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Lifestyle And Wellness

Fact of Fate

  • Author Name:

    Muni Shri Pranamya Sagar

  • Book Type:
  • Description: Fact of fate, which is revealing the mantra of living life in a right manner, especially for youngsters.
Fact of Fate

Fact of Fate

Muni Shri Pranamya Sagar

250

₹ 200

Lessons in Practising Yoga

  • Author Name:

    Vidya Sagar Verma

  • Book Type:
  • Description: Sage Patanjali’s Yoga contains 195 aphorisms. Only three relate to asanas, and six relate to Pranayama. The rest relate to moral elevation and meditation, which opens new Vistas of mind. This book will help you on that path.
Lessons in Practising Yoga

Lessons in Practising Yoga

Vidya Sagar Verma

300

₹ 240

The Satvic Revolution

  • Author Name:

    Subah Saraf +1

  • Book Type:
  • Description: If you are looking for a practical guide to achieve peak health, increased energy throughout your day, optimal weight and a calm mindset even amidst chaos, then The Satvic Revolution is for you. Authors Subah and Harshvardhan battled chronic diseases for many years. After trying all available solutions with no success, they turned to natural health wisdom. They adopted seven habits in their lives, using which, they were able to fully heal themselves. In this book, they share these life-changing habits with you. These habits draw from the best of both worlds—ancient wisdom and modern science. While the first four habits elevate your physical health, the last three focus on deeper aspects which are often overlooked—your mental and spiritual health. Designed to be an easy and fun read, this book includes engaging stories, illustrations and activities, making sure you never have a dull moment on this journey.
The Satvic Revolution

The Satvic Revolution

Subah Saraf

499

₹ 424.15

Khatarnak Rog

  • Author Name:

    Premchandra Swarnkar

  • Book Type:
  • Description: इस पुस्तक में वयस्कों में होनेवाली प्राय: सभी ख़तरनाक और जानलेवा बीमारियाँ जैसे—कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गुर्दों की अक्षमता, लकवा, दमा, पेट के छाले, लू, काला मोतिया, ड्रॉप्सी, ऑस्टियोपोरोसिस के साथ ही भयानक संक्रामक रोग—रेबीज, सार्स, एन्थ्रेक्स, स्वाइन फ्लू, क्षय रोग, कुष्ठ रोग, प्लेग, हैजा, फ़ूड पॉयजनिंग, यकृत-शोथ, टायफ़ाइड, डेंगू, चिकुन गुन्या, मस्तिष्क-शोथ और एड्स के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई हैं। इसके अलावा बच्चों में होनेवाले ख़तरनाक संक्रमण जैसे—पोलियो, निमोनिया, खसरा, डिफ्थीरिया, टिटनेस, मस्तिष्क ज्वर, रूमेटिक ज्वर, रोटावाइरस आंत्रशोथ इत्यादि की पूर्ण जानकारी और बचाव के उपायों के साथ ही विभिन्न रोगों के कारणों और नियंत्रण के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही गम्भीर रोगों की पहचान और पैथोलॉजी की जाँचों के बारे में भी ज़रूरी जानकारियाँ दी गई हैं।

    एक अत्यन्त उपयोगी और प्रत्येक घर के लिए ज़रूरी पुस्तक है ‘ख़तरनाक रोग’।

Khatarnak Rog

Khatarnak Rog

Premchandra Swarnkar

895

₹ 716

First Aid

  • Author Name:

    Yatish Agarwal

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
First Aid

First Aid

Yatish Agarwal

90

₹ 72

Ayurvedic Bhojan Sanskriti

  • Author Name:

    Vinod Verma

  • Book Type:
  • Description: आयुर्वेद आयु का विज्ञान है जो जीवन के प्रत्येक पहलू से जुड़ा है। ‘आयुर्वेदिक भोजन’ आयुर्वेदिक जीवन-शैली का अंग है और भोजन बनाने के अन्य अंगों को अपनाए बिना यह प्रयास अपूर्ण है।

    आयुर्वेदिक भोजन क्या है? आयुर्वेदिक भोजन संस्कृति के प्रमुख तत्त्व, बुनियादी ज्ञान एवं

