Udyan Vajpeyi

Udyan Vajpeyi

12 Books

Shrikant Verma Sanchayita

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: श्रीकान्त वर्मा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी के सम्भवत: सबसे ऊर्जस्वित लेखकों में हैं। वे मूर्धन्य कवि हैं, सटीक कहानीकार हैं, और अनोखे उपन्यासकार। वे उन विरले कवियों में हैं जिन्होंने अपने भीतर से होकर बहती पिघलते लोहे-सी काव्य-धारा को पूरे धीरज से सहा और उसे बिल्कुल नए काव्य-विन्यासों में ढाला। यह भी सच है कि कई बार इस पिघले लोहे के-से काव्य-आवेग ने उन्हें धीरज बरत सकने का अवकाश नहीं दिया या शायद अपने घुमड़ते काव्य-आवेग के आगे कवि का धीरज निष्फल हो गया लेकिन तब यह काव्य-आवेग या काव्य-संवेदन उन्हीं की कविताओं के सुघड़ विन्यासों में आसपास, यहाँ-वहाँ चिनगारियों की तरह बिखर गया। शायद इसीलिए उनकी कविताएँ उनके काव्य-संयम और काव्य-असंयम का विलक्षण साक्ष्य और फलन हैं। उनके धीरज और उनकी हड़बड़ी दोनों का पारदर्शी अंकन। ऊर्जस्वित कवि होने के साथ-साथ श्रीकान्त वर्मा पक्के गद्यकार भी हैं। उनका गद्य गद्य की सारी शर्तों पर खरा उतरता गद्य है। उसमें वाक्य-सौन्दर्य है पर ‘कवितायी’ नहीं, उसमें विवरण हैं पर फिजूल ढीलापन नहीं। शायद इतना कसा हुआ गद्य बहुत कम लेखकों ने लिखा होगा। उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास, यात्रा-वृत्तान्त और निबन्ध लिखे हैं। श्रीकान्त वर्मा शायद हिन्दी में कविता के सर्वश्रेष्ठ अनुवादक भी रहे हैं। उन्होंने कई रूसी, जर्मन, जापानी, फ्रांसीसी, हंगारी और मैक्सिकन कविताओं के अनुवाद किए। इस संकलन में उनमें से कुछ अनुवादों को भी शामिल किया जा रहा है।
Shrikant Verma Sanchayita

Shrikant Verma Sanchayita

Udyan Vajpeyi

995

₹ 796

Sudeshanaa

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: उदयन वाजपेयी की इन कहानियों में हम अतिगल्‍पधर्मिता के एक ऐसे तत्त्व को सक्रिय देखते हैं, जो हमारी भाषा में एक अनोखी गल्‍प-सृष्टि का शिलान्यास करता प्रतीत होता है। इन कहानियों का दूसरा तत्त्व इनमें विचार और अनुभूति के वे बारीक और उलझे हुए धागे हैं, जो इन कहानियों की अतिगल्पधर्मिता के बावजूद इन्हें परीकथा की अनुकृति होने से बचाते हुए एक लगभग अप्रचलित-सा कथा-रूप प्रदान करते हैं। हम कह सकते हैं कि ये कहानियाँ परीकथा की अनुकृति नहीं, उसकी पैरोडी हैं।

    इन कहानियों का सबसे मुखर और केन्द्रीय, यद्यपि नितान्त अदृश्य चरित्र ‘समय’ है। वस्तुओं, चरित्रों और घटनाओं का अधिष्ठान या निरा एक आयाम होने से अधिक यहाँ यह समय स्वयं वस्तुओं, चरित्रों और घटनाओं के हाथों बनती-मिटती एक हस्ती हैं। ये कहानियाँ समय की रचना करती हैं और (इस तरह) मानो प्रस्तावित करती हैं कि समय का प्रत्‍येक रूप एक संकल्प-सापेक्ष रचना है।

    इन कहानियों की प्रस्तावित-गल्प-सृष्टि हमारे यथार्थ कहे जानेवाले संसार से अनुकूलित होने या उसे अनुकूलित करने के बजाय उसे ‘देखने’ का एक ऐसा ‘लोकस’ उपलब्ध कराती है, जहाँ से स्वयं इस संसार का गल्प उजागर हो सके। दूसरे शब्दों में वे कथा और सृष्‍टि के बीच मान्य द्वैत का प्रतिकार करती हैं और ऐसा करते हुए वे अपनी विश्वसनीयता की क़ीमत चुकाती हैं। अविश्वसनीयता को ये कहानियाँ अलंकार के नहीं, रस के रूप में प्रस्तावित करती हैं।

    और इस सबसे ऊपर इनमें गहरी रागात्मकता और संसक्ति है, जो इनके अन्तर्निहित बौद्धिक तनाव और मुबहम वातावरण को स्पन्दनशील और स्पृहणीय बनाती हैं।

