Sanjiv Shah

Sanjiv Shah

8 Books

Adhyatma Ki Khoj Mein

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Adhyatma Ki Khoj Mein

Adhyatma Ki Khoj Mein

Sanjiv Shah

600

₹ 480

Prem : Khoj, Pahal Aur Paribhasha

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: जो व्यक्ति स्वयं को प्रेम करता है, वह एकान्त से दूर भागने के लिए बावरा नहीं बन जाता और इसीलिए वह अकेलेपन से पीड़ित भी नहीं होता। वह हमेशा अपने समय का उपयोग सार्थक, सर्जनात्मक उद्देश्यों के लिए करता है—उसे जहाँ-तहाँ समय बिताने की जरूरत नहीं रहती। वह व्यक्ति स्वयं अपना इतना अच्छा मित्र होता है कि उसे दूसरे मित्रों की जरूरत नहीं होती। इसीलिए स्वाभाविक रूप से कुसंगत करने की जगह वह खुद के साथ रहना पसन्द करता है।
Prem : Khoj,  Pahal Aur Paribhasha

Prem : Khoj, Pahal Aur Paribhasha

Sanjiv Shah

150

₹ 120

Zindagi : Janma, Sangharsh Evam Santushti Ki Dastan

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: हम स्वयं अपने साथ शायद ही संयमपूर्वक व्यवहार कर रहे होते हैं। अहंकारी न बन जाने के तनाव में जीनेवाले ऐसे अनेक लोगों को मैंने देखा है, जो सदैव अपनी कमियों को ही देखते रहते हैं, हर समय अपने आपको कोसते ही रहते हैं। जबकि दूसरे बहुत से लोग अपना बखान करने से ही बाज नहीं आते! हमारा अपने-आपको आदर देना भी उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी अपनी कमियों और दोषों को देखते रहना है।
Zindagi : Janma, Sangharsh Evam Santushti Ki Dastan

Zindagi : Janma, Sangharsh Evam Santushti Ki Dastan

Sanjiv Shah

199

₹ 159.2

Asafalata ki Aisi Ki Taisi

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: अच्छा मनुष्य बनने के अंक क्यों नहीं? परीक्षा केवल गणित, विज्ञान, भाषाओं इत्यादि की ही क्यों ली जाती है? और नागरिकशास्त्र जैसे विषय की परीक्षा भी लिखित ही ली जाती है। बच्चे जीवन में कितना ग्रहण करते हैं, क्या वह महत्त्वपूर्ण नहीं है? विद्यार्थी कितने ईमानदार हैं, निःस्वार्थी हैं, साहसी हैं, स्वच्छताप्रिय हैं...क्या ये सब महत्त्वपूर्ण नहीं है? इन बातों का कोई नाम नहीं लेता, ऐसा क्यों? कोई विद्यार्थी स्वार्थी हो, अपशब्द बोलता हो, बुरा व्यवहार करता हो, परन्तु  कुछ भी करके सबसे अधिक अंक प्राप्त कर ले, तो उसे शाबाशी मिले। इसके विपरीत कोई दूसरा विद्यार्थी गुणवान हो, सेवाभावी हो, सदैव अच्छा आचरण करता हो, परन्तु वह मध्यम दर्जे के अंक ही ला पाए, तो वह निम्न स्तर का कैसे हो गया?
Asafalata ki Aisi Ki Taisi

Asafalata ki Aisi Ki Taisi

Sanjiv Shah

199

₹ 159.2

Bhavadiye... Aapke Bigdail Vidyarthi

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: हमारे समाज में प्रतिदिन अनेक अपराध दर्ज होते हैं। हम जानते हैं कि दर्ज होनेवाले अपराधों से अनेक गुना अपराध चुपचाप होते हैं और सहन भी किए जाते हैं। पर हम उन बातों के लिए क्या करेंगे जिन्हें अपराध भी गिना नहीं जाता? अपशब्दों भरी भाषा का प्रयोग करना, बालकों का अपमान करना, बालकों को मारना, बालकों को धमकी देकर डराना...यह सब तो मानो शिक्षक के अधिकार में आ गए हैं और उनके आवश्यक साधन बन गए हैं। मुझे भयंकर त्रास होता है, जब कोई अज्ञानी माता-पिता अपने बालक को सौंपते समय शिक्षक से कहते हैं कि सर, जरूरत लगे तो एक-दो तमाचे मारकर भी इसे एकदम सीधा करना। और मूर्ख शिक्षक बालक के सामने ही इस अधिकार एवं जवाबदेही को मानो गौरव से स्वीकार करता है।
Bhavadiye... Aapke Bigdail Vidyarthi

Bhavadiye... Aapke Bigdail Vidyarthi

Sanjiv Shah

199

₹ 159.2

Bhavnaon Ke Toofan Mein Bhi Mahak Sakati Hai Yeh Jindagi !

