हें आज हम अलग वेशभूषा में देखते हैं, लेकिन उनका चरित्र अभी भी वही है जैसा इस बृहत् उपन्यास के पृष्ठों पर अंकित है—धूल-धूसरित सड़कों पर रेंग रहे लोगों पर झपट पड़ने को तैयार गिद्धों का और चीलों का।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...