    आधारभूत बातें, रसों का व्यावहारिक स्वरूप, भोजन बनाने की मूल वस्तुओं का संकलन, भोजन के छह आयाम तथा आयुर्वेदिक भोज्य व्यंजन (नाश्ते के व्यंजन, प्रमुख भोजन, सूप, सहायक खाद्य पदार्थ आदि) पर सम्पूर्ण सामग्री के अलावा खाद्य पदार्थों, जड़ी-बूटियों और मसालों की पूर्ण जानकारी।

    आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार वर्मा के वर्षों के शोध और परिश्रम का निष्कर्ष यह पुस्तक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक भोजन बनाने और खाने की कला के विषय में सम्पूर्ण जानकारी देती है।

Ayurvedic Bhojan Sanskriti

Ayurvedic Bhojan Sanskriti

Vinod Verma

299

₹ 239.2

Cancer Ki Vyatha-Katha

  • Author Name:

    Shrigopal Kabra

  • Book Type:
  • Description: चरक के संहिता काल में कैंसर की ग्रन्थि और अर्बुद रूप में लक्षणों के आधार पर अवधारणा, पहचान और उपचार और सुश्रुत की शल्य चिकित्सा में आज आयुर्वेद में भी काफ़ी परिवर्तन आया है, विकास हुआ है। आधुनिक चिकित्सा में कैंसर के निदान और उपचार के साधनों का व्यापक विस्तार हुआ है। देश में कैंसर जानलेवा रोगों में प्रमुख है, फिर भी इसकी व्यापकता के विश्वस्त आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। कैंसर रजिस्ट्री (पंजीयन) आधारित आंशिक आँकड़े उपलब्ध हैं। इनके अभाव में कैंसर के निदान, उपचार और निवारण की नीतियाँ और व्यवस्था अपर्याप्त और अप्रभावी हैं।

    कैंसर पर डॉ. सिद्धार्थ मुखर्जी की एक पुस्तक आई है ‘द एम्परर ऑफ़ ऑल मैलेडीज : ए बायोग्राफ़ी ऑफ़ कैंसर’। यह एक ऐतिहासिक किताब है।

    इसी से प्रेरित होकर मैंने भारतीय सन्दर्भ में ‘कैंसर की व्यथा-कथा : आग का दरिया तैरकर जाना’ लिखी है, क्योंकि मेरा मानना है हिन्दी में इसकी नितान्त आवश्यकता है।

    कैंसर के बारे में, पढ़े-लिखे और अनपढ़, सभी में जानकारी कम और भय व भ्रम अधिक है। आज भी कैंसर को एक रोग माना जाता है। एक ही दवा से हर प्रकार के कैंसर के इलाज के दावे आम हैं, प्रचार-प्रसार कर रोगियों को भ्रम में रखा जाता है। चिकित्सा के व्यवसायीकरण से बेबस रोगियों का हर स्तर पर शोषण होता है। आम भाषा में कैंसर के बारे में विश्वसनीय जानकारी की रोचक शैली में प्रस्तुति से, आशा है, इस रोग से भय, भ्रम और शोषण से मुक्ति में सहायता मिलेगी। अगर ऐसा होता है तो मेरा परिश्रम सफल होगा।

    — प्राक्कथन से

Cancer Ki Vyatha-Katha

Cancer Ki Vyatha-Katha

Shrigopal Kabra

150

₹ 120

Kanya Vama Janani

  • Author Name:

    Arun Kumar Mitra

  • Book Type:
  • Description: स्वाधीनता के बाद से ही हमारे देश के आर्थिक एवं सामाजिक ढाँचे में व्यापक परिवर्तन हुआ है। स्त्री शिक्षा का प्रसार एवं स्त्री स्वाधीनता अब विलास की वस्तु नहीं हैं वरन् जीवन के अपरिहार्य अंग बन गए हैं। स्त्री की भूमिका अब सिर्फ़ माँ, पत्नी या बेटी के रूप में घर तक सीमित नहीं है, बल्कि रोज़गार के क्षेत्र में भी अब वे समान रूप से आगे आ रही हैं। और इस परिवर्तित माहौल में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। लेकिन उच्च शिक्षित या पढ़ी-लिखी महिलाओं में भी अपने शरीर और स्वास्थ्य के प्रति ज़्यादा जागरूकता नहीं है।

