Narendra Nath

Narendra Nath

6 Books

Pakistani Urdu Shayari Vol. 1

  • Author Name:

    Narendra Nath

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Pakistani Urdu Shayari Vol. 1

Pakistani Urdu Shayari Vol. 1

Narendra Nath

125

₹ 100

Pakistani Urdu Shayari - Vol. 5

  • Author Name:

    Narendra Nath

  • Book Type:
  • Description: साहित्य सरहदों से ऊपर होता है, कविता सीमाओं की नहीं, इनसानियत के समूचे वजूद की बात करती है, जो तमाम बँटवारों के ऊपर है और एक है।

    ‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ शीर्षक यह शृंखला भारत और पाकिस्तान के उस साझा दिल को रौशन करती है जो लहूलुहान सरहदों के बावजूद दोनों तरफ़ एक साथ, एक ही तरह धड़कता है, उन गलियों, मुहल्लों, खेतों और पगडंडियों का नक़्शा दिखाती है जिनके रंग-ढंग को बँटवारा नहीं बदल सका, उस विरसे की याद दिलाती है, जो तमाम राजनीतिक हठधर्मियों के बावजूद अब भी एक है।

    इस शृंखला का उद्देश्य पाकिस्तान के उन अनेक शायरों से हिन्दी पाठक का परिचय कराना भी है जिन्हें हम नहीं जानते। वे लोग जो इंडो-पाक मुशायरों और कल्चरल डेलीगेशनों का हिस्सा नहीं होते, लेकिन जिन्होंने कहने के फ़न को तराशा है और तमाम ख़तरों के सामने अपनी बात कहने की हिम्मत दिखाई है।

    इन शायरों और उनके कलाम को हिन्दी पाठकों तक पहुँचाने के लिए सम्पादकों ने न सिर्फ़ वहाँ के पुस्तकालयों और किताबघरों की ख़ाक छानी है, बल्कि नए-पुराने रिसालों और अख़बारों की फ़ाइलें भी पलटी हैं, और शायरों से ख़तो-किताबत भी की है।

    ‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ का यह पाँचवाँ खंड इस शृंखला की नई कड़ी है, जिसमें बारह शायरों की रचनाएँ परिचय के साथ शामिल हैं।

Pakistani Urdu Shayari - Vol. 5

Pakistani Urdu Shayari - Vol. 5

Narendra Nath

250

₹ 200

Pakistani Urdu Shayari Vol. 4

  • Author Name:

    Narendra Nath

  • Book Type:
  • Description: ‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ के इस खंड में बारह शायरों की रचनाएँ शामिल हैं। नज़्मों, ग़ज़लों और फुटकर शे’रों के अलावा कुछ रचनाकारों के गीत और क़तआत भी आपको इसमें मिलेंगे।

    इस पुस्तक शृंखला में शायरों का परिचय, जिसे सम्पादकों ने काफ़ी खोजबीन के बाद तैयार किया, अपने आप में संग्रहणीय सामग्री है।‌ इसे पढ़ते हुए हमें पाकिस्तान में उर्दू काव्य-संसार का भी परिचय मिलता चलता है। उससे हमें मालूम होता है कि जिस तरह भारत में, उसी तरह पाकिस्तान में भी अकसर शायरों-लेखकों का जीवन चुनौतीपूर्ण रहा है। वहाँ के लोगों का और भी ज़्यादा क्योंकि पाकिस्तानी क़लम के ऊपर कठमुल्लापन और शासन की भी तीख़ी निगाह टिकी रही।

    इस शृंखला में अब तक शामिल शायरों में अनेक ऐसे हैं जिन्होंने इसके बावजूद कभी अपने स्वर को मद्धम नहीं होने दिया। इसी खंड में प्रकाशित हमीद जालंधरी का यह क़तआ इसका प्रमाण है : ‘कितने ठाठ-बाट से आए आख़िर को बदनाम गए / नाज़ी बनकर आनेवाले गए तो नाफ़रजाम गए / हिटलर, मुसोलिनी और नासिर, इसकंदर, यह्या, अय्यूब / बोल रही है दुनिया, आमिर सबके सब नाकाम गए।’

