Desired By The Devil
Author:
Deeksha PandeyPublisher:
Author'S Ink PublicationsLanguage:
EnglishCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 201.45
₹
237
Available
While trying to escape from the professed love of Satan, the most dreaded Bahubali of a state, Kaira ran into another powerful man, divide. Memorised by her captivating eyes, he only wanted to hide her in his embrace, saving her from all the Malevolence around her. In the shadow of Dividend love, Satya became a story of her past for Kaira but little did she know that some stories tend to repeat themselves with time. The fear and anguish which she thought she overcame, in all its might, ran through her, shivering yet fierce, gathering all her courage; she stood in front of him again nevertheless, this time, she wasn't alone, but when time unfolded, harsh truths, her beliefs of right and wrong quivered like a dead leaf of a branch. What conspired next is an intriguing saga of love, lust, shaking truth and faith.
ISBN: 9788193463338
Pages: 2000
Avg Reading Time: 67 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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संवेदना और गहरी दृष्टि से भाषा के अनोखे खेल की रचना करता है गीतांजलि श्री का उपन्यास—‘ख़ाली जगह’। इस उपन्यास में लेखिका ने नैरेटिव की चिन्दियों को विस्फोट की तरह फैलने दिया है—बार-बार सत्यता के दावों में छेद करते हुए। ‘ख़ाली जगह’ में मूल तत्त्व वह हिंसा है जो हमारे, रोज़मर्रे की ज़िन्दगी में समा गई है। ‘बम’ इसका केन्द्रीय रूपक है जो ज़िन्दगियों के परखचे उड़ा देता है।
एक अनाम शह के अनाम विश्वविद्यालय के सुरक्षित समझे जानेवाले कैफ़े में एक बम फटता है—और उन्नीस लोगों की शिनाख़्त से शुरू होती है—‘ख़ाली जगह’ की कहानी। उन्नीसवीं शिनाख़्त करती है एक माँ—अपने राख हुए अठारह साल के बेटे की और यही माँ ले आती है बेटे की चिन्दियों के साथ एक तीन साल के बच्चे को, जो सलामत बच गया है, न जाने कैसे, ज़रा-सी ख़ाली जगह में...!
गीतांजलि श्री ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव यथार्थ के बीच जो तालमेल बिठाती हैं वह स्पष्ट, तार्किक क्रम को तोड़ता है। वह उसमें लेखकीय वक्तव्य देकर कोई हस्तक्षेप नहीं करतीं। पात्रों की भावनाएँ, उनके विचार और कर्म, अस्त-व्यस्त उद्घाटित होते हैं, घुटे हुए, कभी ठोस, कभी ज़बरदस्त आस और गड़बड़ाई तरतीब में हैरानी से भिंचे हुए। पूछते से कि क्या यही है जीवन, यही होता है उसका रंग-रूप, ऐसा ही होना होता है? ‘ख़ाली जगह’ गीतांजलि श्री के लेखन की कुशलता का सबूत है, वह कल्पना और यथार्थ के अभेद से बनी ज़िन्दगी बटोर लाती हैं और ‘ख़ाली जगह’ पाठकों के मन पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ जाता है।
Aadividrohi
- Author Name:
Howard Fast
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Description:
ईसा पूर्व 73 के आसपास रोम में हुए ग़ुलाम-विद्रोह की यह महागाथा ‘आदिविद्रोही’ स्वतंत्रता, प्रेम, उम्मीद और जिजीविषा की अपूर्व कथा है। इस विद्रोह का नेतृत्व ग़ुलामों के परिवार में ही जन्मे स्पार्टकस ने किया था। यह वह दौर था जब ग़ुलामी की प्रथा अपने शिखर पर थी और मनुष्यता का विशाल हिस्सा मुट्ठीभर उच्च वर्ग की सेवा और मनोरंजन का साधन भी था। तत्कालीन रोम के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक जीवन में ग़ुलामी की यह प्रथा कैसे काम करती थी, इसका अनुमान तो इस ऐतिहासिक उपन्यास से होता ही है; ग़ुलामों का अपना जीवन कैसा था; ग़ुलाम पुरुषों और स्त्रियों को पराधीनता की मानसिक यंत्रणा के अलावा शारीरिक तौर पर भी क्या कुछ झेलना पड़ता था, यह भी इससे समझा जा सकता है।
लेकिन उपन्यास का केन्द्रीय पात्र स्पार्टकस ही है जिसे कापुआ के अमीर लानिस्ता लेन्टुलस बाटियाटस ने ग्लैडिएटर के रूप में तैयार किया और जिसने आगे जाकर अपनी और अपने साथी ग़ुलामों की आज़ादी के लिए एक ऐतिहासिक विद्रोह को अंजाम दिया। स्वाधीनता, समानता और मुक्त विवेक के पैरोकार हावर्ड फ़ास्ट ने अपनी कृतियों में हमेशा ही साधारण जन की अन्तर्निहित शक्ति को पहचानते हुए ऐसी कथाओं की रचना की जो मानवता के भविष्य को लेकर उम्मीद पैदा करती है।