    जन्म से ही शारीरिक लक्षणों में भिन्नता, किशोरावस्था में प्रवेश, यौवनप्राप्ति, विवाह, मातृत्व, शिशु पालन, प्रौढ़ावस्था में प्रवेश, रजोनिवृत्ति एवं प्रजनन क्षमता की परिसमाप्ति—नारी जीवन की इन सभी अवस्थाओं पर विस्तृत जानकारी देनेवाली संग्रहणीय पुस्तक है—‘कन्या वामा जननी’।

    अपने पेशेवर जीवन में डॉ. मित्र ने इस तरह के स्वास्थ्य के प्रति औरतों को भी लापरवाह पाया है। इसके साथ ही साथ उन्होंने यह भी देखा कि कुछ महिलाओं में अपने शरीर से जुड़े तमाम वैज्ञानिक तथ्यों को जानने में काफ़ी दिलचस्पी है; और इन्हीं महिलाओं के लिए लिखी गई यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक है।

Kanya Vama Janani

Kanya Vama Janani

Arun Kumar Mitra

150

₹ 120

Swasth Hridaya : Dekhrekh Aur Upchar

  • Author Name:

    Yatish Agarwal

  • Book Type:
  • Description: जीवन का सुर-संगीत दिल की धड़कनों में ही बसा है। ये धड़कनें ताउम्र मज़बूत बनी रहें, इसके लिए जीवन में थोड़ा-सा संयम और अनुशासन बरतना ज़रूरी है।

    दिल की हिफ़ाज़त, बीमारियों और उनके इलाज के बारे में सरल-सुबोध शैली में रची गई यह एक अनूठी पुस्तक है, जिसमें पाठकों के सभी सवालों पर उपयोगी जानकारियाँ हैं : जानें अपने हृदय का भविष्यफल, कैसे घटाएँ कोलेस्टेरॉल, बायपास ऑपरेशन और उसके नए रूप, दिल की हिफ़ाज़त के उपाय, ऐंजाइना और दिल का दौरा : लक्षण और उपचार, कोरोनरी ऐंजियोप्लास्टी में क्या करते हैं, दिल के दुश्मनों को पहचानें, व्यायाम कितना और कैसे करें, दिल के वाल्व के रोग और उनका इलाज, दिल के टेस्ट : कब और कैसे, बेसुर, बेताल दिल (एरिद्मिया) के रहस्य और पेसमेकर, जन्मजात हृदय विकार, दिल के दौरे के बाद सामान्य जीवन में वापसी।

    पुस्‍तक में इलाज के व्यावहारिक पहलुओं को इस प्रकार संयोजित किया गया है कि न सिर्फ़ रोगी, बल्कि स्वस्थ लोग भी इस पुस्तक से लाभ उठा सकते हैं।

Swasth Hridaya : Dekhrekh Aur Upchar

Swasth Hridaya : Dekhrekh Aur Upchar

Yatish Agarwal

150

₹ 120

Nari Shareer Ke Rahashya

  • Author Name:

    Rekha Agrawal +1

  • Book Type:
  • Description: ‘नारी शरीर के रहस्य’ सरल और दिलचस्प शैली में रची गई अनूठी पुस्तक है। इसमें नारी शरीर के भीतर छुपी विराट दुनिया, उसके सातों सुरों और सम्पूर्ण रागों की सुरुचिपूर्ण प्रामाणिक व्याख्या है। किशोर अवस्था से प्रौढ़ा होने तक नारी के शरीर में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं—तरुणाई में तन-मन कैसे सयानेपन की ओर बढ़ एक नया सफ़र शुरू करते हैं? कैसे और कब मासिक-धर्म की शुरुआत होती है? हर चन्द्र मास के साथ स्‍त्री की देह की आन्तरिक लय-ताल में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं, कैसे वह अपने भीतर नए जीवन का बीज रोपने की तैयारी करती है, और कैसे रजोनिवृत्ति का समय आने पर वह मासिक चक्र के बन्धन से मुक्त हो जाती है, इसका साफ़-सुथरा वर्णन हमें इस पुस्तक में मिलता है।

    जानकारियाँ ऐसी कि ये न सिर्फ़ हर स्त्री के लिए उपयोगी हैं, बल्कि पुरुषों के लिए भी बोधकर हैं, इससे वह अपनी संगिनी के तन-मन की भाषा पढ़ सकता है।