Sudeshanaa

Sudeshanaa

Udyan Vajpeyi

150

₹ 120

Vicharan

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: इस समय भारत में और विशेषत: हिन्दी अंचल में परम्परा के अज्ञान और उसकी दुर्व्याख्या भयावह रूप से फैल रही है। इसके बावजूद हमारे पास ऐसे सजग, ज्ञानसम्पन्न चिन्तक हैं जिनकी परम्परा में पैठ हमें अपनी आधुनिकता को नए आलोक में देखने-समझने की उत्तेजना देती रही है। इनमें से एक है नवज्योति सिंह जिनसे एक लम्बी बातचीत यहाँ पुस्तकाकार प्रकाशित की जा रही है। वे नया प्रश्न उठाते हैं, नई जिज्ञासा उकसाते हैं और विचार की नई राहें खोजने की ओर बढ़ते हैं। हिन्दी वैचारिकी की जो शिथिल स्थिति है, उसके सन्दर्भ में यह पुस्तक एक विनम्र इज़ाफ़े की तरह है। उम्मीद है कि यह विचार-विचरण पाठक पसन्द करेंगे।

    —अशोक वाजपेयी।

Vicharan

Vicharan

Udyan Vajpeyi

299

₹ 239.2

Kavi Ka Marg : Kamalesh Se Samwad

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: “कमलेश अपनी पीढ़ी के सम्भवत: सबसे पढ़े-लिखे कवि-चिन्तक थे। जितना ज्ञान उन्होंने संसार भर से अपने पास इकट्ठा किया था, उसकी तुलना में उन्होंने लिखा कम। उनके पास ज्ञान-पगी दृष्टि थी जो उनकी मूलत: कविदृष्टि को समृद्ध और विलक्षण बनाती थी। उनसे एक लम्बा संवाद और उनका एक निबन्ध इस पुस्तक में शामिल किया गया है जो इस माला के पहले सैट में इस विश्वास के साथ प्रकाशित की जा रही है कि उनके चिन्तन और गद्य की यह पुस्तक पाठकों को विचारोत्तेजक लगेगी। कमलेश में परम्परा की गहरी समझ और पैठ तथा आधुनिकता से प्रोत्साहित प्रश्नाकुलता में कोई दूरी नहीं है जो उन्हें एक अपवाद बनाती है।”

    —अशोक वाजपेयी

Kavi Ka Marg : Kamalesh Se Samwad

Kavi Ka Marg : Kamalesh Se Samwad

Udyan Vajpeyi

399

₹ 319.2

Bhavyata Ka Rangkarm : Ratan Thiyam Se Samwad

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: “रतन थियाम आधुनिक भारतीय रंगमंच में एक अनूठी उपस्थिति रहे हैं। उन्होंने मणिपुर की लोक-परम्परा, व्यापक भारतीय परम्परा और आधुनिकता के बीच बहुत सघन-उत्कट और रंग प्रभावी रिश्ता अपने रंगकर्म में खोजा-पाया है। उनसे इस लम्बी बातचीत में उनके रंग-जीवन, संघर्ष, तनावों आदि के साथ-साथ व्यापक भारतीय रंगमंच के द्वन्द्वों और संघर्षों को समझने की दृष्टि मिलती है।''

    —अशोक वाजपेयी

Bhavyata Ka Rangkarm : Ratan Thiyam Se Samwad

Bhavyata Ka Rangkarm : Ratan Thiyam Se Samwad

Udyan Vajpeyi

350

₹ 280

Khuli Aankh Aur Anya Kavitayen

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Khuli Aankh Aur Anya Kavitayen

Khuli Aankh Aur Anya Kavitayen

Udyan Vajpeyi

250

₹ 200

Adhunikta Aur Paigan Sabhyatayen

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Adhunikta Aur Paigan Sabhyatayen