1951 में लिखे गए इस उपन्यास के विषय में यह जानना भी रोचक होगा कि तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों के चलते उस समय अमेरिका के किसी प्रकाशक ने इसे छापने का साहस नहीं दिखाया था, लेखक ने इसे अपने परिचितों और पाठकों की सहायता से स्वयं प्रकाशित किया था। बाद में यह फ़िल्मों और टीवी धारावाहिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना।
Chakrateerth
- Author Name:
Amritlal Nagar
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Description:
प्रस्तुत उपन्यास ‘चक्रतीर्थ’ में कुषाणों और यूनानियों की दासता से ट्रस्ट और विखंडित भारत के पुनर्संगठित होकर एक सशक्त और समृद्ध देश बनने की यह प्रेरणादायक रंगारंग भारतीय छवियों से भरपूर, यह रोचक राष्ट्र-कथा पढ़कर आपको आज के भारत की समस्याओं पर गहराई से विचार करने की स्फूर्ति मिलेगी।
यह इतिहास कथा उस भावनात्मक आन्दोलन से जुड़ी है जिसने पहली बार भारत की सभी जातियों के उत्तम विचार और संस्कार लेकर तथा ब्राह्मण और श्रमण धर्म का उचित समन्वय करके समूचे भारत को वह एकता प्रदान की जिसके सही और ग़लत प्रभावों से यह देश आज तक बँधा हुआ है।
पुरानी दुनिया में भारत के महत्त्वपूर्ण स्थान और विश्वव्यापी मानव संस्कृति की रसभीनी छटा फहराने वाला, भारतीय साहित्य में अपने रंग का अकेला, यह उपन्यास आपके हाथों में है।
उपन्यास का पहला पृष्ठ पढ़ना आरम्भ कीजिए और फिर अन्तिम पृष्ठ पूरा पढ़े बिना आप इसे छोड़ नहीं सकेंगे।
Kandho Par Ghar
- Author Name:
Pragya
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Description:
काँधों पर घर दूर-दराज़ के इलाकों से अपने सपनों की गठरी बाँधकर दिल्ली आए लोगों की अनेक कहानियाँ कहता उपन्यास है। एक जीवन में अनेक पहचानों और अनेक संघर्षों से जूझते लोग इसमें नज़र आएँगे।
पूनम इन्हीं में से एक है जो अपने सूरज का हाथ थामकर बदायूं से दिल्ली चली आई। शहर के जीवन ने पूनम को एक सपना सौंपा और साथ सौंपा उसके सपने को अपना मानने वाले लोगों का अटूट भरोसा। इस तरह एक सपने में अचानक कई-कई सपने झांकने लगे। जीवन के आंधी-तूफान में पूनम ने एक छोटा-सा सपना साकार किया पर सपने और हकीकत के बीच संघर्षों का दरिया तेज़ तूफान लिए था। इन लोगों के पांव तले जमीन कच्ची थी पर पूनम, फरीदा, सुगंधा, मुनमुन, नेचू, पंकज और सूरज का हौसला पक्का था। ये ऐसे ही ज़िन्दादिल लोगों की कहानी है जो एक से दो, दो से तीन और आगे बढ़ते-बढ़ते एक काफिला बनाते चलते गए। अपने खून-पसीने से जिन्होंने दूसरों के लिए स्वर्ग रचे। ऐसे लोग जो शहर को शहर बनाते हैं पर शहर का भरा-पूरा आसमान अक्सर ज़मीन के इन लोगों की तरफ देखता भी नहीं।
ये कहानी दिल्ली के उस यमुना पुश्ते की कहानी है जिसका अपना एक इतिहास रहा है। वे लाखों लोग पुश्ते से हटाकर कहीं और बसा दिए गए पर वीरान पुश्ते में दबी आवाज़ें उस पूरे संसार को सामने ले आती हैं जो जीवन के आरोह-अवरोह की जीवंत शरणस्थली था। इनका जीवन जैसे विस्थापन के एक चक्र में उलझा रहता है। एक विस्थापन समाप्त होता है तो दूसरा शुरू हो जाता है।
Arohan
- Author Name:
Sadhna Shankar
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Description:
कल्पना कीजिए कि पृथ्वी को छोड़कर मानव जाति किसी और ग्रह पर जा बसे। तकनीक इतनी विकसित हो जाए कि प्रजनन तथा उत्तरजीविता के लिए स्त्री और पुरुष एक-दूसरे पर निर्भर न हों, दोनों के दो अलग, एक-दूसरे से अनजान लोक बस जाएँ। जब जरूरत हो क्लोनिंग से नए प्राणी का सृजन कर लिए जाएँ और जब देह का कोई अंग असमर्थ लगे उसे एकदम नए अंग से और बुढ़ापे को युवावस्था से बदल लिया जाए!
इस उपन्यास में इस कल्पना को हमारी मौजूदा दुनिया के समानान्तर तमाम सम्भव उपादानों के साथ रचा गया है। विज्ञान कथाओं को जो पाठक अविश्वसनीय कल्पनाओं की उड़ान मानते हैं, और दूसरे ग्रहों से आनेवाले मनुष्य-विरोधी प्राणियों, एलियनों की विचित्र शक्लों से ऊब चुके हैं, उनके लिए यह उपन्यास एक ताजा हवा की तरह है।
उपन्यास की ताकत है कल्पना का सांगोपांग और तर्कसम्मत निरूपण और उसके भीतर पैठकर कहानी को इस तरह कहना कि जब तक आप उसमें रहते हैं, अपनी वर्तमान दुनिया से बरबस परे चले जाते हैं। एक वैश्विक दार्शनिक गल्प-यात्रा पर एक प्रति-सृष्टि में जहाँ वह सब कुछ है जिसे मनुष्य अपनी प्राकृतिक सीमाओं को लाँघकर, अपनी उत्तरजीविता की अन्तहीन आशा में रच सकता है।
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