    इसी तेवर और साफ़गोई से अपनी बात कहनेवाली अनेक नज़्में-ग़ज़लें इस ग्रन्थ-शृंखला को एक दस्तावेज़ बनाती हैं, हमारी नज़र से ओझल पाकिस्तान के शायरों को सामने लाने का काम तो ये पुस्तकें करती ही हैं।

Pakistani Urdu Shayari Vol. 4

Pakistani Urdu Shayari Vol. 4

Narendra Nath

250

₹ 200

Pakistani Urdu Shayari Vol. 3

  • Author Name:

    Narendra Nath

  • Book Type:
  • Description: भारत के मुक़ाबले पाकिस्तान में रचनाकारों के सामने कहीं ज़्यादा चुनौतियाँ रही हैं। ‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ शृंखला के सम्पादक इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कहते हैं कि हिन्दुस्तान में जिस विद्रोह को हेडलाइन बनाया जा सकता है, पाकिस्तान में उसी विद्रोह को वर्ग पहेली के गुप्तार्थों की तरह रचना में छिपाया जाता है। इसलिए वहाँ के लेखकों-शायरों ने अपने तर्ज़े-बयाँ को ऐसे तराशा है कि जो कहना था, वह तो कहा ही गया, उससे कविता का मेयार भी उठा।

    ‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ शीर्षक यह शृंखला और इसमें शामिल रचनाएँ बताती हैं कि उधर के शायरों ने अपनी राजनीतिक चुनौतियों का सामना करते हुए कैसे अपनी कहन को और ज़्यादा असरदार, ज़्यादा मारक और अचूक बनाया है।

    इनमें से अनेक नाम हिन्दी पाठक के लिए नये होंगे, क्योंकि ऐसे लोग कुछ ही हैं जिनकी रचनाएँ हिन्दी लिप्यंतरण में इधर आईं और मक़बूल हुईं। इस शृंखला का उद्देश्य ही दरअसल पाकिस्तान के उन शायरों को हिन्दी समाज तक पहुँचाना है जिन्होंने बहुत अच्छा लिखा है, लेकिन जो अभी तक किसी हिन्दी संकलन में नहीं आ पाए।

    यह शृंखला और इसमें शामिल रचनाएँ यह भी बताती हैं कि बँटवारे के बावजूद भारत और पाकिस्तान का आधारभूत ‘ईथॉस’ एक ही है; कितने शे’र, कितनी नज़्में बिना बाधा के अपने बिम्बों और रूपकों के साथ हमारी अपनी कविताओं के साथ आ बैठती हैं। इस खंड में बारह शायरों की ग़ज़लें, नज़्में और फुटकर शे’र शामिल हैं।

Pakistani Urdu Shayari Vol. 3

Pakistani Urdu Shayari Vol. 3

Narendra Nath

250

₹ 200

Pakistani Urdu Shayari Vol. 2

  • Author Name:

    Narendra Nath

  • Book Type:
  • Description: ‘नाकामियों ने और भी सरकश बना दिया/इतने हुए ज़लील कि ख़ुद्दार हो गए।’ कर्रार नूरी का यह शे’र इस संकलन में शामिल उनकी ग़ज़ल से है। लेकिन हिन्दी पाठकों में अनेक ऐसे होंगे जिन्होंने उनका नाम नहीं सुना होगा।

    पाकिस्तान के दरअसल कुछ ही शायर हैं जिनसे हिन्दी समाज परिचित है। इस शृंखला की योजना इसी को ध्यान में रखकर बनाई गई थी ताकि वे शायर जो किसी कारण भाषा और मुल्क की सीमा लाँघकर भारत के कविता-प्रेमियों तक नहीं पहुँच सके, यहाँ का पाठक उन्हें जान सके। सम्पादक नरेन्द्र नाथ के शब्दों में ‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ शृंखला का उद्देश्य पाकिस्तान के ‘प्रसिद्ध कवियों के साथ-साथ उन शायरों को भी हिन्दी जगत के सामने लाना है जिनके लिए कविता केवल आत्मरति-भर नहीं, जो अपनी क़लम की नोक को सेंसरशिप की संगीनों से टकराते हुए शोषण के ख़िलाफ़ आवाज़’ उठाते रहे, इसलिए सजी-धजी स्टेजों तक नहीं पहुँच सके।

