Navnit Nirav

Navnit Nirav

1 Books

Dukhantika

  • Author Name:

    Navnit Nirav

  • Book Type:
  • Description: भूमंडलोत्तर कथा पीढ़ी की युवतम खेप के प्रतिनिधि कथाकार नवनीत नीरव की कहानियाँ सहज भाषा और समाज के सबसे कमज़ोर और वंचित व्यक्ति के प्रति अपनी निष्कंप आस्था के कारण सबसे पहले हमारा ध्यान खींचती हैं। कथा-निर्मिति की प्रक्रिया में नवनीत न तो कला की अबूझ दुर्गम कन्दराओं में जाते हैं न ही यथार्थ के स्थूल और अनगढ़ प्रस्तर-खंड को ही कहानी की तरह स्थापित कर देते हैं, बल्कि पात्र और परिवेश के बीच संवाद की रचनात्मक युक्तियों से एक ऐसी दुनिया की पुनर्रचना करते हैं जहाँ कला और यथार्थ एक-दूसरे का मूल्य संवद्र्धन कर सकें। इस रचनात्मक उपक्रम में कला की सूक्ष्मताएँ कब यथार्थ की खुरदुरी हथेली थाम लेती हैं और कब यथार्थ की नुकीली धार कला के बारीक उपकरण का स्वरूप हासिल कर लेती है, पता ही नहीं चलता। 'कला के लिए कला’ और 'प्रयोग के लिए प्रयोग’ के अमूर्त जुमलों को चुनौती देती ये कहानियाँ सहजता के अहाते में विचरण करते हुए भी जितनी प्रयोगात्मक हैं, अपनी प्रयोगधर्मिता के बावजूद उतनी ही नैसर्गिक और स्वाभाविक भी। साधारण और विशेष की खाँचेबंदियों के सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक निहितार्थों को बारीकी से पहचानते हुए नवनीत की कहानियाँ जिस दृढ़ता से अपनी पक्षधरता तय करती हैं, उसके प्रभाव को रघुराम, रामझरोखे और सहनी जैसे चरित्रों की नियति में बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। ये कहानियाँ भाषा और शिल्प के चमत्कार के सहारे सि$र्फ मनोरंजन का परिवेश नहीं रचतीं बल्कि हाशिया और मुख्यधारा के बीच एक पारदर्शी सेतु का निर्माण करते हुए पाठकों के भीतर आश्वस्ति की तरह उतरने का सामथ्र्य रखती हैं। —राकेश बिहारी
Dukhantika

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Navnit Nirav

180

₹ 147.6

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