Nari Shareer Ke Rahashya

Nari Shareer Ke Rahashya

Rekha Agrawal

75

₹ 60

Khile Matritva Goonjein Kilkariyan

  • Author Name:

    Yatish Agarwal +1

  • Book Type:
  • Description: यह पुस्तक उन दिनों की साथी है जब मन में माता-पिता बनने के मीठे सपने खिलने लगते हैं और घर किलकारियों से गूँज उठता है। सन्तान-बीज के गर्भ में आने से लेकर शिशुजन्म और बच्चे की पहली वर्षगाँठ तक समस्त जानकारियों को सरल व स्पष्ट शब्दों में प्रस्तुत करनेवाली यह पुस्‍तक सभी दम्पतियों, दादा-दादियों और नाना-नानियों के लिए पठनीय है—कैसे करें गर्भधारण की तैयारी, गर्भधारण के लिए महीने की कौन-सी तिथियाँ अनुकूल हैं, क्या बेटे या बेटी का पहले से चुनाव हो सकता है, गर्भावस्था की रोमांचक घटनाएँ, बच्चा गर्भ में कब से आँख-मिचौनी खेलना शुरू कर देता है, गर्भावस्था में क्या खाएँ और क्यों, आरामदेह मुद्राएँ और लाभकारी व्यायाम, डॉक्टरी जाँच-परीक्षण : कब और कैसे, अल्ट्रासाउंड और दूसरे टेस्ट कब-कब किए जाते हैं, आम तकलीफ़ : कैसे पाएँ निजात, कैसे करें शिशु के आगमन की तैयारी, बच्चे का जन्म कैसे होता है, सीज़ेरियन की ज़रूरत कब-कब होती है, बच्चे की सँभाल के लिए क्या-क्या बातें जानना ज़रूरी है, बच्चे को कब, कौन-से टीके लगवाने होते हैं। एक बेहद महत्‍त्‍वपूर्ण और संग्रहणीय पुस्‍तक।
Khile Matritva Goonjein Kilkariyan

Khile Matritva Goonjein Kilkariyan

Yatish Agarwal

250

₹ 200

Nari Swasthya Aur Saundarya

  • Author Name:

    Yatish Agarwal +1

  • Book Type:
  • Description: न में सुख और ख़ुशियों के रंग भरने के लिए अपनी देह और मन के बारे में जानना हर स्त्री के लिए ज़रूरी है। इसी से वह अपने भीतर के रचना-संसार, उसकी बनावट और व्यवहार को ठीक से समझ सकती है और सामान्य–असामान्य की पहचान कर सकती है। अत्यन्त सरल और दिलचस्प शैली में रची गई यह पुस्तक नारी शरीर की दुनिया, मासिक धर्म और उससे जुड़े विकारों, जनन अंगों के रोगों, सन्तान की चाह पूरी करने के नूतन उपायों, अनचाहे गर्भ से बचे रहने के तरीक़ों, गर्भाशय और स्तन के कैंसरों, विविध जाँच–परीक्षणों, रूप–सौन्दर्य आदि पर प्रामाणिक व्यावहारिक जानकारी का ख़ज़ाना है। इन विषयों पर आपके हर सवाल का नारी स्वास्थ्य और सौन्दर्य में समाधान प्रस्तुत है— नारी, स्त्री, अम्बा, वामा शब्द कैसे बने?; किशोरावस्था, यौवन और जीवन के अलग–अलग चरणों में शरीर के भीतर क्या–क्या परिवर्तन आते हैं?; मासिक धर्म के दिनों में अपनी देखभाल कैसे करें?; गर्भाशय की रसौली, बच्चेदानी के नीचे सरकने, एंडोमेट्रियोसिस, यू.टी.आई. जैसे रोगों का क्या इलाज है?; स्तन में हुई गिलटी का क्या समाधान है?; काम–क्रीड़ा में कष्ट होने पर निजात के क्या तरीक़े हैं?; मासिक धर्म में दर्द, अधिक ख़़ून जाने पर क्या करें?; योनिस्राव के क्या–क्या कारण हैं और उनका इलाज क्या है?; गर्भ–निरोध के लिए कौन–सा साधन उत्तम है?; सन्तान न होने के क्या कारण हैं और इनका क्या इलाज है?; सुन्दर–सलोना रूप पाने के क्या–क्या उपाय हैं?; बालों और त्वचा की देखभाल कैसे करनी चाहिए?; और, और भी बहुत कुछ…। न सिर्फ़ स्त्रियों के लिए, बल्कि पुरुषों के लिए भी एक पठनीय पुस्तक
Nari Swasthya Aur Saundarya

