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Swayam Prakash

Hamsafarnama

  • Author Name:

    Swayam Prakash

  • Book Type:
  • Description: Sketches on Contemp. Authors
Hamsafarnama

Hamsafarnama

Swayam Prakash

225

₹ 184.5

Ek Kahanikar Ki Notebook

  • Author Name:

    Swayam Prakash

  • Book Type:
  • Description: Thought Provoking Article
Ek Kahanikar Ki Notebook

Ek Kahanikar Ki Notebook

Swayam Prakash

250

₹ 205

Swayam Prakash ki Lokpriya Kahaniyan

  • Author Name:

    Swayam Prakash

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Swayam Prakash ki Lokpriya Kahaniyan

Swayam Prakash ki Lokpriya Kahaniyan

Swayam Prakash

150

₹ 120

Aayenge Achche Din Bhi

  • Author Name:

    Swayam Prakash

  • Book Type:
  • Description: कथाकार स्वयं प्रकाश के पास वर्तमान भारतीय समाज—खासकर मध्यवर्ग—को आर-पार देखने वाली दृष्टि तो है ही, अर्थपूर्ण कथा-स्थितियों के चयन और भाषा के सृजनात्मक उपयोग के लिए भी उनका लेखन अलग से पहचाना जाता है। आकस्मिक नहीं कि पाठक स्वयं उनकी कहानी में शामिल हो जाता है अथवा उनके कथा-चरित्र उससे सीधे संवाद करने लगते हैं।

    ‘आएँगे अच्छे दिन भी’ संग्रह में लेखक की ग्यारह कहानियाँ संगृहीत हैं। इनमें ‘पार्टीशन’ और ‘आलेख’ जैसी मूल्यवान कहानियाँ यदि धर्मांधता और साम्प्रदायिक घृणा को बढ़ाने वाली ताकतों के अमानवीय क्रिया-कलाप को उघाड़ती हैं तो ‘बेमकान’ शीर्षक कहानी हमारे जीवन-व्यवहार में जड़ीभूत सामन्ती संस्कारों पर प्रहार करती है। ‘अफसर की मौत’ अफसरशाही पर चढ़ी चिकनाई और आभिजात्य की धज्जियाँ उड़ाती है तो ‘गुमशुदा’ भी प्रायः उसी जमीन पर एक गहरी विडम्बना को उजागर करती है। ‘संहारकर्ता’ और ‘चोर की माँ’ शीर्षक कहानियाँ पाठक को एक नैतिक समस्या के रू-ब-रू ला खड़ा करती हैं। ‘नैनसी का धूड़ा’ हमारे अपने दैन्य और दुर्भाग्य की अविस्मरणीय दास्तान है और ‘अशोक और रेनु की असली कहनी’ मेल शॉवनिज्म की बारीकियों पर विचार करते हुए एक सजग व्यक्ति के चेतना-सम्पन्न व्यक्ति में बदलने के आत्मसंघर्ष को रेखांकित करती है। ‘झक्की’ में वृद्धावस्था की ऊब और एकरसता की दिलचस्प प्रस्तुति है तो ‘मरनेवाले की जगह’ रोजगार से जुड़ी त्रासद जीवन-स्थितियों पर व्यंग्य करती है ।

    संक्षेप में कहा जाए तो स्वयं प्रकाश की इन कहानियों ने अपने समय और समाज को जैसी रचनात्मक ईमानदारी, लोकोन्मुख दृष्टिमयता और कलात्मक सहजता से प्रस्तुत किया है, समकालीन हिन्दी कहानी इससे अनेक स्तरों पर समृद्ध हुई है।

Aayenge Achche Din Bhi

Aayenge Achche Din Bhi

Swayam Prakash

199

₹ 159.2

Beech Mein Vinay

  • Author Name:

    Swayam Prakash

  • Book Type:
  • Description: अपनी प्रगतिशील रचना-दृष्टि के लिए सुपरिचित कथाकार स्वयं प्रकाश की विशेषता यह है कि उनकी रचना पर विचारधारा आरोपित नहीं होती, बल्कि जीवन-स्थितियों के बीच से उभरती और विकसित होती है, जिसका ज्वलन्त उदाहरण है यह उपन्यास। ‘बीच में विनय’ की कथा-भूमि एक क़स्बा है, एक ऐसा क़स्बा जो शहर की हदों को छूता है। वहाँ एक डिग्री कॉलेज है और है एक मिल। कॉलेज में अंग्रेज़ी के एक प्रोफ़ेसर हैं भुवनेश—विचारधारा से वामपंथी, मार्क्सवादी सिद्धान्तों के ज्ञाता। दूसरी तरफ़ मिल-मज़दूरों की यूनियन के एक नेता हैं—कॉमरेड कहलाते हैं, ख़ास पढ़े-लिखे नहीं। मार्क्सवाद का पाठ उन्होंने जीवन की पाठशाला में पढ़ा है। और इन दो ध्रुवों के बीच एक युवक है विनय—वामपंथी विचारधारा से प्रभावित। प्रोफ़ेसर भुवनेश उसे आकर्षित करते हैं, कॉमरेड उसका सम्मान करते हैं और उसे स्नेह देते हैं। वह दोनों के बीच में है लेकिन वे दोनों यानी कॉमरेड और प्रोफ़ेसर...तीन-छह का रिश्ता है उनमें—दोनों एक-दूसरे में, एक-दूसरे की कार्यशैली को नापसन्द करते हैं। विनय देखता है दोनों को और शायद समझता भी है कि यह साम्यवादी राजनीति की विफलता है। लेकिन उसके समझने से होता क्या है...

    क़स्बे की धड़कती हुई ज़िन्दगी और प्राणवान चरित्रों के सहारे स्वयं प्रकाश ने यह दिखाने की कोशिश की है कि वहाँ के वामपंथी किस प्रकार आचरण कर रहे थे। लेकिन क्या उनका यह आचरण उस क़स्बे तक ही सीमित है? क्या उसमें पूरे देश के वामपंथी आन्दोलन की छाया दिखाई नहीं देती है? स्वयं प्रकाश की सफलता इसी बात में है कि उन्होंने थोड़ा कहकर बहुत कुछ को इंगित कर दिया है। संक्षेप में कहें तो यह उपन्यास भारत के साम्यवादी आन्दोलन की कारकर्दगी पर एक विचलित कर देनेवाली टिप्पणी है। एक उत्तेजक बहस। एक जड़ताभंजक और निर्भीक हस्तक्षेप।

Beech Mein Vinay

Beech Mein Vinay

Swayam Prakash

199

₹ 159.2

Pratinidhi Kahaniyan : Swayam Prakash

  • Author Name:

    Swayam Prakash

  • Book Type:
  • Description: स्वयं प्रकाश की कहानियाँ भारतीय, विशेष रूप से हिन्दी मध्यवर्ग के जीवन की एक तस्वीर पेश करती हैं—मनुष्यता से लबरेज़ पर दब्बू और डरपोक मध्यवर्ग, छोटी-छोटी आकांक्षाओं के लिए भी संघर्षरत, अन्ततः उन्हें स्थगित करता मध्यवर्ग, स्वार्थों की अन्धी दौड़ में भागता-गिरता-पड़ता मध्यवर्ग, निम्नवर्गीय जनों से विराग रखता मध्यवर्ग। यूँ तो स्वयं प्रकाश का कथाफ़लक गाँव से शहर तक फैला है, परन्तु उसका केन्द्र मध्यवर्ग ही है। यह मध्यवर्ग स्वतंत्रता आन्दोलन के दौर का मध्यवर्ग नहीं है जिसमें निम्नवर्ग के प्रति एक सदाशयता और सहभाव मौजूद था। इसमें निम्नवर्ग के प्रति वितृष्णा और घृणा निर्णायक हद तक मौजूद है। इस मध्यवर्ग में एक छोटी संख्या, उन लोगों की भी है, जिनमें समाज को बदलने की इच्छा मौजूद है। ऐसे चरित्र स्वयं प्रकाश के यहाँ प्रमुखता से मौजूद हैं। स्वयं प्रकाश की गहरी सहानुभूति इनके साथ है। इसीलिए इनके प्रति एक तरह का आलोचनात्मक भाव भी मौजूद है। परिवर्तनकामी चेतना जब मध्यवर्गीय स्वार्थपरता, पर्सनाल्टी कल्ट, या थोथे आदर्शवाद से घिर जाती है, स्वयं प्रकाश इन चरित्रों के प्रति तीखे हो जाते हैं। उनकी कहानियों में भारतीय स्त्री के जीवन की गहरी आलोचनात्मक पड़ताल भी मौजूद है। वे स्त्री-चरित्रों को प्रायः एक टाइप की तरह नहीं, एक व्यक्ति की तरह अंकित करते हैं। ये स्त्री-चरित्र पुरुष-चरित्रों की तरह ही निजी विशिष्टताओं के मालिक हैं। उन पर सामाजिक संरचना के दबाव हैं, परन्तु वे उनके विरुद्ध जीते हुए अपनी तरह का संसार रचने को आतुर हैं। स्वयं प्रकाश ने कहानीपन की रक्षा करते हुए, उसे रोचक बनाते हुए एक ज्ञानी की तरह नहीं एक क़िस्सागो की तरह अपनी कहानियाँ कही हैं।
Pratinidhi Kahaniyan : Swayam Prakash

Pratinidhi Kahaniyan : Swayam Prakash

Swayam Prakash

150

₹ 120

Hanji Naji

  • Author Name:

    Swayam Prakash +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: लेखक स्वयं प्रकाश कुछ भी कर सकते हैं. एक कहानी में, वह आपको इस तरह हंसा और रुला सकता है कि आपकी आंखें नम हो जाएंगी। सावधान, इस किताब में ऐसी कहानियाँ हैं जो आपको इतना हँसाएँगी कि आपका पेट दर्द करने लगेगा। इसका प्रभाव ग्लूकोज की तरह होता है। यह आपकी जीभ पर लगते ही घुल जाएगा और आपको हंसने पर मजबूर कर देगा. यह भी संभव है कि किस्सा आपके रक्तप्रवाह तक पहुंचे और आपके दिल को गर्म कर दे। यह आपको मास्टर कहानीकार चैपलिन की याद दिला सकता है। 30 बेमिसाल हास्य कहानियाँ.सुनी तो आपने होंगी लेकिन उन्हें इस शैली में केवल स्वयं प्रकाश ही बता सकते हैं. जो लोग लेखन शैली के मूल्य को कम आंकते हैं, उनके लिए हमारे पूर्वज ग़ालिब साहब याद दिलाते हैं कि इस दुनिया में कई अच्छे कहानीकार हैं... हांजी के बोलने के भाव, उनकी चारपाई, केश, टोपी और उनकी दाढ़ी, ठुड्डी ये सब अतनु रॉय के चित्रों में देखा जा सकता है।
Hanji Naji

Hanji Naji

Swayam Prakash

₹ 170

Sappu Ke Dost

  • Author Name:

    Allen Shaw +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: सप्पू के कई दोस्त हैं. उनमें से एक फुटबॉल खेलता है. उनके पिता की असामयिक मृत्यु हो गई, इसलिए अब वह रेहड़ी पर सब्जी बेचते हैं। न तो वह फुटबॉल छोड़ सका और न ही सप्पू से अपनी दोस्ती. साथ ही वो तीन दोस्त भी, जिन्होंने कुत्ते की तलाश में दिन-रात एक कर दिया। दोस्ती के बारे में 11 कहानियाँ, साथ में फिल्म देखने के बारे में, साथ में यात्रा करने के बारे में, एक-दूसरे को चिढ़ाने के बारे में और साथ में शोक मनाने के बारे में भी। ये कहानियाँ आपको आपके बचपन के दोस्तों की याद दिलाती रहेंगी...और आप भी बचपन में सप्पू जैसे ही थे ना? तो, यह पुस्तक आपको न केवल आपके दोस्तों से, बल्कि स्वयं से भी पुनः परिचित कराएगी। आपके बचपन और आपके दोस्तों की बहुत सारी कहानियाँ आपके पास वापस आएँगी... इन कहानियों में आपको सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों और धर्मों के बच्चे मिलेंगे। लोग, बाज़ार, घर, स्कूल, ट्रेन- इन कहानियों में सब कुछ है। इन कहानियों के पिछले संग्रह के लिए स्वयं प्रकाश जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। इन कहानियों का चित्रण प्रसिद्ध कलाकार एलन शॉ द्वारा किया गया है। बर्लिन में अपनी खिड़की से, वह सप्पू और उसके दोस्तों की तस्वीरें खींच सकता था और उन्हें चित्रित कर सकता था। अगर वह उससे मिल सकता है...तो आप क्यों नहीं?
Sappu Ke Dost

Sappu Ke Dost

Allen Shaw

₹ 200

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