MAIN STEVE JOBS BOL RAHA HOON
Author:
Mahesh SharmaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Unavailable
"स्टीव जॉब्स को कंप्यूटर तकनीक का ‘माइकेल एंजेलो’ कहा गया है। जिन उपकरणों का आविष्कार एवं प्रसार उन्होंने किया, उनके पीछे सुविधा और साधन की सहजता के साथ कलात्मक प्रस्तुति अहम रहती थी। छोटे कंप्यूटर हों, संगीत सुनने के यंत्र हों, मोबाइल उपकरण हों या निपट संकुचित टैबलेट संयंत्र, सुरुचि और प्रतिभा के बल पर स्टीव जॉब्स ने अपने बनाए उपकरणों को दुनिया भर में पहचान दिलाई। ऐसी प्रतिभा कम ही लोगों में होती है।
असीम कल्पनाशीलता के बल पर कंप्यूटरों के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर से लेकर बनावट तक में उन्होंने अलग छाप छोड़ी। स्टीव जॉब्स ने आईपॉड की खोज करके संगीत की दुनिया को लोगों की जेबों में समेट दिया। आईफोन बनाया तो फोन में कंप्यूटर का जादुई अहसास भर दिया। फिर आईपैड के आविष्कार ने सूचना तकनीक की तमाम सुविधाओं को एक उपकरण में इकट्ठा कर दिया। इस तरह उन्होंने कंप्यूटर जैसे उपकरण को रोजमर्रा की आवश्यकता बना दिया। इससे दुनिया भर में सूचना-क्रांति को काफी बल मिला।
प्रस्तुत पुस्तक में स्टीव जॉब्स की प्रेरक सूक्तियों का संकलन किया गया है, जो नवाचार, कठोर परिश्रम, लगन और टीमवर्क की भावना को बल देती हैं।"
ISBN: 9789351864615
Pages: 184
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Mahila Patrakarita
- Author Name:
Sudha Shukla
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Alices Adventure in Wonderland
- Author Name:
Lewis Carroll
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Khuli Daraj Aur Bikhari Khushbuyen
- Author Name:
Sanjay Jain
- Book Type:

- Description: कहानी अपनी जिजीविषा उस अंतर्द्वंद्व से हासिल करती है, जो विचार और संवेदना के बीच होता है। इस अंतर्द्वंद्व को समझे बिना भ्रम और भटकाव के रास्ते जल्दी से खुलने लगते हैं। सरोकार के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए कहानी में संवेदना जरूरी तत्त्व है। किसी भी कहानी को यदि संवेदना की ममता नहीं मिलती है तो रचना जल्दी से अनाथ होने लगती है। प्रस्तुत कहानी-संग्रह इस अर्थ में उल्लेखनीय है कि रचना में संवेदन उपस्थिति के लिए एक ईमानदार इच्छा तत्पर है। इन कहानियों में सामाजिक लगाव की मौजूदगी के लिए लेखक की व्याकुल निष्ठा निरंतर प्रयत्न करती रहती है। साथ ही यह प्रयत्न कहानी में अनुभव के तनाव के लिए भी जगह बनाता रहता है। 'खुली दराज' संग्रह की कहानियाँ कथा-निष्ठा की कहानियाँ हैं, जो हर आयु वर्ग के पाठक के लिए मनोरंजक व ज्ञानवर्धक ही नहीं, संग्रहणीय भी हैं ।
UPSSSC Stenographer Main Exam - 2025 (Mukhya Pareeksha) 20 Practice Sets With Latest Solved Papers
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bahar Main Main Andar
- Author Name:
Amit Srivastava
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Simultala Awasiya Vidyalaya Pravesh Pariksha Prarambhik Evam Mukhya Class 6
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
1000 Patrakarita Evam Jansanchar Prashnottari
- Author Name:
S.P. Chaitanya
- Book Type:

- Description: वर्तमान युग में जन-संचार माध्यमों की भूमिका का क्षेत्र काफी विस्तृत हो गया है । आजादी के बाद के साठ वर्षों में जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव आया है । आज अखबार मित्रता करना भी सिखा रहे हैं । अखबार उपहार दिलाते हैं, विदेश की सैर कराते हैं और नकद इनाम भी दिलाते हैं ।पत्रकारिता एवं जन-संचार के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है । प्रिंट मीडिया की आज देश के कोने-कोने तक पहुँच है । खोजी पत्रकारिता एवं स्टिंग ऑपरेशन आज खूब लोकप्रिय हैं । प्रेस का दायरा एवं दायित्व बहुत बढ़ गए हैं । लोकतंत्र में पत्रकारिता यानी मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है ।आज की भागमभाग की जीवनचर्या में सभी के पास समय का अभाव है । दूसरे, आज हर क्षेत्र में प्रतियोगिता का बोलबाला है । इसी को ध्यान में रखकर पत्रकारिता जगत् की समस्त जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है । प्रस्तुत पुस्तक में जनसंचार के सिद्धांत प्रशिक्षण, पत्रकारिता का इतिहास, प्रिंट मीडिया, फोटो पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो, टी.वी., केबल चैनल, कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रेस कानून, विज्ञापन, स्टिंग ऑपरेशन, जनसंपर्क इत्यादि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं ।प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न विश्व- विद्यालयों में पढ़ाए जानेवाले पत्रकारिता एवं जन-संचार के पाठ्यक्रमों के आधार पर तैयार की गई है । निश्चय ही यह विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं सामान्य पाठकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकती है ।
Anand Versha
- Author Name:
Sudhir Kakkar
- Book Type:

- Description: ‘आनन्द-वर्षा’ एक रहस्यवादी के निर्माण और आध्यात्मिक पथ पर उसके आश्चर्यजनक अनुभवों की कथा है। यह दो ऐसे पुरुषों की कहानी भी है जिनका चरित्र एक-दूसरे से बिलकुल अलग है, लेकिन एक निर्णायक मुलाक़ात के बाद जिनके बीच एक दुर्लभ सम्बन्ध विकसित होता है। बुजुर्ग मध्वाचार्य जो सम्पूर्ण समर्पण और निर्द्वन्द्व भक्ति-भाव में डूबा है, युवा गोपाल का गुरु बनता है, जबकि गोपाल का विकास पश्चिमी तर्कवाद और इस विश्वास के साथ हुआ है कि मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता ख़ुद है। गुरु अपने शिष्य का परिचय आत्मा से कराता है और इस प्रकार उसके भीतर एक निहायत ही निजी युद्ध की शुरुआत कर देता है—युद्ध जो भावना और विवेक तथा विश्वास और तर्क के बीच चलता है। इस उपन्यास के विषय में ‘डकन हेराल्ड’ का मत है : “(यह कथा) कई स्तरों पर चलती है। इसमें अनेक रहस्य और व्याख्याएँ निहित हैं जो विचारोत्तेजक हैं, हमारे सामने कई उद्घाटन करती हैं और अन्ततः बहुत मानवीय हैं। यह हमें दैवीय के प्रति मनुष्य की चाह का सन्देश देती है। दैवीय जो मनुष्य में ही निहित है।’’ अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक खुशवंत सिंह के अनुसार यह ‘अत्यन्त पठनीय’ पुस्तक है जिस पर ‘सभी गम्भीरचेता लोगों को ध्यान देना चाहिए।’
Redesign Your Life in Modern Age
- Author Name:
Balvinder Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gunkari Phal
- Author Name:
Ramesh Bedi
- Book Type:

- Description: फल प्रकृति द्वारा इनसान को दिए गए अनुपम वरदान हैं। ये कभी ताज़े, कभी पकाकर और कभी सुखाकर खाए जाते हैं। ये क्षुधा शान्त करते हैं, तृप्ति प्रदान करते हैं। मीठी सुगन्ध और उन्नत स्वाद वाले फल चित्त को आह्लादित करते हैं। स्वस्थ शरीर के संचालन के लिए जिन प्राकृतिक तत्त्वों की ज़रूरत है, वे हमें फलों से मिलते रहते हैं। इनके द्वारा कैल्शियम, लोहा, ताम्र, फॉस्फ़ोरस आदि खनिज लवण, चिकनाई और विटामिनों की शरीर में आपूर्ति होती रहती है। फलों को रुग्णावस्था में पथ्य रूप में खिलाया जाता है। कुछ रोगों के निवारण के लिए चिकित्सक मुख्य रूप से फलों का सेवन कराते हैं। पैंसठ फलों का 39 रंगीन तथा 103 सादे चित्रों के साथ इस पुस्तक में परिचय दिया गया है। उनका स्वरूप, प्राप्ति-स्थान, विविध भाषाओं में उनके नाम, उनकी खेती, उनका रासायनिक संघटन, उनके गुण और उनकी पौष्टिक उपादेयता का प्रतिपादन किया गया है। ताज़ा खाए जानेवाले लोकप्रिय फल इसमें सम्मिलित किए गए हैं जैसे—आम, अमरूद, अंगूर, चीकू, नासपाती, केला, पपीता, लीची, सन्तरा, ख़रबूजा, तरबूज़ आदि; पहाड़ी इलाक़ों में पैदा होनेवाले फल खुमानी, सेब, आड़ई, आलूबुखारा, बगूगोशा, चेरी, स्ट्रॉबेरी, आदि; बाहर के देशों से भारत में सम्प्रविष्ट किए गए फल जैसे—कीवी, एवाकाडो, दुरियन, राम्बुतान; सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स), जैसे—काजू, बादाम,अख़रोट, पिस्ता, चिलगोज़ा, किशमिश आदि।
Dharohar Rajasthan CET Level 10+2 (Senior Secondary Star)
- Author Name:
Kunwar Kanak Singh Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mridula Garg Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Mridula Garg
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Karyalaya Karyabodh: Manual on Office Procedure, Business Letters Notes and Instructions)
- Author Name:
Hari Babu Kansal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kisan Andolan Aa Mithila Samaj
- Author Name:
Gourinath
- Book Type:

- Description: A Collection of Maithili Articles Collected from Antika Magazine
Doctor, Main Kya Karoon?
- Author Name:
Dr. Binda Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Yugdrashta Sayajirao
- Author Name:
Baba Bhand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Punyabhoomi Bharat
- Author Name:
Sudha Murty
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Waqt Ki Gawahi
- Author Name:
Budhram Yadav
- Book Type:

- Description: Book
Islam Aur Shakahar
- Author Name:
Muzaffar Hussain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kashmir Aur Hyderabad
- Author Name:
Sardar Patel
- Book Type:

- Description: ‘लौह पुरुष’ के नाम से विख्यात सरदार पटेल को भारत के गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर के संवेदनशील मामले को सुलझाने में कई गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनका मानना था कि कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में नहीं ले जाना चाहिए था। वास्तव में संयुक्त राष्ट्र में ले जाने से पहले ही इस मामले को भारत के हित में सुलझाया जा सकता था। हैदराबाद रियासत के संबंध में सरदार पटले समझौते के लिए भी तैयार नहीं थे। बाद में लॉर्ड माउंटबेटन के आग्रह पर ही वह 20 नवंबर, 1947 को निजाम द्वारा बाह्य मामले तथा रक्षा एवं संचार मामले भारत सरकार को सौंपे जाने की बात पर सहमत हुए। हैदराबाद के भारत में विलय के प्रस्ताव को निजाम द्वारा अस्वीकार कर दिए जाने पर अंततः वहाँ सैनिक अभियान का नेतृत्व करने के लिए सरदार पटेल ने जनरल जे.एन. चौधरी को नियुक्त करते हुए शीघ्रातिशीघ्र काररवाई पूरी करने का निर्देश दिया। अंततः 13 सितंबर, 1948 को भारतीय सैनिक हैदराबाद पहुँच गए और सप्ताह भर में ही हैदराबाद का भारत में विधिवत् विलय कर लिया गया। प्रस्तुत पुस्तक में कश्मीर और हैदराबाद के भारत में विलय की राह में आई कठिनाइयों और उन्हें दूर करने में सरदार पटेल की अदम्य इच्छाशक्ति पर प्रामाणिक ढंग से प्रकाश डाला गया है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...