Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

30 Books

The Darkness is Vanishing

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: The poems of Ramesh Pokhriyal "Nishank" represent innate, passionate ramifications and poetic mystification for readers. While they may include hymns and religious instructions, what stands out is the sentimental piety in the poems offered within this collection. As a poet, Nishank surveys possibilities, comparing them to actualities, facts, theories, alternatives, and ideals, weighing them together. Thus, his work is both insightful and foresightful, providing a sense of life’s worth. Remarkably, these poems are not complex; they are simple and pliable. The doctrines and practices they endorse are not new or recent but align with established norms. The poems that emerge from darkness invigorate the spirit, making our hearts dance and enveloping us in a mystical softness, enchanting enough to soothe distressed feelings while instilling a sense of truth, clarity, and refinement. Nishank conjures images of everyday, affable life, depicting socially intellectual and passionate men who dance, croon, and fall yet rise again—shortly devastated but soon resilient. His poems are both popular and distinctly contemplative. Hidden behind his voice lies every man; if you wish to understand his character, let the doors of the heart open and allow them to speak. *** The ardor for humankind may pulse in every throb of my heart; let there be a beautiful person within me. My only desire in this life is to die for my country, with my life as an emblem for humanity. *** Like worms clothing the wheat, jealousy, like termites, hollow out the preposterous. *** To erase darkness, those who burn like torches do so even in adverse torrents; they never extinguish. *** Happiness resides in the present, not in the future; it rests in the depths of the mind. —From this collection.
The Darkness is Vanishing

The Darkness is Vanishing

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

300

₹ 240

Jab Bapu Ko Himalaya Ne Roka

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: भारतीय सांस्कृतिक नवजागरण के अग्रदूत गौतम बुद्ध, सम्राट् चंद्रगुप्त, आदिशंकराचार्य, समर्थ रामदास, महर्षि दयानंद सरस्वती, वेदांत केसरी स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामतीर्थ आदि महात्माओं ने हिमालय की गोद में प्रेरणा प्राप्त की। इसी की शरण और सान्निध्य में निष्काम कर्म यानी ‘अनासक्ति’ का महापाठ सीखा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी हिमालय से अभिभूत रहे। उनकी कृति गीता का अनुवाद ‘अनासक्ति योग’ संयोग से इसी हिमालय की प्रेरणा से पूरी हो पाई। यहीं उन्होंने इसकी सारगर्भित प्रस्तावना लिखी। इस पुस्तक में उनके व्यवहृत जीवन का दर्शन भी समाहित है। गीता को बापू ने किस तरह अपने आचरण में ढाल लिया, इसका भी जीवंत दस्तावेज है यह ‘अनासक्ति योग’ पुस्तक। भारतव्यापी दौरे पर निकले बापू स्वास्थ्य लाभ और सीमांत पर्वतीय जनता में नई उमंग भरने यहाँ आए थे। ये वर्ष १९२९ की गरमियों के दिन थे। नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत होते हुए वह कौसानी पहुँचे। यहाँ की नयनाभिराम छटा और सामने दुग्ध धवल हिमालय के अप्रतिम-आध्यात्मिक सौंदर्य ने बापू के पाँवों में जैसी बेडिय़ाँ डाल दीं। दो दिन के प्रवास पर यहाँ आए गांधीजी पूरे १४ दिन यहीं रुके रह गए। कौसानी चाय बागान का यह अतिथि-गृह, जहाँ बापू ठहरे और ‘अनासक्ति योग’ पुस्तक लिखी, वही आज ‘अनासक्ति आश्रम’ के नाम से जाना जाता है। भारतवर्ष के मस्तक हिमालय का जयघोष करती गौरवबोध करवाने वाली पठनीय कृति।
Jab Bapu Ko Himalaya Ne Roka