Nari Swasthya Aur Saundarya

Yatish Agarwal

150

₹ 120

Swasthya Ke Teen Sau Sawal

  • Author Name:

    Yatish Agarwal

  • Book Type:
  • Description: भोजन हमारे जीवन का भी आधार है, और सेहत का भी। उसी से यह शरीर बनता है, हमें शक्ति मिलती है और हम हृष्ट-पुष्ट रह पाते हैं। स्वस्थ तन और मन के लिए क्या खाएँ, कितना खाएँ, किस खाद्य पदार्थ में कौन-सा पोष तत्त्व है, विटामिन और खनिज हमें किस-किस भोजन से मिलते हैं, उनकी शरीर को कितनी ज़रूरत है, यह कृति जीवन से जुड़े इन सभी बुनियादी पक्षों पर बेहद सरल और व्यावहारिक जानकारी प्रस्तुत करती है।
Swasthya Ke Teen Sau Sawal

Swasthya Ke Teen Sau Sawal

Yatish Agarwal

250

₹ 200

Sabke Liye Swasthya

  • Author Name:

    Yatish Agarwal

  • Book Type:
  • Description: हमारा तन-मन ही हमारा सबसे बड़ा धन है। उसकी सार-सँभाल हम कैसे करें कि वह सदा खिला रहे और हम अपने बड़े-बूढ़ों का ‘चिरंजीव भव’ का आशीर्वचन पूरा कर सकें, यह कृति इसी ओर हमारा मार्ग प्रशस्त करती है। ‘खिला रहे तन-मन’, ‘खान-पान और सेहत’, ‘पर्यावरण और स्वास्थ्य’, ‘मौसम के साथ’, ‘सफ़र और सेहत’, ‘फ़र्स्ट एड’ अध्यायों के ज़रिए जानकारियों से समृद्ध करती अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और संग्रहणीय पुस्तक।
Sabke Liye Swasthya

Sabke Liye Swasthya

Yatish Agarwal

250

₹ 200

Jatil Rog Saral Upchar

  • Author Name:

    Yatish Agarwal

  • Book Type:
  • Description: कायासुख ही जीवन की सबसे बड़ी दौलत है। मन और शरीर बीमार और लाचार हों, तो जीवन की हर प्राप्ति, हर ख़ुशी आधी-अधूरी और बेमायने-सी लगने लगती है। पर जीवन की रौ में आदमी अक्सर ही इस साधारण से सत्य को भुला बैठता है। बिरले ही ऐसे होते हैं जो शुरू से ही तन्दुरुस्ती का महत्त्व समझते हैं और उसी के रास्ते पर चलते हैं। पर ज़्यादातर लोग न तो क़िस्मत के इतने धनी होते हैं, न ही आनुवंशिक काठी के, और न ही समय से चेतते हैं कि जीवन की सबसे बड़ी दौलत उनके पास बनी रहे। यंत्रवत् जीवन की चकाचौंध में जीता आदमी जब होश सँभालता है, तब तक अक्सर वह अपनी उदासीनता की क़ीमत दे चुका होता है। उसके असंयमित रहन-सहन, खान-पान, चाल-चलन में कब कौन-सा अंग बीमार हो जाता है, इसका भी उसे तब पता चलता है जब पानी सर तक चढ़ चुका होता है। इस भँवर से बचकर निकलने के लिए दुगुने संकल्प की ज़रूरत होती है। न सिर्फ़ दवा की अनिवार्यता होती है, बल्कि जीने का ढंग भी बदलना पड़ता है। तभी कहीं जीवन ढंग से आगे बढ़ पाता है। सबसे अच्छा तो यह है कि आदमी शुरू से ही जगा रहे। बचाव इलाज से लाख गुना अच्छा है। उसी में शहनाई की मिठास है। क़ुदरत के साधारण नियमों का अनुसरण करना इसका सत्य-सार है। आपके जीवन में सुख का अमृत-कलश सदा भरा रहे, यही मेरी प्रार्थना है। किसी समय रुग्णता के बादल घिर आएँ, चारों तरफ़ अँधियारा दिखे, तब भी यह कृति आपको उस घटाटोप अँधेरे से बाहर खींच लाए, तभी इसकी रचना सफल समझूँगा।
Jatil Rog Saral Upchar

