Shishtachaar
Author:
P.K. AryaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
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Price: ₹ 200
₹
250
Available
"शिष्टाचार का जीवन में अहम स्थान है। शिष्टाचार आईने के समान है, जिसमें मनुष्य अपना प्रतिबिंब दरशाता है। शिष्टाचार अच्छे विचारों से आता है। जिस प्रकार कोई दीवार नींव के बिना खड़ी नहीं रह सकती, वैसे ही शिष्टाचार के बिना व्यक्ति का, समाज का और राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता।
शिष्टाचार एक संस्कार है, जिसकी नींव बचपन में ही पड़ जाती है—शिक्षा इसके आड़े नहीं आती। खूब पढ़-लिखकर भी जिस व्यक्ति में शिष्टाचार का अभाव हो, लोग उसे पढ़ा-लिखा मूर्ख ही कहेंगे, और उसे समाज में सम्मान नहीं मिलेगा। शिष्टाचार द्वारा अनजान व्यक्ति भी समाज में सम्मान पाता है, वहीं शिष्टाचार रहित व्यक्ति परिजनों द्वारा भी दुत्कारा जाता है।
शिष्टाचार व्यक्ति को फर्श से अर्श तक पहुँचा सकता है, कठिनतम कार्य को आसान बना सकता है और अँधेरे में भी आशा की किरण दिखा सकता है।
प्रस्तुत पुस्तक व्यक्ति को शिष्टाचार युक्त बनाने की दिशा में अग्रसर करती है।
ISBN: 9789350484395
Pages: 104
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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