Jab Bapu Ko Himalaya Ne Roka

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Suprabhat Zindagi

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: सादगी के सौंदर्य से दीप्त इन कविताओं में गहरी संवेदना और मूल्यचेतना व्याप्त है। निशंकजी जीवन के संक्रांत सत्य को गहराई से समझते हैं। जीवन में सुख भी है, दु:ख भी है, हार भी है, जीत भी है, यानी सकारात्मकता है तो नकारात्मकता भी है। निशंकजी संक्रांत सत्य को निरंतर चित्रित करते हुए जीवन के प्रकाश पक्ष को रेखांकित कर देते हैं। उनकी कविताएँ कहती हैं कि जीवन एक सरल रेखा नहीं है। उसमें अनेक उतार-चढ़ाव होते हैं और वे ही हमें अच्छी और सही जिंदगी का पाठ पढ़ाते हैं। कवि कहता है कि लोग जिसे प्रतिकूलता मानते हैं, वह अनुकूलता की सृष्टि करती है। हमें प्रतिकूलता और अनुकूलता के द्वंद्व तथा सुंदर परिणति की प्रतीति करनी चाहिए। मनुष्य को अनुकूलता के प्रति दृढ़ विश्वास रखकर उसके लिए संघर्ष करना चाहिए। इस संग्रह की सारी कविताएँ भिन्न-भिन्न प्रकार से जीवन के प्रति विश्वास पैदा करती हैं, यानी सबमें रात से निकला हुआ सुप्रभात व्याप्त है। कवि की संवेदनशीलता और मूल्यधर्मिता उस आमजन के दर्द तथा महत्त्व की गहरी पहचान कर लेती है, जो ऊँचा कहे जानेवाले समाज की दृष्टि से ओझल है और तुच्छ है।—रामदरश मिश्र
Suprabhat Zindagi

Suprabhat Zindagi

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Mauritius Ki Swarnim Smritiyan

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: मॉरीशस भारत से दूर ' एक और भारत ' की अनुभूति करानेवाली यात्रा है । माँ गंगा की एक और धरती का साक्षात् दर्शन- ' गंगोतरी से गंगा सागर ' जैसी । मॉरीशस उन पुरखों की जीवटता की कहानी है, जिन्होंने दासता की दारुण यंत्रणाओं के बीच भी अपनी संस्कृति व संस्कारों को बचाए रखा । नई पीढ़ियों ने इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपनी जन्मभूमि मॉरीशस को समृद्ध, सुसंस्कारित ही नहीं बल्कि मातृभूमि भारत का जीवंत प्रतिरूप ही बना दिया । यही नहीं, दास बनाकर लाए गए पुरखों की इन संततियों ने स्वयश से यशस्वी बनकर आज यहाँ की बागडोर भी सँभाल ली है । जो लोग कठिन-से-कठिन स्थितियों में भी हार माननेवाले नहीं होते, स्वयं यश अर्जित करनेवाले, सबके प्रति सरल होते हैं, और मन में जो ठान लिया, उसे कर दिखानेवाले होते हैं ऐसे कर्मठ लोग ही मनुष्यों में शिरोमणि होते हैं । प्रस्तुत पुस्तक में मॉरीशस की सांस्कृतिक झाँकी, पर्व, त्योहार, वेश- भूषा, खान-पान तथा विकसित मॉरीशस की विकास-यात्रा सरसता से सँजोई गई है । मॉरीशस की स्वर्णिम स्मृतियों का झरोखा है यह पुस्तक ।
Mauritius Ki Swarnim Smritiyan