Jatil Rog Saral Upchar

Yatish Agarwal

250

₹ 200

Vaivahik Jeewan

  • Author Name:

    K. P. Bhagwat

  • Book Type:
  • Description: यह पुस्तक विवाह और स्त्री-पुरुष सम्बन्धों पर एक समग्र अध्ययन है। मूल मराठी में कई संस्करणों में पढ़ी जा चुकी यह क्लासिक कृति न सिर्फ़ मानव समाज में विवाह संस्था के इतिहास तथा स्वरूपों पर विचार करती है, बल्कि एक साधारण दम्पति के लिए सुखमय वैवाहिक जीवन की व्यावहारिक मार्गदर्शिका भी उपलब्ध कराती है।

    विश्व के विभिन्न क्षेत्रों तथा इतिहास के अलग-अलग चरणों में स्त्री-पुरुष सम्बन्धों की रूढ़ियों और रूपों की जो विस्तृत जानकारी इस पुस्तक में जुटाई गई है, वह जहाँ सेक्स से सम्बन्धित हमारे जड़ पूर्वग्रहों को भंग करती है, वहीं स्वस्थ और सन्तुलित यौन जीवन का मार्ग भी प्रशस्त करती है। जिन विषयों को यह कृति अपने दायरे में लेती है, उनमें से कुछ हैं : विवाह संस्था का स्वरूप, भविष्य व संरचना; विवाह में साथी का चुनाव, जननेन्द्रियों की रचना, कामपूर्ति, सन्तति नियोजन, मातृत्व, यौन-विकृतियाँ, मनोविकृतियाँ तथा वैवाहिक जीवन का मानसिक पक्ष आदि।

    सभी स्त्री-पुरुषों व हर आयु के पाठकों के लिए एक बहुत ही उपयोगी पुस्तक।

Vaivahik Jeewan

Vaivahik Jeewan

K. P. Bhagwat

150

₹ 120

Karyakshamta Ke Liye Aayurveda Aur Yog

  • Author Name:

    Vinod Verma

  • Book Type:
  • Description: डॉ. विनोद वर्मा के वर्षों के शोध और परिश्रम का निष्कर्ष यह पुस्तक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए निरोधी उपायों और दूसरे स्वावलम्बी तरीक़ों के विषय में सम्पूर्ण जानकारी देती है। लेखिका की विदेशों में आयुर्वेद की शिक्षा, आयुर्वेद और योग का लम्बे समय तक अध्ययन तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसन्धान और अनुभव इस पुस्तक को महत्त्वपूर्ण कृति बनाते हैं।

    दफ़्तर में तनावमुक्त वातावरण कैसे बने, इसके लिए डॉ. विनोद वर्मा की पहली सलाह दैनिक योगाभ्यास है—एक ऐसा आसान-सा व्यायाम जो आपके पूरे दिन से मात्र 16 मिनट चाहता है। आगे डॉ. वर्मा आयुर्वेद के आधार पर तीन मूलभूत व्यक्ति-प्रकारों पर प्रकाश डालती हैं, ताकि आप अपने सहकर्मियों का भलीभाँति अध्ययन कर सकें। इस पुस्तक से आप अपने प्रकार को विभिन्न भोज्य पदार्थों और मसालों से सन्तुलित करने की प्रविधियाँ भी जानेंगे। निःसन्देह, यह कोई भोजन-निर्देशिका नहीं है, यह पुस्तक आपको केवल यह बताती है कि अपनी क्षमताओं के अधिकाधिक उपयोग के लिए आप अपनी ऊर्जा का समुचित सन्तुलन कैसे प्राप्त करें। आयुर्वेद की नज़र से देखें तो भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं है, वह आपकी ऊर्जा के पुनर्सन्तुलन के लिए एक महत्त्वपूर्ण साधन भी
    है।

