Everything Will Be Alright
Author:
Shubhanku KocharPublisher:
Author'S Ink PublicationsLanguage:
EnglishCategory:
Mythology0 Reviews
Price: ₹ 255
₹
300
Available
The novel is about two lovers cum friends, Nihal and Bhoomi, who leave their houses searching for fulfilment. They both have a dream. Nihal wants to win a gold medal in Mega events on an international platform, whereas Bhoomi intends to search for her biological parents as an adopted child. Both of them meet at a certain point and fall in love, and decide to get married even after the divine forces have declined their match. Along with this runs a parallel story of Antra and Apurva, who come from different backgrounds. They also fall in love with their terms for getting married. The story is full of magic realism where God and human beings, myth and reality, participate collectively in a specific direction. The attempt here is to experiment with the phrase: Everything will be alright. Humans tend to say to each other, "Don’t worry, Everything will be alright,” in our sheer exuberance, we keep challenging the unseen forces represented by God. The question that the novel poses before the reader is, “Can everything be alright?” Moreover, the intervention of God or Nature at various places is symbolic in asserting that human beings should not try to behave like the Lord of the Universe.
ISBN: 9788192955544
Pages: 304
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Jinhen Jurme Ishq Pe Naaz Tha
- Author Name:
Pankaj Subeer
- Book Type:

- Description: यह उपन्यास 'जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था' हमारे चारों ओर पसरते जा रहे अंधकार को चीरकर एक प्रकाश-पुंज की तरह सामने आता है। निराशा के इस जानलेवा समय में पंकज सुबीर की यह कृति हमें हौसला और उम्मीद बँधाती है। इसे पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया जाना चाहिए और युवाओं तक निःशुल्क पहुँचाया जाना चाहिए। आज के पुस्तक और प्रेम विरोधी दौर में ऐसा कुछ किया जाना चाहिए कि 'जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था' उपन्यास घर-घर में पढ़ा जाए। हिन्दी के चर्चित लेखक पंकज सुबीर का तीसरा उपन्यास। पंकज सुबीर के पहले दोनो उपन्यास "ये वो सहर तो नहीं" और "अकाल में उत्सव" बहुत अधिक चर्चित रहे हैं। कई सारे सम्मान इन दोनो उपन्यासों पर प्राप्त हुए। और अब पंकज सुबीर का तीसरा उपन्याास "जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था" प्रकाशित होकर आया है। पंकज सुबीर अपनी अलग तरह की शैली तथा विशिष्ट भाषा के लिए पहचाने जाते हैं। यह उपन्यास भी उसी कड़ी में एक प्रयोग है। यह उपन्यास मानव सभ्यता के पिछले पाँच हज़ार वर्षों की कहानी कहता है। और तलाशने की कोशिश करता है कि आख़िर वो क्या है, जिसके कारण मानव सभ्यता पिछले पाँच हज़ार साल केवल लड़ाई और युद्ध में ही गँवा चुकी है। यह उपन्यास बहुत सूक्ष्मता के साथ पिछले पाँच हज़ार सालों की कहानी का अवलोकन करता है। पाठक को एक ऐसी दुनिया में ले जाता है, जहाँ वर्तमान और भविष्य के संकेत मिलते हैं।
Swarg Ka Antim Utaar
- Author Name:
Lakshmi Sharma
- Rating:
- Book Type:


- Description: यह लक्ष्मी शर्मा का दूसरा उपन्यास है, उनका पहला उपन्यास भी बहुत चर्चित रहा था। अमीरी और ग़रीबी के बीच की खाई, मानव मन के गहरे में पैठे हुए लालच और उन सब के बीच कहीं-कहीं बची हुई संवदेनशीलता को यह उपन्यास बहुत ख़ूबसूरती के साथ रेखांकित करता है। यह कहानी केवल छिगन की कहानी नहीं है, बल्कि छिगन के बहाने यह उस करुणा को तलाश करने की कहानी है, जो करुणा भारत की आत्मा में बसती है।
Ek Himalayan Rahasmayi
- Author Name:
Ashesh
- Book Type:

