P.K. Arya

P.K. Arya

13 Books

Atmavishvas

  • Author Name:

    P.K. Arya

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Atmavishvas

Atmavishvas

P.K. Arya

250

₹ 200

Safalta

  • Author Name:

    P.K. Arya

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Safalta

Safalta

P.K. Arya

250

₹ 200

Lakshya

  • Author Name:

    P.K. Arya

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Lakshya

Lakshya

P.K. Arya

250

₹ 200

Interview Mein Safal Kaise Hon

  • Author Name:

    P.K. Arya

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Interview Mein Safal Kaise Hon

Interview Mein Safal Kaise Hon

P.K. Arya

350

₹ 280

Sach Keejiye Sapne

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    P.K. Arya

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Sach Keejiye Sapne

Sach Keejiye Sapne

P.K. Arya

200

₹ 160

Smaran Shakti (Memory Power)

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: स्मरण-शक्‍ति अगर आप यह समझते हैं कि रटने से स्मरण-शक्‍ति बढ़ती है तो आप गलत समझते हैं। दरअसल, किसी विषय-वस्तु को हम जितनी सरलता से और दिमाग पर जोर डाले बिना देखते, सुनते या पढ़ते हैं, वह उतनी ही सहजता से हमारे दिमाग में स्थायी रूप से दर्ज हो जाती है। मिसाल के तौर पर किसी फिल्म को एक बार देखकर या उसके गीत सुनकर वे हमें सहज ही याद हो जाते हैं। अकसर हम किसी बात को याद करने के लिए दिमाग पर जोर डालते हैं और वह हमें याद नहीं आती। थोड़ी देर बाद एकाएक वह हमें याद आ जाती है—इसे क्या कहेंगे? दरअसल, स्मरण-शक्‍ति बढ़ाने के लिए सरल सा नियम है—सरलता से उस विषय का दोहराव किया जाता रहे, फिर वह विषय स्थायी रूप से हमारे स्मृति-पटल पर दर्ज हो जाता है। दिन भर की घटनाएँ और पाठ हम रात्रि को दोहरा लें तो हमारी स्मरण-शक्‍ति अक्षुण्ण बनी रहती है। स्मरण-शक्‍ति विकसित करने की बेजोड़ पुस्तक आपके व्यक्‍तित्व का एक अनूठा पहलू है, इसलिए इसका विकास करिए, यह पुस्तक सचमुच इसमें आपकी मदद करेगी।
Smaran Shakti (Memory Power)

Smaran Shakti (Memory Power)

P.K. Arya

250

₹ 200

Zimmedari (Responsibility)

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: अगर आपको ज्यादा-से-ज्यादा काम सौंपा जाता है तो यकीन मानिए, आप एक जिम्मेदार व्यक्‍ति हैं, क्योंकि जिम्मेदारी उसी को मिलती है, जो उन्हें निभा सकता है। जिम्मेदारियों को अगर आप बोझ की तरह लेंगे तो ये आपको तोड़कर रख देंगी। इनसे मुँह मोड़ना आपको असफलताओं के गर्त में धकेल देगा। जिम्मेदारियाँ मनुष्य के जन्म लेते ही उसके साथ जुड़ जाती हैं। परिवार, समाज और देश जिम्मेदारियों के सही निर्वहण से ही चल सकता है। एक की जिम्मेदारी दूसरे की ताकत और सफलता बनती है। दूसरे की जिम्मेदारी तीसरे की सफलता और ताकत बनती है। इस तरह यह श्रंखलाबद्ध ढंग से सफलता की सीढ़ियों का निर्माण करती है, जिन पर चढ़कर व्यक्‍ति, समाज और देश तरक्की करते हैं। अतः एक की जिम्मेदारी दूसरे से जुड़ी है और सबकी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहण ही व्यक्‍तिगत और सामूहिक सफलता की गारंटी है। जिम्मेदार व्यक्‍ति ही महान् बनते हैं और जिम्मेदारियाँ ही व्यक्‍ति को महान् बनाती हैं। आप भी निश्‍च‌ित ही महान् बनना चाहेंगे—प्रस्तुत पुस्तक आपका इसी दिशा में मार्गदर्शन करेगी।
Zimmedari (Responsibility)

Zimmedari (Responsibility)

P.K. Arya

250

₹ 200

Samaya Prabandhan (Time Management)

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: अगर आप यह कहते रहते हैं कि अमुक काम के लिए मेरे पास समय ही नहीं है तो आप समय-प्रबंधन नहीं जानते। उचित समय-प्रबंधन से आप प्रत्येक कार्य—पढ़ाई, खेल, मनोरंजन, गपशप, भरपूर नींद, सुबह की सैर आदि सब कर सकते हैं। समय-प्रबंधन में जरा भी कठिनाई नहीं है, इसका सीधा सा फॉर्मूला है—प्रत्येक कार्य अपने तय वक्‍त पर किया जाए—समय पर सोकर उठना, समय पर नहाना, समय पर खाना, समय पर पढ़ाई, समय पर दफ्तर के सारे काम निबटाना। याद रखें, जो व्यक्‍ति समय को नष्‍ट करता है, समय ही उसे नष्‍ट कर देता है। समय नष्‍ट करनेवाला व्यक्‍ति असहाय तथा भ्रमित होकर यूँ ही भटकता रहता है। कार्यों को टालने या अधर में लटका देने की आदत समय-प्रबंधन के मार्ग के सबसे बड़ी बाधा है। इनसे उबरकर उचित समय-प्रबंधन करके सफलता पाई जा सकती है। समय किसी के लिए नहीं रुकता और बीता समय कभी लौटकर नहीं आता। दरअसल, समय-प्रबंधन ही जीवन-प्रबंधन है। टाइम मैनेजमेंट की बेजोड़ पुस्तक।
Samaya Prabandhan (Time Management)

Samaya Prabandhan (Time Management)

P.K. Arya

250

₹ 200

Shishtachaar

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: "शिष्‍टाचार का जीवन में अहम स्थान है। शिष्‍टाचार आईने के समान है, जिसमें मनुष्य अपना प्रतिबिंब दरशाता है। शिष्‍टाचार अच्छे विचारों से आता है। जिस प्रकार कोई दीवार नींव के बिना खड़ी नहीं रह सकती, वैसे ही शिष्‍टाचार के बिना व्यक्‍ति का, समाज का और राष्‍ट्र का निर्माण नहीं हो सकता। शिष्‍टाचार एक संस्कार है, जिसकी नींव बचपन में ही पड़ जाती है—शिक्षा इसके आड़े नहीं आती। खूब पढ़-लिखकर भी जिस व्यक्‍ति में शिष्‍टाचार का अभाव हो, लोग उसे पढ़ा-लिखा मूर्ख ही कहेंगे, और उसे समाज में सम्मान नहीं मिलेगा। शिष्‍टाचार द्वारा अनजान व्यक्‍ति भी समाज में सम्मान पाता है, वहीं शिष्‍टाचार रहित व्यक्‍ति परिजनों द्वारा भी दुत्कारा जाता है। शिष्‍टाचार व्यक्‍ति को फर्श से अर्श तक पहुँचा सकता है, कठिनतम कार्य को आसान बना सकता है और अँधेरे में भी आशा की किरण दिखा सकता है। प्रस्तुत पुस्तक व्यक्‍ति को शिष्‍टाचार युक्‍त बनाने की दिशा में अग्रसर करती है।
Shishtachaar

Shishtachaar

P.K. Arya

250

₹ 200

Prasannata

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: "प्रसन्नता मनुष्य का एक ऐसा गुण है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी उसे सहज, सरल, सामान्य और रचनात्मक बनाए रखता है। चेहरे पर मौजूद प्रसन्नता व्यक्‍ति विशेष का तो दर्द कम करती ही है, उसके संपर्क में आनेवाले व्यक्‍ति के दुःख-दर्द भी हर लेती है। जीवन की एक सचाई से सभी परिचित हैं कि मौजूदा परिस्थितियों का सामना हमें करना ही होगा—अब यह हम पर है कि हम हँसकर करें या रोकर। प्रस्तुत पुस्तक यही सिखाती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी प्रसन्न कैसे रहा जाए। जो महत्त्व भोजन में नमक का है, वही जीवन में प्रसन्नता का। प्रसन्नचित्तता से बड़ी-से-बड़ी समस्याओं का हल आसानी से निकाला जा सकता है। तनामुक्‍त रहने, प्रसन्न और प्रफुल्लित रहने के व्यावहारिक सूत्र बताती एक जीवनोपयोगी पुस्तक। "
Prasannata

Prasannata

P.K. Arya

250

₹ 200

Netritva

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: "नेतृत्व व्यक्‍ति का ऐसा गुण है, जो उसे लोगों में लोकप्रिय बनाता है। नेतृत्व वही व्यक्‍ति कर सकता है, जिसका व्यक्‍तित्व प्रभावशाली हो, वाणी में आकर्षण हो, जिसकी तर्कशक्‍ति लोगों को लाजवाब कर दे, जिसके पास सभी प्रश्‍नों के उत्तर हों। आखिर ऐसी सर्वगुण-संपन्नता कैसे उत्पन्न की जाए? अध्ययन, मनन, चिंतन, सुसंस्कृत भाषा, सादगी, सरलता इत्यादि ऐसे गुण हैं, जो व्यक्‍ति की नेतृत्व-क्षमता में विकास करते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि नेतृत्व वही कर सकता है, जो अच्छा भाषण देना जानता हो, वाक्पटु हो, खूब बोले; बल्कि कभी-कभी चुप रहकर और कम बोलकर भी अच्छा नेतृत्व किया जा सकता है। आप कैसे नेतृत्व करना चाहते हैं? अच्छा नेतृत्व किस प्रकार किया जा सकता है? नेतृत्व करने हेतु तदनुरूप गुण अपने अंदर कैसे पैदा करें? क्या हम नेतृत्व कर सकते हैं? ऐसे अनगिनत प्रश्‍नों का बहुत व्यावहारिक उत्तर प्रस्तुत कर आपके भीतर छिपे लीडरशिप के गुणों को उभारकर सफल होने के गुर बतानेवाली पुस्तक। "
Netritva

Netritva

P.K. Arya

250

₹ 200

Sakaratmak Soch

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: "जब भी खिड़की से बाहर देखें तो कीचड़ को नहीं, आसमान के तारों को देखें—यही है सकारात्मक सोच। सकारात्मक सोच आदमी का वह ब्रह्मास्‍‍त्र है, जो उसके मार्ग के सभी व्यवधानों व बाधाओं को समाप्‍त कर उसकी सफलता का मार्ग प्रशस्त कर देता है। याद रखें—एक नकारात्मक विचार हमारे अनेक सकारात्मक विचारों को समाप्‍त कर देता है, उनका दमन कर देता है। निराशा मनुष्य को शिथिल कर देती है, तोड़कर रख देती है; वहीं एक छोटी सी सफलता का सकारात्मक विचार मन में उमंग एवं उत्साह का संचार कर देता है। आज की आपाधापी भरी जिंदगी में सभी लोग तरह-तरह की स्पर्धाओं और चुनौतियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में महत्त्वपूर्ण आवश्यकता सकारात्मक दृष्‍टिकोण तथा सोच के साथ आगे बढ़ने की है। सकारात्मक सोच व्यक्‍ति की जीवनशैली और फिर दृष्‍टिकोण को बदल देती है; इससे व्यक्‍ति की सफलता के सारे द्वार खुल जाते हैं। इस पुस्तक में सकारात्मक सोच विकसित करने के सरल उपाय और उनसे हमारे व्यक्‍तित्व पर पड़नेवाले सुनहरे प्रभावों के बारे में बताया गया है, जिन्हें जीवन में अपनाकर आप अभूतपूर्व सफलता को प्राप्‍त कर सकते हैं। "
Sakaratmak Soch

Sakaratmak Soch

P.K. Arya

200

₹ 160

Ichchha Shakti

  • Author Name:

    P.K. Arya

  • Book Type:
  • Description: "इच्छाशक्‍ति मनुष्य की वह अप्रतिम शक्‍ति है, जो पहाड़ों के सीने चीरकर उनमें से नदियाँ बहा सकती है। इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं, जो मनुष्य की इच्छाशक्‍ति का गुणगान करते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में इनकी विस्तार से चर्चा है। दरअसल, हमारे छोटे-से-छोटे और बड़े-से-बड़े सभी कार्यों के क्रियान्वयन में इच्छाशक्‍ति की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इच्छाशक्‍ति के अभाव में हम मेज पर रखा एक गिलास पानी तक उठाकर नहीं पी सकते, फिर बड़े कार्यों की तो बात ही क्या। इच्छाशक्‍ति के पैदा होते ही हमारे शरीर की सोई पड़ी अनेक शक्‍तियाँ चैतन्य हो जाती हैं और वे सब एक सामूहिक शक्‍ति में बदलकर हमें अपने अभीष्‍ट से मिला देती हैं। प्रस्तुत पुस्तक सोई हुई इच्छाशक्‍ति को जगाकर लक्ष्य-प्राप्‍ति, सफलता और जीवन के तमाम अभीष्‍ट पाने का मार्ग बताती है। "
Ichchha Shakti

Ichchha Shakti

P.K. Arya

250

₹ 200

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