    डॉ. विनोद वर्मा व्यावहारिक अध्यापिका हैं। वे दुनिया के कई हिस्सों में पढ़ाती रही हैं। अनेक भाषाओं में उनकी पुस्तकों के अनुवाद प्रकाशित व चर्चित हो चुके हैं। इसके अलावा उनके पास अनुभवों का ख़ज़ाना है और अत्यन्त तनावकारी व्यस्तता के साथ एक स्वस्थ जीवन-शैली के निर्वाह की कला भी। जिस पाँच हज़ार साल पुरानी जीवन-पद्धति की शिक्षा वे देती हैं, उसे वे अन्य असंख्य लोगों के साथ-साथ अपने ऊपर भी सफलतापूर्वक आज़मा चुकी हैं। क्यों न आप भी आज़माएँ? यदि आप कार्य-तत्पर प्रकृति के व्यक्ति हैं तो इस पुस्तक का अध्ययन आपको हर प्रकार से लाभान्वित करेगा।

Karyakshamta Ke Liye Aayurveda Aur Yog

Karyakshamta Ke Liye Aayurveda Aur Yog

Vinod Verma

199

₹ 159.2

Nari Kamasutra

  • Author Name:

    Vinod Verma

  • Book Type:
  • Description: पुरातन काल में नारी और काम, दोनों विषयों पर हमारे देश में बहुत कुछ लिखा गया। वात्स्यायन द्वारा रचित ‘कामसूत्र’ में तथा चरक और सुश्रुत के आयुर्वेद गन्थों में नारी के काम से सम्बन्धित कई पहलुओं पर ज्ञान प्राप्त हुआ। आयुर्वेद के आचार्यों ने गर्भ, प्रसव आदि विषयों पर भी बहुत विस्तार से लिखा। किन्तु पुरुषों द्वारा रचित इन सभी गन्थों में नारी को पुरुष-दृष्टि से देखते हुए उसमें सहचरी एवं जननी का रूप ही देखा गया है। नारी की इच्छाएँ, अनिच्छाएँ, उसकी आर्तव सम्बन्धी समस्याएँ तथा उनका उसके काम-जीवन से सम्बन्ध और ऐसे अनेक विषय पुरुष-दृष्टि से छिपे ही रहे।

    ‘नारी कामसूत्र’ की रचना में एक भारतीय नारी ने न केवल इन सब विषयों का विस्तार से वर्णन किया है, बल्कि आधुनिक नारियों की समस्याओं तथा हमारे युग के बदलते पहलुओं के सन्दर्भ में भी नारी और नारीत्व को देखा है। इस पुस्तक में लेखिका ने त्रिगुण पर आधारित एक नए सिद्धान्त का प्रतिपादन करते हुए नारी-तत्त्व और पुरुष-तत्त्व के आधार पर नर-नारी की मूल प्रकृति के अन्तर को रेखांकित किया है और उनको एक-दूसरे का पूरक सिद्ध किया है, न कि प्रतिस्पर्द्धी।

    यह पुस्तक लेखिका के दस वर्षों के अनुसन्धान और परिश्रम का परिणाम है। नर और नारी दोनों को नारी के भिन्न-भिन्न रूप समझने की प्रेरणा देना तथा काम को आत्मज्ञान की चरम सीमा तक ले जाना ही इस पुस्तक का ध्येय है।

    लेखिका की पश्चिमी देशों में आयुर्विज्ञान की शिक्षा तथा आयुर्वेद और योग का लम्बे समय तक अध्ययन, अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसन्धान और अनुभव इस ग्रन्थ को एक सम्पूर्ण कृति बनाते हैं।

    यह पुस्तक इससे पहले जर्मन (1994) में, फ्रेंच (1996) में, अंग्रेज़ी (1997) में तथा डच (1998) भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी है।

Nari Kamasutra

Nari Kamasutra

Vinod Verma

299

₹ 239.2

HIV AIDS : Satabdi Ka Sabase Bada Dhokha

  • Author Name:

    Kamlesh Jain

  • Book Type:
  • Description: अमेरिकी सत्ता, सूचनातंत्र और बौद्धिक समुदाय के अथक प्रयत्न के कारण आज एड्स सारी दुनिया में चिन्ता और चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। भारत में एड्स के बारे में लोगों को जानकारी बहुत कम है, लेकिन अफ़वाह की तरह उसका प्रसार और प्रभाव बहुत अधिक है। ऐसी स्थिति में कमलेश जैन ने सहज, सुबोध और जानदार भाषा में ‘एचआईवी/एड्स : शताब्दी का सबसे बड़ा धोखा’ नामक पुस्तक लिखकर एड्स के बारे में प्रचारित अनेक मिथकों का राज-रहस्य खोला है और उसके झूठ-सच से विशेषज्ञों को ही नहीं, सामान्य जनों को भी परिचित कराया है।

    यह सतर्क सामाजिक संवेदनशीलता और गहरी मानवीय ज़िम्मेदारी से लिखी गई पुस्तक है। कमलेश जैन की पुस्तक यह साबित करती है कि विज्ञान के क्षेत्र में विचारधारा किस प्रकार काम करती है और यह भी कि विज्ञान को किस तरह जनविरोधी तथा जनता का पक्षधर बनाया जा सकता है। यह समझना मुश्किल नहीं है कि एड्स के बारे में विभिन्न देशों की सरकारों, ग़ैरसरकारी संगठनों और सूचना साम्राज्य के तंत्रजालों द्वारा जो झूठा सच रोज़-रोज़, बार-बार, लगातार प्रचारित किया जा रहा है; उसके विरुद्ध कुछ सुनना, समझना और स्वीकार करना आसान नहीं है। लेकिन जो एड्स सम्बन्धी जानलेवा झूठ से बचना चाहते हैं और अपने जीवन तथा अपने समाज के जीवन में आस्था रखते हैं, वे इस पुस्तक को ज़रूर पढ़ेंगे और इसके संजीवन सच को स्वीकार करेंगे।

HIV AIDS : Satabdi Ka Sabase Bada Dhokha

HIV AIDS : Satabdi Ka Sabase Bada Dhokha

Kamlesh Jain

195

₹ 156

Rog Nirog

  • Author Name:

    Yatish Agarwal

  • Book Type:
  • Description: प्रख्यात डॉक्टर, लेखक और स्तम्‍भकार डॉ. यतीश अग्रवाल की यह कृति हर दिन सामने आनेवाली स्वास्थ्य उलझनों का सरल समाधान प्रस्तुत करती है। पुस्तक के प्रथम खंड में छोटी–छोटी सावधानियों और शरीर की देखरेख के बारे में अनेक उपयोगी जानकारियाँ हैं; जैसे—बालों की साज–सँभाल, अच्छी नींद के नुस्खे, लो ब्लड प्रेशर का इलाज, यहाँ तक कि जूते लेते समय किन–किन बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत है आदि। सलाहों जिन पर अमल क़तई मुश्किल नहीं और उपयोगी इतनी कि जीवन का सुख कई गुना हो जाए। दूसरा खंड परख पर केन्द्रित है जिसमें लेबोरेटरी टेस्ट, बायोप्सी, एक्स-रे, रंगीन एक्स–रे, अल्ट्रासाउंड, सी.टी. स्केन, एम.आर.आई. जैसे सभी प्रमुख जाँच-परीक्षणों पर व्यावहारिक जानकारियाँ हैं। तीसरे खंड में दवाएँ और हम में डॉक्टर के परचे के संकेत, दवाओं के साथ सावधानियाँ और उनके पार्श्व-प्रभाव पर छोटी-छोटी बेशक़ीमती जानकारियाँ हैं। चौथे खंड में जब ज़रूरत हो ऑपरेशन की में ऑपरेशन के फ़ैसले, उससे सम्बन्धित तैयारियों और अस्पताल से छुट्टी लेते समय डॉक्टर से पूछे जानेवाले ज़रूरी सवालों के बारे में बताया गया है। सरल बोलचाल की भाषा में पूरी प्रमाणिकता के साथ रची गई यह ‘रोग-निरोग’ हर घर और हर पुस्तकायल के लिए एक ज़रूरी पुस्‍तक है।
Rog Nirog

Rog Nirog

Yatish Agarwal

95

₹ 76

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