Mauritius Ki Swarnim Smritiyan

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Wah Zindagi

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: ‘तुम यहाँ हो! मैं तो तुम्हें अंदर ढूँढ़ रही थी।’ इतने में कृतिका मुझे ढूँढ़ती बाहर चली आई। ‘यह क्या हाल बना रखा है तुमने अपना?’ और वह खिलखिलाकर हँस दी। तभी दोनों बच्चे भी स्कूल जाने के लिए बाहर आए और कृतिका को हँसते देख वे भी मुझे देख हँसने लगे। ‘मजा आ गया आज तो?’ ‘अरे पिताजी! रोज ऐसा किया करिए, छुट्टी के दिन हम भी आपके साथ भीगेंगे...।’ कहकर वे हाथ हिलाते हुए स्कूल निकल पड़े। कुहासा छँट रहा था। मैं अपने आपको बेहद हल्का महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था, जैसे मैं आकाश में उड़ रहा हूँ। जिंदगी बहुत खूबसूरत है, बस जरूरत है तो उसे इस नजरिए से देखने की। ‘वाह जिंदगी!।’ मैंने मन ही मन उस जिंदगी को धन्यवाद दिया, जो कल ही मेरे पास कुछ समय के लिए आकर मुझे जीना सिखा गई थी। —इसी पुस्तक से साहित्य-सृजन के प्रति सचेत राजनीतिज्ञ एवं लेखक रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कलम से निकला कहानी-संग्रह ‘वाह जिंदगी!’ जीवटता एवं जीवंतता का अद्भुत उदाहरण है। जीवन के विविध रंग उकेरता मनोरंजक और प्रेरणाप्रद कहानी-संग्रह।
Wah Zindagi

Wah Zindagi

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

149.6

₹ 119.68

Sanskriti aur Saundarya ka Sangam UKRAINE

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: This book doesn’t have any description
Sanskriti aur Saundarya ka Sangam UKRAINE

Sanskriti aur Saundarya ka Sangam UKRAINE

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

300

₹ 240

Europe Ka Sanskritik Kendra FRANCE

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: This book doesn’t have any description
Europe Ka Sanskritik Kendra FRANCE

Europe Ka Sanskritik Kendra FRANCE

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

350

₹ 280

Paramparagat Sanskriti aur Adhunikta ka Sangam AUSTRIA

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: ऑस्ट्रिया अत्यधिक औद्योगीकृत, विकसित और समृद्धि के हिसाब से दुनिया के शीर्षतम देशों में शुमार है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत देखने लायक है। यहाँ के नागरिकों द्वारा अपनी संस्कृति, अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों का उच्च सम्मान किया जाता है। ऑस्ट्रिया एक समृद्ध, स्थिर और संपन्न देश है। चाहे पर्यावरण की रक्षा हो, चाहे अपनी पुरानी स्थापत्य कला का संरक्षण हो, चाहे जरूरतमंद शरणार्थियों की सहायता की बात हो, महिलाओं के सम्मान का विषय हो, धार्मिक स्वतंत्रता हो या फिर विदेशियों के प्रति प्रेम-आदर का भाव हो, ऑस्ट्रिया की बात ही अलग है। ऑस्ट्रिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है ही, साथ ही इसे शास्त्रीय संगीत के बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है। एक गतिशील अर्थव्यवस्था, विदेशी व्यापार के बड़े केंद्र, आधुनिक औद्योगिक राष्ट्र होने के अलावा यह यूरोप के सबसे नवोन्मेषी देशों में से एक है। यह पुस्तक संक्षेप में ऑस्ट्रिया की संस्कृति, अर्थव्यवस्था, रीति-रिवाज, इतिहास, भूगोल से लेकर वहाँ के पर्यटक स्थलों, शैक्षिक तंत्र, धार्मिक विविधता, भाषा, जैवविविधता, राजनीतिक व्यवस्था की जानकारी सहज ही उपलब्ध कराती है।
Paramparagat Sanskriti aur Adhunikta ka Sangam AUSTRIA