Adhunikta Aur Paigan Sabhyatayen

Udyan Vajpeyi

150

₹ 120

Cinema Aur Sansar

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: ऋत्विक घटक और सत्यजीत राय के बाद कुमार शहानी और मणि कौल सम्भवतः देश के सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण फ़िल्मकार रहे हैं। इनकी फ़िल्मों ने न सिर्फ़ हमारे फ़िल्म के देखने में बुनियादी बदलाव लाया है बल्कि इन फ़िल्मों की रोशनी में हम वास्तविकता और स्वयं अपने आप को भी कुछ और तरह से ही अनुभव करने के रास्ते खोज सके हैं या खोज सकते हैं। कुमार ने जो भी फ़िल्म बनायी है वह अपनी तरह की ‘क्लासिक’ है। उनकी फ़िल्में दुनियाभर के प्रयोगशील और दृष्टि सम्पन्न फ़िल्मकारों के लिए निरन्तर प्रेरणा का स्रोत रही हैं। यह संयोग नहीं कि कुमार शहानी को विश्व के श्रेष्ठ सिनेमा शिक्षकों में गिना जाता है। कुमार अपनी हर फ़िल्म में फ़िल्म बनाने के नये मार्गों की खोज करते हैं और वे निरन्तर इस खोज के लिए विशेषकर भारतीय प्रदर्शनकारी कलाओं और संगीत आदि की परम्परा को गहरे से गहरे तक समझने और टटोलने का मानो अनवरत प्रयास करते रहते हैं। उनकी फ़िल्में भारतीय और वैश्विक कला परम्परा से संवाद करती हुई आकार ग्रहण करती हैं। कुमार शहानी से बात करना हमेशा हर्षित करता है। वे अपने भीतर दुनिया की तमाम कला परम्पराओं के बहावों को मानो लेकर चलते हैं, चाहे वह ख़याल संगीत हो या मिनिएचर चित्र, पश्चिमी शास्त्रीय संगीत हो या कुडियाट्टम नृत्य, ध्रुपद संगीत हो या भक्ति कविता या दरवेशों का अपनी धुरी पर लगातार घूमना। वे बात करते-करते कब किसी विशेष संगीत के रूपाकार के किसी दूरस्थ दार्शनिक दृष्टि के लगभग अनदेखे बिन्दु पर जाकर ठहरेंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं होता। इसीलिए उनसे बात करना अनिवार्य रूप से गहन कलात्मक और दार्शनिक अनुभव होता है। —प्रस्तावना से
Cinema Aur Sansar

Cinema Aur Sansar

Udyan Vajpeyi

199

₹ 159.2

Upanyaskar Ka Safarnama

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: “शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी इस समय न सिर्फ़ उर्दू बल्कि समूचे भारतीय साहित्य में एक बड़ी और आकर्षक हस्ती हैं। उनमें गहरी विद्वत्ता और अथक सृजनशीलता का जो संयोग है, वह अनोखा है। अपनी पारम्परिक बहुलता, जो कई बार आधुनिकता की झोंक में इकहरी देखी-समझी जाने लगती है, इस चिन्तक-लेखक के यहाँ जीवन्त गतिशीलता में प्रगट होती है। उनके संवाद से हमारी स्थिति के, हमारी सांस्कृतिक धरोहर के ऐसे कई पहलू सामने आते हैं जिन्हें हम भूल गए हैं। किसी उर्दू लेखक का हिन्दी में शायद यह सबसे लम्बा संवाद है। रज़ा पुस्तक माला में इस अनूठी और कई सिम्तों को रोशन करती बातचीत को पुस्तकाकार प्रस्तुत करते हमें हर्ष है।" —अशोक वाजपेयी
Upanyaskar Ka Safarnama

Upanyaskar Ka Safarnama

Udyan Vajpeyi

250

₹ 200

Naam Hai Uska Pakhi

  • Author Name:

    Udyan Vajpeyi

  • Book Type:
  • Description: DESCRIPTION AWAITED
Naam Hai Uska Pakhi

Naam Hai Uska Pakhi

Udyan Vajpeyi

₹ 300

Ped Aur Parchhai

  • Author Name:

    Bhajju Shyam +1

  • Book Type:
  • Description: प्रसिद्ध कवि और लेखक उदयन वाजपेयी के लघु निबंध और भज्जू श्याम के चित्र इस पुस्तक का निर्माण करते हैं। उदयन वाजपेई के निबंध कल्पनाशील और चतुराई से गढ़े गए हैं। वह परिभाषाओं से निपटता नहीं है बल्कि वह किसी चीज़ को देखने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार करता है। इस प्रकार वह वस्तु को उसकी प्रचलित परिभाषाओं से मुक्त कर देता है। भज्जू श्याम के चित्र सोच-समझकर बनाए गए और विस्तृत हैं। उनके सूक्ष्म विवरणों का आनंद लेने के लिए उन्हें ध्यानपूर्वक, बारीकी से देखें।
Ped Aur Parchhai

Ped Aur Parchhai

Bhajju Shyam

₹ 150

Ghudsawar

  • Author Name:

    Taposhi Ghoshal +1

  • Book Type:
  • Description: घोड़ा आवाज़ से भी तेज दौड़ता था राजकुमार ने पुकार सुनी तो अपना घोड़ा महल की ओर मोड़ दिया। और पूरी ताक़त से चिल्लाया, "माँ मैं आ रहा हूँ।" इसके पहले की उसका जवाब रानी तक पहुँच पाता वह रानी के सामने पहुँच चुका था। हमारे देखने में हमारी कल्पना भी शामिल होती है रात का आकाश, नक्षत्रों से खचाखच भरा आकाश थोड़ा सा ख़ुद है और थोड़ा सा हमारी कल्पना के कारण हैं।
Ghudsawar

Ghudsawar

Taposhi Ghoshal

₹ 200

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