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: हम जिन भावनाओं को महसूस करते हैं उनसे कभी अपराधबोध अनुभव करने की जरूरत नहीं है, ऐसी भावनाओं का अनुभव तो सभी करते हैं। जब कभी हम अत्यन्त नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं, तो भीतर-ही-भीतर खूब क्षोभ महसूस करते हैं। वास्तव में यह क्षोभ उसी मान्यता से जन्म लेता है कि हममें नकारात्मक भावनाएँ नहीं उठनी चाहिए, ऐसी नकारात्मक भावनाएँ पैदा होना बहुत बुरी बात है।
Bhavnaon Ke Toofan Mein Bhi Mahak Sakati Hai Yeh Jindagi !

Bhavnaon Ke Toofan Mein Bhi Mahak Sakati Hai Yeh Jindagi !

Sanjiv Shah

150

₹ 120

Sadiyon Ka Syanapan

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: इसे आप दर्शन की एक और पुस्तक न गिन लेना। महान् रूसी उपन्यासकार और सत्य के प्रखर साधक लियो टॉल्सटॉय की 25 वर्षों की साधना का यह फल है। इस पुस्तक में विश्व के समस्त धर्मों का सार है। इसमें सर्वोत्तम चिंतकों के श्रेष्ठतम विचार हैं और सैकड़ों महान् कृतियों का बहुमूल्य अर्क है। कल्पना कीजिए कि टॉल्सटॉय हमें वर्ष के 366 दिन, प्रतिदिन किसी विषय पर सदियों का सयानापन परोसते हैं! क्या इससे बढ़कर हमारा कोई और सद्भाग्य हो सकता है? ‘‘मैं आशा करता हूँ कि इस पुस्तक के वाचक वैसी कल्याणकारी एवं प्रेरणादायी भावना का अनुभव कर सकेंगे, जैसी मैंने इस पुस्तक की सृजन वेला में काम करते समय अनुभव की थी और जिसे मैं प्रतिदिन पढ़ते समय पुनः-पुनः अनुभव करता हूँ।’’ —ऌलियो टॉल्सटॉय
Sadiyon Ka Syanapan

Sadiyon Ka Syanapan

Sanjiv Shah

300

₹ 240

Jeevan Ki Bhent

  • Author Name:

    Sanjiv Shah

  • Book Type:
  • Description: नौ वीं कक्षा के एक विद्यार्थी ने गृहकार्य नहीं किया था। शिक्षिका ने उसे बुलाकर कारण पूछा। विद्यार्थी ने गंभीरता से कहा, ‘‘कल मेरा जन्मदिन था और शाम को हमारे घर में बहुत झगड़ा हो गया। सुबह मेरे पिताजी ने मुझे उपहार में एक पुस्तक दी थी। उसे मैं पढ़ रहा था। तभी मम्मी ने कहा कि वह बहुत थक गई है, इसलिए हलका होने के लिए वह पुस्तक उन्हें पढ़नी है। मेरी दादीजी कहती थीं कि मुझे छोटी को प्रतिदिन नई-नई कहानियाँ सुनानी होती हैं, इसलिए सबसे पहले यह पुस्तक उन्हें मिलनी चाहिए, तो मेरे दादाजी ने जिद की कि उनके पास अच्छी वाचन-सामग्री नहीं बची है, अतः वह पुस्तक उनको ही मिले। इतने में मेरे पापा ऑफिस से आए और मुझे धमकाने लगे कि गिफ्ट तो मुझे उन्होंने दी है, तो पुस्तक पहले उनको ही दूँ। इस पुस्तक के लिए घर में इतना बखेड़ा मचा कि मैं होमवर्क ही नहीं कर सका।’’ शिक्षिका ने आश्चर्य से पूछा, ‘‘भला, वह कौन-सी पुस्तक है, मुझे दिखाना।’’ विद्यार्थी ने स्कूल बैग में से निकालकर पुस्तक शिक्षिका को दिखाई। शिक्षिका ने पुस्तक खोलकर कुछ पन्ने पलटे और विचार में डूब गई। उन्होंने विद्यार्थी से कहा, ‘‘तू पहले होमवर्क पूरा कर, तभी यह पुस्तक तुझे लौटाऊँगी।’’ वह सोचता रहा कि यदि आज फिर से घर में झगड़ा होगा, तो वह क्या करेगा? आप ही बताइए, वह बेचारा अब क्या करेगा?
Jeevan Ki Bhent

Jeevan Ki Bhent

Sanjiv Shah

350

₹ 280

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