    इस खंड में उन्नीस शायरों की नज़्में, ग़ज़लें और फुटकर अशआर शामिल हैं जिनमें से कुछ, जैसे अहमद नदीम कासमी, अहमद फ़राज़ और क़तील शिफ़ाई, से तो सामान्य पाठक भी वाक़िफ़ है, लेकिन ज़्यादातर उसके लिए नये होंगे।

    पाकिस्तान की सरज़मीं पर उगी इन रचनाओं से गुज़रते हुए हम इन दोनों मुल्कों की सांस्कृतिक और भावनात्मक समानताओं से भी साक्षात्कार करते हैं जिसके निशान उनकी शब्दावली से लेकर उन सरोकारों और बिम्बों तक फैले हैं जिन्हें ये रचनाएँ हम तक पहुँचाती हैं। हिमायत अली शायर का यह शे’र देखें :

    हर क़दम पर नित-नये साँचे में ढल जाते हैं लोग

    देखते-ही-देखते कितने बदल जाते हैं लोग। 

Pakistani Urdu Shayari Vol. 2

Pakistani Urdu Shayari Vol. 2

Narendra Nath

250

₹ 200

Pakistani Urdu Shayri: Vol. 1

  • Author Name:

    Narendra Nath

  • Book Type:
  • Description: पाकिस्तान के कुछेक नामचीन शायरों को छोड़ दें तो हिन्दी का पाठक वहाँ के ज़्यादातर शायरों से परिचित नहीं है। इसी बात को ध्यान में रखकर ‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ शीर्षक इस शृंखला की योजना बनाई गई थी जिसमें दो सौ से ज़्यादा शायरों को उनके जीवन-परिचय और रचनाओं के साथ पाठकों के सामने लाने का इरादा किया गया था।

    इसके लिए इन पुस्तकों के सम्पादक नरेन्द्र नाथ पाकिस्तान भी गए, कराची और लाहौर के किताबघरों-पुस्तकालयों से नई-पुरानी किताबें जमा कीं और पत्र-पत्रिकाओं की फ़ाइलें खँगालीं। शायरों से निजी तौर पर ख़तो-किताबत भी की गई।

    पाकिस्तान के शायरों को हिन्दी पाठक तक पहुँचाने के अलावा इस शृंखला का एक उद्देश्य हिन्दी और उर्दू कविता के बीच एक पुल बनाना भी है। भारत की आज़ादी के साथ ही पाकिस्तान एक मुल्क के रूप में अलग हो गया, सरहदें खिंच गईं, लेकिन कोई चीज़ थी जिसे नहीं बाँटा जा सका, वह तब भी एक थी, आज भी एक है। वह है देखने का, सोचने का, जीने का ढंग और हमारा सामाजिक-सांस्कृतिक बोध। पाकिस्तानी उर्दू शायरी के इन पाँच खंडों से गुज़रते हुए आप हर हाल में इस चीज़ को महसूस करेंगे। अनेक नज़्में और ग़ज़लें हैं जिनके रूपक, उपमाएँ और उपमान सरहदों से ऊपर उठकर भारत और पाकिस्तान के इस एकत्व को बरबस उजागर कर देते हैं।

    इस खंड में कुल अठारह शायरों की रचनाएँ शामिल हैं, साथ ही उनका जीवन-परिचय भी, और जहाँ सम्भव हो सका, उनकी शायरी के बारे में टिप्पणियाँ भी। ख़ासतौर पर जिन विधाओं की रचनाएँ यहाँ ली गई हैं उनमें ग़ज़लें, नज़्में और फुटकर शे’र प्रमुख हैं। कुछ शायरों की रुबाइयाँ, क़तआत और गीत भी लिये गए हैं जो पाकिस्तान के काव्य-परिदृश्य का विस्तृत परिचय हमें देते हैं। 

Pakistani Urdu Shayri: Vol. 1

Pakistani Urdu Shayri: Vol. 1

Narendra Nath

250

₹ 200

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