Paramparagat Sanskriti aur Adhunikta ka Sangam AUSTRIA

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

300

₹ 240

Ugate Suraj ka Desh JAPAN

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: जापान जाने के आपके पास असंख्य कारण हो सकते हैं। मुख्य रूप से जापान की बिजनेस संस्कृति, सुंदर समुद्र तट, मेहनतकश लोग, हिमाच्छादित पर्वत- श्रृंखला, अद्भुत मंदिर, ज्वालामुखी, नैसर्गिक सौंदर्य, वहाँ की परंपराएँ, रीति-रिवाज, परिधान, त्योहार, खाना, उच्च प्रौद्योगिकी, कार्यशैली और सबसे ऊपर वहाँ की विनम्रता पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है। जापानी अध्यात्म से जुड़े रहते हैं; अत्यंत सक्रिय जीवन जीते हैं; राष्ट्रनिष्ठ होते हैं और मानवीय गुणों से युक्त पारस्परिक जीवन जीते हैं। बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों का आयात करने के बावजूद जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया के किसी देश में इस तरह की नीति का निर्माण करने के बावजूद आर्थिक विकास पर आगे बढ़ने का और कोई उदाहरण फिलहाल नहीं है। इससे अलग जापान दुनिया के सबसे ज्यादा निवेश करनेवाले देशों में भी शामिल है। अधिकतर लोग जापान की प्राकृतिक सुंदरता और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने वहाँ जाते हैं। यह पुस्तक संक्षेप में जापान की संस्कृति, अर्थव्यवस्था, रीति-रिवाज, इतिहास, भूगोल से लेकर वहाँ के पर्यटक स्थलों, शैक्षिक तंंत्र, धार्मिक विविधता, भाषा, जैवविविधता, राजनीतिक व्यवस्था की जानकारी सहज ही उपलब्ध कराती है।
Ugate Suraj ka Desh JAPAN

Ugate Suraj ka Desh JAPAN

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Shiksha Ke Madhyam Se Rashtra-Nirman

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जिस 'न्यू इंडिया' की कल्पना की है, उसकी आधारशिला के रूप में भारत को एक ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता थी, जो तेजी से बदलते समाज और गतिशील दुनिया की चुनौतियों को अवसरों में बदल सके और खुशहाल भारत का निर्माण कर सके। गहन अध्ययन-मनन और चिंतन के उपरांत तैयार की गई नई शिक्षा नीति-2020 पूर्णतया भारत-केंद्रित होने के साथ गुणवत्तापरक, नवाचारयुक्त, व्यावहारिक, प्रौद्योगिकीयुक्त, अंतरराष्ट्रीय, वैज्ञानिक और कौशलयुक्‍त है । कुल मिलाकर नई शिक्षा नीति NEP-2020 130 करोड़ से अधिक भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। नई शिक्षा नीति-2020 ने भारतीय परंपरागत ज्ञान, संस्कृति, भाषाओं, परंपराओं और मानवीय मूल्यों के विकास पर विशेष जोर दिया है और इस नीति में स्पष्ट है कि शिक्षा केवल शिक्षकों और पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान एवं जानकारी के बारे में नहीं है। यह उन मूल्यों, क्षमताओं और व्यवहार को विकसित करने के बारे में है, जो एक स्थिर समाज बनाने के लिए शांति, न्याय और समावेशिता के गुण विकसित करते हैं। निश्चित रूप से भारत को शिक्षा के आकर्षक केंद्र के रूप में स्थापित कर नई शिक्षा नीति भारत के विश्वगुरु बनने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
Shiksha Ke Madhyam Se Rashtra-Nirman

Shiksha Ke Madhyam Se Rashtra-Nirman

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

300

₹ 240

Pareeksha Leti Zindagi

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: जीवन में हर मोड़ पर हमें अनेक प्रकार की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है जहाँ हर व्यक्ति के समक्ष समस्याएँ और संकट निश्चित ही आते हैं। जीवन में आए इन संकटों और समस्याओं से जब आप जूझते हैं और इनके विरुद्ध संघर्ष करते हैं तो आपका आत्मविश्वास उतना ही बढ़ जाता है। यही आत्मविश्वास आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा और प्रोत्साहन प्रदान करता है। इस संग्रह में श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के प्रकाशित अनेक काव्य-संग्रहों में से कुछ चुनिंदा कविताएँ समाहित की गई हैं। श्री निशंक उद्दात चिंतन और श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों तथा संवेदनाओं के पक्षधर साहित्यकार के रूप में जाने-पहचाने जाते हैं। इन कविताओं में उनका यही जीवन-दर्शन मुखरित होता है। ये कविताएँ समाज की जटिलताओं और विसंगतियों से उपजी हताशा और निराशाओं को दूर करने की विगीजीषु और संघर्ष करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं तो दूसरी ओर जिंदगी की हर कठिन परीक्षाओं से गुजर कर सफलताओं के शिखर तक पहुँचने का मार्ग भी बतलाती हैं।
Pareeksha Leti Zindagi