- Description: अदृश्य रहने वाली एक स्त्री की गाथा
Aawo bachhon tumhe sunayen
- Author Name:
Alok Kumar
- Book Type:

- Description: नेहा, आयशा, कबीर और राहुल भी बाकि बच्चों की तरह पार्क में बैठकर मोबाइल की दुनिया में व्यस्त थे। तभी उन्हें वहाँ एक रहस्यमयी बूढ़ा व्यक्ति मिलता है जो उन्हें कहानियाँ सुनाने की पेशकश करता है। इसके बाद तो बच्चों को कहानियों का ऐसा चस्का लगता है कि उनकी हर शाम पार्क में उस व्यक्ति के साथ कहानियाँ सुनते हुए गुजरने लगती है। दूसरी तरफ उनके माता-पिता के पास अपने बच्चों के लिए समय ही कहाँ था? वे तो अब भी मोबाइल के संसार में उलझे हुए थे। ऐसे में बच्चे एक बेहद खतरनाक निर्णय लेते हैं.. निर्णय था घर से भाग निकलने का।
Moh : Maithili Novel
- Author Name:
Dr. Sunita Jha
- Book Type:

- Description: उपनिषदक आदेश अछि- “प्रजातन्तुं मा व्यवच्छेत्सीः” अर्थात् ओहि प्रजा-सूत्र केँ नहि तोड़ी। की थिक ई प्रजासूत्र? पिता, पितामह, प्रपितामह, पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र आ एकर बीचक पीढ़ीपर ठाढ़ स्वयं ओ व्यक्ति- इएह सात पीढ़ी एक ईकाई थीक। ओकर बीच सम्बन्ध आ ओकर संसार प्रजातन्तु थीक, जकरा ‘मोह’ जोड़ने रहैत अछि। ई मोह जतेक मजबूत रहत, ओ प्रजा-तन्तु ओतेक निस्सन रहत। एही मोहकेँ अक्षुण्ण रखबाक आदेश देल जाइत अछि। इएह मोह एहि उपन्यासक केन्द्रीय भाव थीक आ उपन्यासक नायकक नाम सेहो। आइ उन्नतिक मोल पर परिवार टुटि रहल अछि। ग्लोबलाइजेशन एकटा सुरसा जकाँ सभटा सम्बन्ध आ मोहकेँ गीड़ि रहल अछि। एक दिस वृद्ध-वृद्धाक लेल बनल आश्रम सभ विकास कए रहल अछि तँ दोसर दिस बाबाक सारा पर लागल आमक गाछ सुखा रहल अछि। एहि ‘कंट्रास्ट’क बीच ई उपन्यास आगाँ बढ़ैत अछि आ एही ‘क्लाइमैक्स’ पर आबि एकर अंत सेहो भए जाइत अछि। बीचमे कतेको मोह अबैत अछि– अपन लोथ भाइक लेल वीणाक मोह, अपन दारूपीबा भाइक जीवन बचएबाक लेल वीणाक मोह, अपन भाउजिकेँ अतीतमे देल गेल वचनक पालन करबाक लेल विवश पंडितजीक मोह, बालाक विवाह नीक जकाँ करएबाक लेल कटिबद्ध मोहक मोह– सभटाक मोहक जालकेँ नीकसँ बिनैत, ओकर तानी-भरनी केँ सक्कत बनबैत मोह आ वीणा एहि उपन्यासक नायक-नायिका बनल अछि। प्रकाश, कनक आ आन कतेको देयाद-बाद एकरा नहिं निमाहि सकल छथि। ई उपन्यास आदर्शवादी अछि। अन्हारमे दीप जरएबाक काज करैत अछि। उपन्यासमे सभठाम आशावाद छैक, ओहि प्रजातन्तुकेँ सक्कत बनएबाक प्रयास छै। वीणा अपन पुस्तैनी डीह पर गाछ लगबैत छथि, एही आशासँ जे विदेशमे रहैत हुनक धियापुता छुट्टीमे किछुओ दिनक लेल गाम आओत आ ओही सूत्रसँ बँधाएल रहत। उपन्यासक क्लाइमैक्समे मोह जखनि ओहि प्रजातन्तुकेँ सक्कत होइत देखैत छथि तँ निश्चिन्त भए जाइत छथि आ बाबाक सारा पर सबा सए वर्ष पूर्वक लागल गाछ केँ तिलांजलि दैत छथि, किएक तँ हुनका छह टा गाछ रोपबाक सार्थकता भेटि जाइत छनि, अपन पौत्र सभक लेल, अपन भविष्यक लेल। आइ टुटैत समाज, टुटैत परिवारक बीच सभकेँ मोहक बंधनमे जोड़बाक लेल संघर्ष करैत मोहक प्रति वीणाक शब्दमे लेखिकाक उक्ति सार्थक छनि- “बड़ सोचि कए अहाँक नाम पूर्वजलोकनि रखलन्हि। गाम-घर, सर-समाज, बन्धु-बांधव, पूर्वज, संतति, गाछ-वृक्ष, पशु-पक्षी सभमे अहाँक नाम अछि।” इएह मोह उपन्यासकेँ सार्वजनिक बनबैत अछि, व्यापक बनबैत अछि आ साहित्य बनबैत अछि।
Hash Tag Zindagi
- Author Name:
Shyam Chandele
- Book Type:

