Shiv K. Kumar
Buddh Nirvan Ki Raah Par
- Author Name:
Shiv K. Kumar
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Book Type:

- Description:
बुद्ध के जीवन पर आधारित इस उपन्यास में बुद्ध के सभी सिद्धान्तों को कथा-सूत्र में पिरोकर प्रस्तुत किया गया है, जिन्हें बुद्ध के बुद्धत्व की थाती माना गया। सहज, जीवन से जुड़ी भाषा में लिखा गया उपन्यास बुद्ध या उनके दर्शन को लेकर कोई विमर्श खड़ा करने का प्रयास न करके उनकी जीवन की घटनाओं के साथ भौतिक संसार से शनै:-शनै: उनके मोहभंग को दिखाता हुआ उनकी निर्वाण-यात्रा के पथ को पुन: आलोकित करता है। वह भी इतनी सहज गति के साथ कि कहीं-कहीं वह आपको अपनी ही यात्रा लगने लगती है।
यह उपन्यास के सहजता के ही कारण है कि इसे पढ़ते हुए हमारे मन में अपने आसपास व्याप्त हिंसा, असहिष्णुता और पौरुष के निकृष्टतम संस्करणों का सर्व-स्वीकृत प्रचलन चकित करने लगता है। किसी भी विभूति के जीवन को आधार बनाकर लिखे गए उपन्यास की सबसे बड़ी सफलता यही मानी जानी चाहिए कि वह तर्कों के नहीं, संवेदना के स्तर पर हमें कितना उस व्यक्ति के जीवन और प्रतिश्रुतियों से जोड़ता है। इस अर्थ में यह सर्वथा सफल उपन्यास है।
Buddh Nirvan Ki Raah Par
Shiv K. Kumar
Mahabharat : Ek Navin Rupantaran
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Shiv K. Kumar
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Book Type:

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‘महाभारत’ विश्व-इतिहास का प्राचीनतम महाकाव्य है। होमर की ‘इलियड’ और ‘ओडीसी’ से कहीं ज़्यादा प्रवीणता के साथ परिकल्पित और शिप्लित यह रचनात्मक कल्पना की अद्भुत कृति है। ऋषि वेदव्यास द्वारा ईसा के प्रायः 2000 वर्ष पूर्व रचित इस महाकाव्य में लगभग समस्त मानवीय मनोभावों—प्रेम और घृणा, क्षमा और प्रतिशोध, सत्य और असत्य, ब्रह्मचर्य और सम्भोग, निष्ठा और विश्वासघात, उदारता और लिप्सा—की सूक्ष्म प्रस्तुति मिलती है।
यों तो ‘महाभारत’ भारतीय मानस में रचा-बसा ग्रन्थ है, पर इसने सम्पूर्ण विश्व के पाठकों को आकर्षित किया है। शायद इसीलिए इस महाकाव्य का रूपान्तर विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में हुआ है। परन्तु विस्मय होता है यह देखकर कि ज़्यादातर रूपान्तरों में इसकी क्षमता का प्रतिपादन एक काव्यात्मक सौन्दर्य और सुगन्ध से समृद्ध कथा के रूप में नहीं हो पाया है। सम्भवतः इसलिए कि लेखकों ने मूलतः इसके कहानी पक्ष को ही प्रधानता दी।...किन्तु इस पुस्तक के लेखक शिव के. कुमार ने इसी कारण इस महाकाव्य में कुछ रंग और सुगन्ध भरने का प्रयास किया है।
यह वस्तुतः ‘महाभारत’ का एक नवीन रूपान्तर है। ‘महाभारत’ एक अद्वितीय रचना है। यह काल और स्थान की सीमाओं से परे है। इसलिए हर युग में इसके साथ संवाद सम्भव है। वर्तमान युग में भी सामाजिक न्याय, राजनीतिक स्वार्थजनित राष्ट्र विभाजन, नारी सशक्तिकरण और राजनेताओं के आचरण के सन्दर्भों में इसका आर्थिक औचित्य है। अंग्रेज़ी से हिन्दी में इस कृति का अनुवाद करते हुए प्रभा के. सिंह ने हिन्दी भाषा की प्रकृति का विशेष ध्यान रखा है। समग्रतः एक अनूठी रचना।
Mahabharat : Ek Navin Rupantaran
Shiv K. Kumar
Contemporary Indian Short Stories in English
- Author Name:
Shiv K. Kumar
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- Description: This well-chosen collection of 24 short stories contains some of the best writing in English that has emerged from India in the recent past. Several of these stories have appeared un various collections, anthologies and journals in India and abroad. Though written in English "the tempo of Indian Life" as Raja Rao says, "is expression." The style though distinctive in each story, is markedly Indian, and reveals the writer's rootedness in contemporary Indian reality.