Pareeksha Leti Zindagi

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Himalaya Ke Anchal Mein Prakriti Ka Sparsh

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: This Book Doesn't have Description
Himalaya Ke Anchal Mein Prakriti Ka Sparsh

Himalaya Ke Anchal Mein Prakriti Ka Sparsh

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

340

₹ 272

Prakriti Ki God Mein Maa Ki Paathshala

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: ‘याद आता है मुझको अपना तरौनी ग्राम, याद आती लीचियाँ और आम’ बाबा नागार्जुन की इन पंक्तियों में अत्यंत सूक्ष्म संकेतों में उनके ‘तरौनी ग्राम’ की स्मृति अवश्य बँध गई है, लेकिन उत्तराखंड के गौरवकवि डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की ‘कोरोना काल’ में रची गई ‘प्रकृति की गोद में माँ की पाठशाला’ कविता संग्रह की कविताओं में तो उनके ‘बचपन’ की लगभग हर स्मृति के साथ माँ के वात्सल्य का अमृत पाठकों को मिलेगा, जो सहज ही प्रत्येक पाठक के हृदय को झकझोरकर रख देगा। डॉ. ‘निशंक’ की इन ‘स्मृति-कविताओं’ में पहाड़ की धड़कन को महसूस किया जा सकता है। पर्वतीय लोक-जीवन, लोक-संस्कृति और संवेदनाओं से महकती हुई डॉ. ‘निशंक’ की ये कविताएँ पर्वतीय समाज की अदम्य जिजीविषा का निर्मल दर्पण कही जा सकती हैं। निश्चित रूप से विश्वव्यापी ‘कोरोना महामारी’ की भयंकर विभीषिका में कवि ‘निशंक’ ने इन रचनाओं के रूप में ‘स्मृति-काव्य’ का अनुपम उपहार हिंदी जगत् को दिया है। देवभूमि की पावन स्मृतियों को अपनी कविताओं में साकार करने वाले कवि डॉ. ‘निशंक’ की भावनाओं में ‘पर्वतीय समाज और परिवेश’ आपको शब्दशः जीवंत मिलेगा। —इसी पुस्तक की भूमिका से
Prakriti Ki God Mein Maa Ki Paathshala

Prakriti Ki God Mein Maa Ki Paathshala

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

340

₹ 272

Srijan Ke Beej

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: This Book doesn't have any Description.
Srijan Ke Beej

Srijan Ke Beej

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

300

₹ 240

AIIMS Mein Ek Jung Ladte Huye

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: कोरोना ‘‘हार कहाँ मानी है मैंने रार कहाँ ठानी है संघर्षों की गाथाएँ गायी है मैंने मुझे आज भी गानी है। मैं तो अपने पथ-संघर्षों का पालन करते आया हूँ। फिर कैसे पीछे हट जाऊँ मैं सौगंध धरा की खाया हूँ। क्यों आए तुम कोरोना मुझ तक अब तुमको तो बैरंग जाना है पूछ सको तो पूछो मुझको मैंने मन में क्या ठाना है। तुम्हें पता है मैं संघर्षों का दीप जलाने आया हूँ। फिर कैसे पीछे हट जाऊँ मैं सौगंध धरा की खाया हूँ। हार कहाँ मानी है मैंने रार कहाँ ठानी है। मैं तिल-तिल जल मिटा तिमिर को आशाओं को बोऊँगा, नहीं आज तक सोया हूँ अब कहाँ मैं सोऊँगा! देखो, इस घनघोर तिमिर में, मैं जीवन-दीप जलाया हूँ। फिर कैसे पीछे हट जाऊँ मैं सौगंध धरा की खाया हूँ। हार कहाँ मानी है मैंने रार कहाँ ठानी है संघर्षों की गाथाएँ गायी मुझे आज भी गानी है।’’ —रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ 6 मई, 2021, दिल्ली, एम्स कक्ष-704, प्रातः 7:00 बजे
AIIMS Mein Ek Jung Ladte Huye