- Description: Book
Fukatchech Salle
- Author Name:
Dr. Ravindra Laxmikant Tamboli
- Book Type:

- Description: वाचाल तर वाचाल, असे आम्हाला शिकवले गेले होते. म्हणून आम्ही वाचत गेलो आणि वाचलेले जे काही होते त्यामुळेच संपन्नपणे वाढलो. अलीकडेही ‘वॉचाल' तर बिघडाल असे पोटतिडकीने सांगूनही वाचनावर बहिष्कार का टाकला जात आहे, याचा उलगडा होऊ शकत नाही. अनुत्तरित प्रश्नांवर खूप चिंतन करून उत्तर शोधायचे असते म्हणून आम्ही त्या शोधात वेळोवेळी जे काही लिहीत गेलो त्यातील काही लिखाण ‘फुकटचे सल्ले' म्हणून या पुस्तकात एकत्रितपणे दिले आहे.हे सल्ले फुकटचे असले तरी त्यांना अनुभवांचा आधार आहे. म्हणून ते महत्त्वाचे ठरतात. तेव्हा सदरचे पुस्तक विकत घेऊन आमचे हे फुकटचे सल्ले आपल्या जीवनात उपयोगात आणाल अशी आशा आहे. Fukatchech Salle | Dr.Ravindra Laxmikant Tamboli फुकटचेच सल्ले | डॉ.रवींद्र लक्ष्मीकांत तांबोळी
Drishtikon
- Author Name:
Priti Samkit Surana
- Book Type:

- Description: This book has no description
Shribharat Vijaya
- Author Name:
Acharya Sohanlal Ramrang
- Book Type:

- Description: श्री भरत विजय महर्षि वाल्मीकि के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम राघवेंद्र के लौकिक जीवनकाल की अंतिम घटना है। कथानक वर्णन में केकय देश आततायी गंधर्वों के कारण अनेक संकटों से ग्रस्त हो गया। इनसे मुक्ति पाने के लिए अयोध्या नरेश श्रीराम से प्रार्थना की गई। केकय देश को गंधर्वों के आतंक से मुक्त करने के लिए श्री भरत के सेनापतित्व में अयोध्या से विशाल चतुरंगिणी सेना चली। इस सैन्याभियान में उनके दोनों पुत्र तक्ष एवं पुष्कल भी साथ थे। सिंधु नद के पार गंधर्वों से भयंकर युद्ध छिड़ गया, निरंतर सात दिनों तक लोक विलयंक युद्ध होता रहा। किंतु किसी प्रकार विजय-प्राप्ति की स्थिति न आती देखकर श्री भरत ने मृत्युदेव के प्रलयंकारी सेवर्कास्त्र का प्रयोग कर तीन करोड़ गंधर्वों का संहार कर डाला। पाँच वर्ष पश्चात् श्री भरत अयोध्या लौटे। ये पाँच क्यों लगे? इसी का उत्तर अन्यान्य शास्त्रों के आधार पर देने का जो प्रयत्न किया गया, वही ‘श्री भरत विजय’ है। श्रीरामकथा के इस अल्पज्ञान प्रसंग की प्रस्तुति ही श्री भरत विजय के रूप में यह कृति है। __________________________________________ विषय सूची अनुच्छेद—पृष्ट समर्पण—5 प्रणामांजलि—7 श्रीरामकालीन भूगोल——9 श्रीराम कथा का एक विलुप्तप्राय अध्याय : श्रीभरत विजय—11 श्रीभरत विजय के पात्र—43 मार्गदर्शक ग्रंथ एवं कृतियाँ—47 आशीर्वचन—51
Guna
- Author Name:
Guruprasad Kaginele
- Rating:
- Book Type:

- Description: ಸಾಂಸಾರಿಕತೆ, ಪ್ರೀತಿ, ಜಗಳ, ಶೋಷಣೆ, ಅಳು, ನಗು ಎಲ್ಲವೂ ಹಾಸುಹೊಕ್ಕಾಗಿರುವ ಸಂಬಂಧಗಳಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲವೂ ಝರಿಯಂತೆ ಹರಿಯುತ್ತದೆ. ಗಂಡು ಹೆಣ್ಣು ಕೂಡಿ ಸಂಸಾರ ಮಾಡಿದರೂ ಶೋಷಣೆ ಕೇವಲ ಲಿಂಗಕ್ಕೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ್ದಲ್ಲ. ಸಂಸಾರದಲ್ಲಿ ಗಂಡಿಗೆ ಇಂಥ ಪಾತ್ರ, ಹೆಣ್ಣಿಗೆ ಇಂಥ ಪಾತ್ರ ಎಂದು ನಿರ್ದಿಷ್ಟವಾಗಿ ಹೇಳುವ ಕಾಲ ಮುಗಿದಿದೆ . ಹಾಗಾದಾಗ, ಪ್ರೀತಿಯಷ್ಟೇ ಶೋಷಣೆಯೂ ಅಸ್ಪಷ್ಟವಾಗಿ ಜಿವಮಾನವಿಡೀ ನಡೆದಿರಬಹುದು. ಇದನ್ನು ಕೂದಲು ಸೀಳಿ ನೋಡುವುದೋ ಅಥವಾ ‘ಡೀಲ್ ವಿಥ್ ಇಟ್’ ಎಂದು ಬದುಕನ್ನು ಮ್ಯಾನೇಜ್ ಮಾಡುವುದೋ, ಎಲ್ಲದಕ್ಕೂ ಉತ್ತರ ಕುಟುಂಬವೆಂಬ ವ್ಯವಸ್ಥೆ ಮಾತ್ರವೆ? ಈ ಹುಡುಕಾಟ ಕಾದಂಬರಿಯಾಗಿದೆ.
Anthu
- Author Name:
Prakash Nayak
- Rating:
- Book Type:

- Description: ‘ಅಂತು’ ಎಂಬ ಶಬ್ದದ ಎಲ್ಲ ಸಾಧ್ಯತೆಗಳನ್ನೂ ಅರ್ಥಪೂರ್ಣವಾಗಿ ಧ್ವನಿಸುವ ಈ ಕಾದಂಬರಿಯು, ತನ್ನ ವಸ್ತು ಮತ್ತು ಕಥನತಂತ್ರ ಎರಡೂ ದೃಷ್ಟಿಗಳಿಂದ ಕನ್ನಡ ಕಾದಂಬರಿಲೋಕಕ್ಕೆ ಒಂದು ವಿಶಿಷ್ಟ, ಮೌಲಿಕ ಸೇರ್ಪಡೆ. ಸದ್ಯದ ಅತ್ಯಾಧುನಿಕವಾದ ಕಾಪೆರ್Çರೇಟ್ ಜಗತ್ತಿನ ರೋಚಕ ವಿದ್ಯಮಾನಗಳನ್ನು ಲವಲವಿಕೆಯಿಂದ ನಿರೂಪಿಸುತ್ತಲೇ, ಅವುಗಳನ್ನೂ ಮೀರಿದ ನಿತ್ಯಸತ್ಯಗಳನ್ನು ಸ್ಪರ್ಶಿಸಿಬಿಡುವ ಮಹತ್ವಾಕಾಂಕ್ಷೆ ಇಲ್ಲಿ ಕಂಡುಬರುತ್ತದೆ. ಒಂದು ಕುತೂಹಲಕಾರೀ ಪ್ರಾಜೆಕ್ಟಿನ ಪೂರ್ವಾಪರಗಳನ್ನು ಪತ್ತೇದಾರೀ ಶೈಲಿಯಲ್ಲಿ ಶೋಧಿಸುವಂತೆ ಆರಂಭವಾಗುವ ಈ ಬರಹವು ಕ್ರಮೇಣ ಹುಟ್ಟು-ಸಾವು-ಪುನರ್ಜನ್ಮಗಳಂಥ ಗಂಭೀರ ಪ್ರಶ್ನೆಗಳಿಗೆ ಎದುರಾಗಿ ತಾತ್ವಿಕ ಎತ್ತರಗಳಿಗೆ ಬೆಳೆಯುವ ಪರಿ ಗಮನಾರ್ಹವಾಗಿದೆ. ಕನ್ನಡನಾಡಿನಿಂದ ಬಹುದೂರದ ಅಮೆರಿಕಾದಲ್ಲಿ, ತೀರಾ ಭಿನ್ನವಾದ ಪಾತ್ರ-ಭಾಷೆ-ಔದ್ಯಮಿಕ ಪರಿಸರದಲ್ಲಿ ಸೃಷ್ಟಿಯಾಗುವ ಅನುಭವವನ್ನು ಕನ್ನಡ ಭಾಷೆಯಲ್ಲಿ ಒಳಗೊಳ್ಳುವ ಈ ಸೃಜನಶೀಲ ಪ್ರಯೋಗವು ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯವು ಹಿಗ್ಗುತ್ತಿರುವ ಬಗೆಯನ್ನೂ ಕಾಣಿಸುತ್ತ ಆಸಕ್ತಿ ಹುಟ್ಟಿಸುತ್ತದೆ. ತನ್ನ ಸ್ಮೃತಿಗಳಲ್ಲಿ ಜತನದಿಂದ ಕಾಪಿಟ್ಟುಕೊಂಡಿರುವ ಸ್ಥಳೀಯ ತಿಳಿವಳಿಕೆಯನ್ನು ಆಧುನಿಕ ಲೋಕಕ್ಕೆ ಮುಖಾಮುಖಿಯಾಗಿಸಿ ಕಥನ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆಯನ್ನು ಸತ್ಯದ ಶೋಧವಾಗಿ ವಿಸ್ತರಿಸುವ ಪ್ರಯತ್ನದಲ್ಲಿ ಪ್ರಕಾಶ್ ನಾಯಕರು ಸಾಕಷ್ಟು ಯಶಸ್ವಿಯಾಗಿದ್ದಾರೆ. ‘ಅಂತು’ ನಿಸ್ಸಂದೇಹವಾಗಿ ಈ ದಶಕದ ಮುಖ್ಯ ಕನ್ನಡ ಕಾದಂಬರಿಗಳ ಸಾಲಿನಲ್ಲಿ ನಿಲ್ಲುವಂಥದ್ದು.
Sabhyata Aur Sanskriti Ki Rochak Kahaniyan "सभ्यता और संस्कृति की रोचक कहानियाँ" Book | Hindi Translation of The Stories We Tell
- Author Name:
Devdutt Pattanaik
- Book Type:

- Description: वर्तमान काल के प्रसिद्ध पौराणिक विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनायक ने इक्कीसवीं सदी में हमारे जीवन को समझाने के लिए भारत के मिथकों और किंवदंतियों के समृद्ध खजाने से शानदार कहानियाँ प्रस्तुत की हैं। कहानियों को विभिन्न विषयों में बाँटा गया है, जैसे अप्सरा, जो प्राचीन ग्रंथों में महिलाओं के निरूपण पर चिंतन है; कर्म, न्याय, और हड़पना या आदान-प्रदान, जो दर्शाती हैं कि कैसे प्राचीन शास्त्रों ने न्याय के हमारे आधुनिक आदर्शों को आकार दिया है; असीम, बिना किसी शर्त का प्रेम, जो उस समानता की खोज करता है, जो दो प्रेमियों के बीच मौजूद होना चाहिए; और देव तथा असुर, जो दर्शाती है कि कैसे सही और गलत का द्विगुण काले और सफेद जितना स्पष्ट नहीं है। लेखक के वेबकास्ट ‘टीटाइम टेल्ज’ से उत्पन्न कहानियों का यह संग्रह उनकी अनूठी शैली में लिखा गया है और पौराणिकता हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है, इस पर प्रकाश डालता है।
Topi Shukla
- Author Name:
Rahi Masoom Raza +2
- Book Type:

- Description: ‘मी लेखकांच्या अशा जमातीचा आहे ज्यांच्या मते लेखकाचं काम विश्वभरात शांती पसरवण्याचं आहे. त्याचं काम आहे अशा प्रेमकथा लिहिणं की ज्या वाचल्यावर माणसं आपापसातल्या भिंती विसरून जातील. सीमारेषा पुसून टाकणं हेच तर लेखकाचं काम आहे.' राही मासूम रझा राही मासूम रझा यांच्या ‘टोपी शुक्ला' या कादंबरीचा माझ्या मनावर मोठाच प्रभाव पडला. एकीकडे तिने अंतर्मुख केलं, तर दुसरीकडे लढ्याची नवी दृष्टी दिली. या कादंबरीची भाषा लढ्याची प्रेरणा देणारी तसेच मानवी करुणेचीही आहे. यातील भाषाशैलीने मनाची पकड घेतली आणि युवकांशी संवाद साधण्याची नवी दृष्टी दिली. तिने धर्म, जाती, प्रांतीयता, भाषा, लिपी, संस्कृती, राष्ट्र्रीयता, देशप्रेम या संकल्पना सर्वसामान्य माणसांच्या जीवनात कशा उतरतात ते दाखवून दिलं. धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारतीयतेशी त्यांचा असलेला अतूट धागा समोर आणला. त्याबरोबरच या भारतीयतेचा एकेक चिरा कसा ढासळत चालला आहे, यावरील भाष्यही या कादंबरीत येतं. टोपीला त्या काळात पडलेले प्रश्न आजचे आपलेच प्रश्न आहेत. भारतात, भारतीय समाजात तरुणांना सांप्रदायिकतेचं आणि केवळ सत्ताप्राप्तीचं साधन मानलं गेलं, तर भारताला, भारतीयतेला काय भवितव्य उरतं? यापेक्षा वेगळं भवितव्य घडवायला आपण उभं राहायला नको का? ही संपूर्ण कादंबरी इशारा देते की धर्मवादी लोकशाहीविरोधी शक्तींशी तडजोड केली तर ती भारताची, भारतीयतेची आत्महत्या ठरेल, त्यामुळे पडेल ती किंमत देऊन धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यांसाठी लढणं, ती जगणं अटळ आहे. रझिया पटेल
War of the Tribes
- Author Name:
Darius C. Modi
- Rating:
- Book Type:

- Description: The first book of the four-book Lasgalan Series How do you create the perfect team? Do you bring the strongest people in, and hope they work together with little training? Or do you bring in a variation of people and make sure they work together, whether they want to or not? Here, in the first book of the Lasgalan Series, War of the Tribes, you see seemingly ordinary teenagers grouped together and whisked off to work hard and fast. From birth, they are hardwired for battle and whether they like it or not, they have to go above and beyond their limits, time and time again. This is just the start for them. Knowing that they have to face a person who made even a God quiver, they know what sacrifices they have to make so that the job is finished cleanly. What makes a team? The easy work, or the despair, pain that they undergo? Magic, blood, gore, powers beyond their comprehension and brute force are some of the facets that shape this team to get it to what it needs to be. Unexpected twists shape the morale of the team, without them realizing it.
Daari
- Author Name:
Kusuma Ayrahalli
- Rating:
- Book Type:

- Description: "ದಾರಿ" ಇದು ಕುಸುಮಾ ಆಯರಹಳ್ಳಿ ಬರೆದ ಕಾದಂಬರಿಯ ಶೀರ್ಷಿಕೆ. ಈ ಪುಸ್ತಕದಲ್ಲಿ, ಹಳ್ಳಿಯಿಂದ ನಗರಕ್ಕೆ ಹೋಗಿ ಬದುಕುತ್ತಿದ್ದ ವ್ಯಕ್ತಿಯೊಬ್ಬ, ತನ್ನ ಹಳ್ಳಿಗೆ ಮತ್ತೆ ಮರಳಿ, ಆ ಹಳ್ಳಿಗಾಗಿ ದುಡಿಯುವ, ಹಳ್ಳಿಗರಿಗಾಗಿ ತುಡಿಯುವ ಕಥೆ ಇದು. ಕಥಾ ನಾಯಕನ ಔದ್ಯೋಗಿಕ ಜೀವನದಲ್ಲಾದ ಸಣ್ಣ ಪಲ್ಲಟ ತನ್ನ ಹಳ್ಳಿಯನ್ನು ಆತನಿಗೆ ಮತ್ತೆ ನೆನಪಿಸುತ್ತದೆ. ತನ್ನದೇ ಆದ ಆದರ್ಶಗಳ ಜತೆ ಬದುಕುತ್ತಿರುವ ಕಥಾ ನಾಯಕನಿಗೆ ತಾನು ಹುಟ್ಟಿ ಬೆಳೆದ ಹಳ್ಳಿಯಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲವೂ ಸರಿಯಿಲ್ಲ ಎಂದೆನಿಸಲು ಆರಂಭವಾಗುತ್ತದೆ. ಸರಿಯಿಲ್ಲದ್ದನ್ನು ಸರಿಪಡಿಸುವ ನಿರ್ಧಾರ ಮಾಡುತ್ತಾನೆ. ಅಲ್ಲಿಂದಲೇ ಈ "ದಾರಿ"ಯ ಆರಂಭ.
Love, Life & Marriage.. In a Metro
- Author Name:
Rashmi Anand
- Book Type:

- Description: This story is about two people who fell in love during college. After college, they marry, but reality soon hits their lives. And they realised that things were not going well. The girl decides to live separately, but the boy cannot accept that they are no longer together. It shatters his life. To overcome this, he goes to his aunt’s place in Singapore for a month. He lives there, meets some interesting people, makes good friends, and explores Singapore. He was about to get laid with the girl interested in him. But nothing happened that night. The next morning he felt guilty about the incident and went to Phuket for two days. He met a woman dumped by her husband, whom she loved madly. After spending time with her and sharing stories, he realised that he had to clear all differences with his wife and they should live happily.
Sitayan
- Author Name:
Susheel Kanti
- Book Type:

- Description: Book
Harichitta Satya
- Author Name:
Vasudhendra
- Rating:
- Book Type:

- Description: ಹರಿಚಿತ್ತ ಸತ್ಯ- ವಸುಧೇಂದ್ರ ಅವರ ಮೊದಲ ಕಾದಂಬರಿ. ಅತ್ಯಂತ ಸಂಯಮದಿಂದ ಕಾದಂಬರಿಯನ್ನು ಹೆಣೆದಿದ್ದು ಅವರ ಪ್ರೌಢಿಮೆಗೆ ಕನ್ನಡಿ ಹಿಡಿಯುತ್ತದೆ. ಸನ್ನಿವೇಶಗಳ ಜೋಡಣೆ, ಪಾತ್ರಗಳ ಸಂಭಾಷಣೆ, ನಿರೂಪಣೆ ಶೈಲಿ ಓದುಗರ ಗಮನ ಸೆಳೆಯುತ್ತದೆ. ಕಟ್ಟರ ಸಮಾಜ ಹಾಗೂ ಮುಕ್ತ ಸಮಾಜದ ಮಧ್ಯೆ ಇರುವ ವಿದ್ಯಮಾನಗಳು, ವೈಚಾರಿಕ ಪ್ರವಾಹ ಇಲ್ಲಿಯ ಪ್ರಮುಖ ವಸ್ತು. ಆದರೂ, ವಿಧಿಯ ಪಾತ್ರವನ್ನು ತಳ್ಳಿ ಹಾಕದೇ ಇದ್ದರಿಂದ ಅವರು ಹರಿಚಿತ್ತ ಸತ್ಯ ಎಂದೇ ಕಾದಂಬರಿಗೆ ಹಸರು ಇಟ್ಟಿದ್ದು ಸೂಕ್ತವೆನಿಸಿದೆ.
Anatha Nuhe
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: My name is Dr.Sanjay,and I am a best selling author. I have written several books that have made the top of the bestseller lists. My latest book, has been an international sensation. It tells the story of a orphan and has resonated with readers of all ages. I have always been passionate about writing and storytelling, and I strive for excellence in every word I write. My books often explore themes of courage, resilience, and self-discovery, and I hope that my writing can inspire readers to think more deeply about their own lives. I'm excited to share my story with the world and look forward to what the future holds for my writing.
Shivar
- Author Name:
Vijay Dhondiram Jadhav
- Book Type:

- Description: “कसली कसली तणनाशकं मारत्याती. ते मारलेल्या जमिनीवरनं नुसतं चाललं तर अंगाचा आगडोंब हुतूय, मग जमिनीनं ते कसं सोसायचं. जमिनीतली किडामुंगी सगळं मरून जातंय. एवढा तिच्यावर अत्याचार केल्यावर ती कशी पिकणार. काजळाच्या वडीसारखं शिवार आता खरूज आलेल्या माणसासारखं दिसाय लागलंय. ढेकूळ तोंडात टाकला तर खराट घोट लागतूय. सगळ्या वावरावर पांढराधोट मिठाचा थर तवंग आल्यासारखा दिसतूय. अजून एखादं वरीस कसं तरी शिवार दम काढील; पण त्येच्या म्होरं ह्येच्यात काय पीक यील असं मला वाटत न्हाई. पिकायचं बंद झालं, की मग बसा बोंबलत. ईख खाऊन मरा, न्हाई तर झोळ्या घेवून भीक मागत फिरा. आपल्या डोळ्यादेखत शिवाराचं झालेलं हे वाटुळं बघण्यापरास चाटशिरी मराण आल्यालं चांगलं.” एका बाजूला रानशिवाराशी जडलेलं श्रद्धाविश्व आणि दुसऱ्या बाजूला आधुनिक विकासाच्या नावाखाली सुरू असणाऱ्या बदलांमुळे लयाला चाललेलं रानवैभव अशा कात्रीत सापडलेला प्रत्येक शेतकरी अशी मरणाची भाषा बोलतो. ‘शिवार'मधले अण्णा-आप्पाही त्याला अपवाद नाहीत... शेतकऱ्याला बागाईतदार अशी ओळख देणाऱ्या ऊसशेतीने निर्माण केलेल्या प्रश्नांचा चौफेर वेध घेणारी आणि या प्रश्नांच्या कचाट्यात सापडलेल्या शेतकऱ्याची हतबलता मांडणारी कादंबरी. शेतीच्या भांडवलीकरणातून झालेल्या शेतकऱ्याच्या कोंडीचा ग्रामजीवनावरील दूरगामी परिणाम समजून घेण्यासाठी वाचलीच पाहिजे अशी कादंबरी. शिवार | विजय धोंडीराम जाधव Shivar | Vijay Dhondiram Jadhav
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...