AIIMS Mein Ek Jung Ladte Huye

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Andhera Ja Raha Hai

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: This Book doesn't have a Description
Andhera Ja Raha Hai

Andhera Ja Raha Hai

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

300

₹ 240

Chunautiyon Ko Avasaron Mein Badalata Bharat

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों, अध्यापकों, शोधार्थियों व शैक्षिक नेतृत्व की सोच में व्यापक बदलाव होगा। समकालीन विषय, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन थिंकिंग, होलिस्टिक हेल्थ, ऑर्गेनिक लिविंग, इनवायरनमेंटल एजुकेशन, ग्लोबल सिटिजनशिप एजुकेशन आदि शामिल करने से शिक्षा के स्तर में काफी बढ़ोतरी होगी। नई शिक्षा नीति में हमारा पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि हमारी बालिकाएँ कहीं भी पीछे नहीं रहें। केवल भारत ही एक ऐसा देश है, जहाँ पर अल्पसंख्यकों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ। जहाँ एक ओर हमने हमेशा विदेशी भूमि से लोगों का स्वागत किया है और उन्हें गले लगाया है, उनके मूल्यों और परंपराओं को समाहित करती हमारी संस्कृति अत्यंत विविधताओं को समेटे हुए एक खूबसूरत जीवंतता के दर्शन कराती है। आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, क्योंकि विषम परिस्थितियों में भी अद्भुत जिजीविषा का परिचय देकर भारतीयों ने हर क्षेत्र—शिक्षा, उद्योग, विज्ञान, पर्यावरण, अनुसंधान में मुँह बाए खड़ी चुनौतियों को अवसर में बदलकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। प्रस्तुत पुस्तक भारतीय कर्मशीलता और कर्तव्यबोध का दिग्दर्शन कराती सकारात्मकता जाग्रत् करनेवाली कृति है।
Chunautiyon Ko Avasaron Mein Badalata Bharat

Chunautiyon Ko Avasaron Mein Badalata Bharat

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Manavata Ke Praneta : Maharshi Arvind

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: महर्षि अरविंद एक महान् दार्शनिक, महान् स्वाधीनता सेनानी, प्रकांड विद्वान्, अद्भुत कवि, राजनेता व लेखक थे। उन्होंने सुप्त भारतीय जनमानस को जगाने का सफलतम प्रयास किया और उनके भीतर एक नए आत्मविश्वास का संचार करने में सफलता पाई। वे भारतीय राजनीति यानी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में 1905 से 1910 तक केवल पाँच वर्ष रहे और इतनी अल्पावधि में देश के जनमानस को राजनीतिक रूप से इतना समर्थ बना दिया कि वह अपनी वास्तविक हस्ती को पहचान सके और अपने अतीत की खोई गरिमा और महिमा को पुनः अर्जित करने के लिए समर्पित हो। महर्षि अरविंद पहले एक राजनीतिज्ञ, क्रांतिकारी नेता थे लेकिन दैवीय विधान के चलते वे अध्यात्म की ओर मुड़ गए, क्योंकि उन्होंने यह जाना कि आध्यात्मिक उत्थान के बगैर भारत की स्वतंत्रता अर्थहीन है। इसीलिए उन्होंने भारत को आध्यात्मिक रूप से एक करने के लिए वेद, उपनिषद् व भारतीय ज्ञान-परंपरा की पताका विश्वभर में फैलाई ताकि भारतीयों में अपने ज्ञान के प्रति गौरव-महसूस हो सके। जनसांख्यकीय लाभांश के चलते भारत युवा देश है। आज के परिदृश्य में भारत को उसका पुराना वैभव दिलाने और देश को ज्ञान-आधारित महाशक्ति बनाने हेतु श्रीअरविंद के विचार अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। नवभारत के निर्माण की जिम्मेदारी हमारी युवाशक्ति पर है। देश के शिक्षा मंत्री द्वारा इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर यह पुस्तक लिखी गई है।
Manavata Ke Praneta : Maharshi Arvind

Manavata Ke Praneta : Maharshi Arvind

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

400

₹ 320

Vinamrata

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: "विनम्रता मानव जीवन में सबसे शक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण गुणों में से एक है। विनम्र होना विश्वास बनाने में मदद करता है और सीखने की सुविधा देता है, जो नेतृत्व और व्यक्तिगत विकास के प्रमुख पहलू हैं। नम्रता वस्तुतः वह भावना या दृष्टिकोण है, जहाँ आप स्वयं को विशेष महत्त्व न देकर अभिमान रहित, निस्स्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई के विषय में तत्पर रहते हैं। पहली नजर में विनम्रता एक नकारात्मक गुण की तरह लग सकती है—एक ताकत के बजाय कमजोरी के संकेत की तरह, परंतु वास्तव में विनम्रता एक ऐसा गुण है, जो आपको दूसरों की अपेक्षा श्रेष्ठ स्थापित करते हुए आपके जीवन को बहुत आगे ले जाएगी। आइए, इसे दूसरे तरीके से देखें। जिस व्यक्ति में नम्रता का अभाव होता है, वह अपने बारे में सोचता है और खुद को दूसरों से ऊँचा और बेहतर देखता है। ऐसे व्यक्ति से सब बचना चाहते हैं। हम जिस अहंकार के युग में रहते हैं, उसमें विनम्रता की शक्ति छिपी हुई है, उसे व्यक्तित्व का हिस्सा बनाना अत्यंत आवश्यक है। विनम्रता के लिए अत्यधिक आत्मज्ञान, आत्मनियंत्रण और आत्मसम्मान की आवश्यकता होती है। चाहे व्यक्ति हो, संगठन हो या संस्था हो, विनम्रता से ही शिखर तक पहुँचा जा सकता है। इसलिए विनम्रता को सफलता का मूलमंत्र भी कहा गया है। अगर नेतृत्व विनम्र है तो सब लोगों को साथ लेकर चलने की कला का स्वतः ही विकास हो जाता है। जरूरत पड़ने पर सब की सलाह और सहयोग लेने की क्षमता भी विकसित हो जाती है।
Vinamrata

Vinamrata

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

255

₹ 204

Meri Unesco Yatra

  • Author Name:

    Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

  • Book Type:
  • Description: "यूनेस्को या संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन विभिन्न देशों, समुदायों, संस्कृतियों और नागरिकों के बीच मानवीय मूल्यों की स्थापना को संभव बनाने के लिए एक सशक्त एवं व्यापक मंच प्रदान करता है। यूनेस्को का प्रमुख उद्देश्य शांति स्थापना, गरीबी उन्मूलन, सतत विकास और शिक्षा के माध्यम से विज्ञान, संस्कृति, संचार और सूचना के क्षेत्र में योगदान करना है। यूनेस्को के लक्ष्यों के केंद्र में अब प्राकृतिक विज्ञान और पृथ्वी के संसाधनों का प्रबंधन भी आ चुके हैं। इसके अंतर्गत विकसित और विकासशील देशों में संसाधन प्रबंधन और आपदा स्थिरता में सतत विकास प्राप्त करने के लिए पानी और पानी की गुणवत्ता, महासागर की रक्षा और विज्ञान तथा इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना शामिल है। भारत में मानव कल्याण संदर्भित चिंतन हजारों वर्ष पुराना है। हमारे वेदों, शास्त्रों एवं अन्य ग्रंथों में शासन करनेवालों को धर्म के आधार पर आचरण करने का परामर्श दिया गया है। इस दृष्टि से देखें तो सामाजिक और मानव विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हुए यूनेस्को भी बुनियादी मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन को न केवल बढ़ावा देता है, बल्कि भेदभाव और नस्लवाद से लड़ने के लिए पूरे विश्व को तैयार करता है। मानव कल्याण के लिए सतत सक्रिय यूनेस्को की भूमिका, उसके कार्य-क्षेत्र, प्रभाव और संभावनाओं के विषय में प्रामाणिक जानकारी देती रोचक एवं पठनीय कृति।
Meri Unesco Yatra

Meri Unesco Yatra

Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

298

₹ 238.4

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp