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Parashuram Shukla

Bharat Ka Rashtriya Pakshi Aur Rajyo Ke Rajya Pakshi

  • Author Name:

    Parashuram Shukla

  • Book Type:
  • Description: ‘भारत का राष्ट्रीय पक्षी और राज्यों के राज्य पक्षी’ एक अनूठी पुस्तक है। इसका उद्देश्य है पाठकों को अपने पर्यावरण के प्रति सचेत व सहृदय बनाना। पिछली अनेक शताब्दियों से विश्व स्तर पर वन-सम्पदा तेजी से नष्ट हो रही है। बीसवीं शताब्दी आते-आते अनेक जीव-जन्तु तथा वृक्ष धरती से समाप्त  हो गए। पर्यावरणविदों और पर्यावरण सुरक्षा से सम्बद्ध अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इसे गम्भीरता से लिया। वन्यजीवों को बचाने के लिए डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. ने चीन के राष्ट्रीय पशु दैत्याकार पांडा को अपना प्रतीक चिह्न बनाया। इससे विलुप्तप्राय पांडा को नया जीवन मिला। इसके साथ ही इस संस्था ने बर्ड फीजैंट एसोसिएशन, इंटरनेशनल यूनियन फ़ॉर कंजरवेशन ऑफ़ नेचर जैसी अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर वन्य पशुओं, पक्षियों, वृक्षों, पुष्पों के संरक्षण का कार्य आरम्भ किया। विभिन्न देशों के राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय वृक्ष और राष्ट्रीय पुष्प इसी का परिणाम हैं। राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रचिह्न, राष्ट्रभाषा आदि के समान ये भी राष्ट्र का गौरव हैं। भारत ने स्वतंत्रता के बाद यह कार्य भारतीय वन्यजीव बोर्ड (इंडियन बोर्ड फ़ॉर वाइल्ड लाइफ़) को सौंपा। इस बोर्ड की संस्तुति पर जनवरी, 1963 में मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया। इसके बाद अनेक राज्यों ने भी अपने-अपने राज्य पक्षी घोषित किए। किन्तु कुछ पक्षी ऐसे हैं, जिन्हें दो-दो राज्यों ने अपना राज्य पक्षी घोषित किया है। धनेस, पहाड़ी मैना, मोनाल राज हारिल और श्रीमती ह्यूम फीजैंट ऐसे ही पक्षी हैं। नीलकंठ एक ऐसा पक्षी है, जिसे तीन राज्यों ने अपना राज्य पक्षी घोषित किया है। भारत में दिल्ली और आसाम दो ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक अपने राज्य पक्षी घोषित नहीं किए हैं। केन्द्रशासित प्रदेशों में केवल लक्षद्वीप ने अपना राज्य पक्षी घोषित किया है। समाजशास्त्री और पर्यावरणविद् डॉ. परशुराम शुक्ल ने इस पुस्तक में इन पक्षियों के बारे में विस्तार से जानकारियाँ दी हैं। ये रोचक और ज्ञानवर्द्धक हैं। हिन्दी में अपने विषय पर यह अकेली पुस्तक है।
Bharat Ka Rashtriya Pakshi Aur Rajyo Ke Rajya Pakshi

Bharat Ka Rashtriya Pakshi Aur Rajyo Ke Rajya Pakshi

Parashuram Shukla

700

₹ 560

Bharat Ka Rashtriya Pushp Aur Rajyo Ke Rajya Pushp

  • Author Name:

    Parashuram Shukla

  • Book Type:
  • Description: ‘भारत का राष्ट्रीय पुष्प और राज्यों के राज्य पुष्प’ एक अनूठी पुस्तक है। इसका उद्देश्य है पाठकों को अपने पर्यावरण के प्रति सचेत व सहृदय बनानाइस पुस्तक में भारत के राष्ट्रीय पुष्प सहित 22 राज्यों के राज्य पुष्पों का परिचय दिया गया है। शेष राज्यों और सभी केन्द्रशासित प्रदेशों ने अभी तक अपने राज्य पुष्प घोषित नहीं किए हैं। भारत में राष्ट्रीय पुष्प कमल सहित 17 ऐसे फूल हैं, जिन्हें राजकीय सम्मान प्राप्त है। कमल को राष्ट्रीय पुष्प होने के साथ ही ओड़िसा, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का राज्य पुष्प होने का भी गौरव प्राप्त है। इसके साथ तीन ऐसे फूल हैं, जिन्हें दो-दो राज्यों ने अपना राज्य पुष्प माना है। ये पुष्प हैं—लेडी स्लिपर आर्किड, ब्रह्मकमल और बुरांश। लेडी स्लिपर आर्किड अरुणाचल प्रदेश और मेघालय का, ब्रह्मकमल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का तथा बुरांश नागालैंड और हिमाचल प्रदेश का राज्य पुष्प है। इनमें उत्तर प्रदेश का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल एवं उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल दोनों एक ही फूल हैं। इसी प्रकार नागालैंड का राज्य पुष्प बुरांश तथा हिमाचल प्रदेश का राज्य पुष्प बुरांश दोनों एक ही हैं। किन्तु अरुणाचल प्रदेश का राज्य पुष्प लेडी स्लिपर आर्किड और मेघालय का राज्य पुष्प लेडी स्लिपर आर्किड दोनों अलग-अलग फूल हैं। अरुणाचल प्रदेश के राज्य पुष्प लेडी स्लिपर आर्किड’ का वैज्ञानिक नाम पैफिओपैडिलम फैरिएनम है एवं मेघालय के राज्य पुष्प लेडी स्लिपर आर्किड का वैज्ञानिक नाम पैफिओपैडिलम इन्सिग्ने है। ये दोनों फूल एक ही वंश के हैं, किन्तु दोनों में बहुत-सी असमानताएँ पाई जाती हैं। इस पुस्तक में इन दोनों फूलों का परिचय ‘अरुणाचल प्रदेश और मेघालय का राज्य पुष्प : लेडी स्लिपर आर्किड’ अध्याय के अन्तर्गत दिया गया है। पुस्तक के अन्त में प्रत्येक फूल का हिन्दी नाम, अंग्रेज़ी नाम और वैज्ञानिक नाम दिया गया है। समाजशास्त्री और पर्यावरणविद् डॉ. परशुराम शुक्ल ने इस पुस्तक में पुष्पों के बारे में विस्तार से जानकारियाँ दी हैं। ये रोचक और ज्ञानवर्द्धक हैं। हिन्दी में अपने विषय पर यह अकेली पुस्तक है।
Bharat Ka Rashtriya Pushp Aur Rajyo Ke Rajya Pushp

Bharat Ka Rashtriya Pushp Aur Rajyo Ke Rajya Pushp

Parashuram Shukla

500

₹ 400

Bharat Ka Rashtriya Pashu Aur Rajyon Ke Rajya Pashu

  • Author Name:

    Parashuram Shukla

  • Book Type:
  • Description: ‘भारत का राष्ट्रीय पशु और राज्यों के राज्य पशु’ एक उपयोगी पुस्तक है। इसका उद्देश्य है पाठकों को अपने पर्यावरण के प्रति सचेत व सहृदय बनाना। किसी पशु को राष्ट्रीय पशु या राज्य पशु घोषित करने से भले ही वन्यजीवों पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव पड़े न पड़े लेकिन देश के नागरिकों में प्रकृति, पर्यावरण तथा जीव-जन्तुओं के प्रति सजगता और संवेदनशीलता का विस्तार तो होता ही है। हमारे देश की विडम्बना यह है कि इन पशुओं के बारे में मुकम्मिल जानकारी भी व्यापक स्तर पर उपलब्ध नहीं है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। इस पर अनेक आलेख और पुस्तकें प्रकाशित हैं। इस तथ्य से लोग अवगत भी हैं, पर कितनों को पता है कि 9 जुलाई, 1969 के पहले तक हमारा राष्ट्रीय पशु सिंह था? इसी तरह दिल्ली को छोड़कर सभी राज्यों ने किसी न किसी वन्यजीव को अपना राज्य-पशु घोषित कर रखा है, इसकी जानकारी भी बहुत कम लोगों को है। राष्ट्रीय पशु सहित राज्य पशुओं की कुल संख्या 21 है। सामान्यतया एक वन्यजीव को एक राज्य ने अपना राज्य पशु घोषित किया है, किन्तु कुछ वन्यजीव ऐसे भी हैं, जिन्हें दो-दो राज्यों ने अपना राज्य पशु घोषित कर रखा है। गौर, मिथुन, बारहसिंगा और कस्तूरी मृग ऐसे ही वन्यजीव हैं। हाथी एक ऐसा वन्यजीव है जिसे चार राज्यों ने अपना राज्य पशु घोषित कर रखा है। समाजशास्त्री और पर्यावरणविद् डॉ. परशुराम शुक्ल ने इस पुस्तक में इन पशुओं के बारे में विस्तार से जानकारियाँ दी हैं जो रोचक और ज्ञानवर्द्धक हैं। हिन्दी में अपने विषय पर यह अकेली पुस्तक है।
Bharat Ka Rashtriya Pashu Aur Rajyon Ke Rajya Pashu

Bharat Ka Rashtriya Pashu Aur Rajyon Ke Rajya Pashu

Parashuram Shukla

500

₹ 400

Marjar Kosh

  • Author Name:

    Parashuram Shukla

  • Book Type:
  • Description: मार्जार संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है—बिल्ली। सामान्यतया बिल्ली से घरेलू बिल्ली का बोध होता है; किन्तु जीवविज्ञान में इस शब्द का विस्तृत अर्थों में प्रयोग किया गया है एवं इसके अन्तर्गत बाघ और सिंह से लेकर पालतू बिल्ली तक को सम्मिलित किया गया है। ये सभी जीव मार्जार परिवार के जीव कहलाते हैं। बाघ सहित मार्जार परिवार के अन्य जीवों की जानकारी पुस्तक के परिचय में संक्षेप में दी गई है। इनमें रोचक और रोमांचक तथ्यों के साथ ही ज्ञानवर्धक जानकारियाँ भी हैं, जो निश्चित रूप से जनसामान्य के लिए उपयोगी सिद्ध होंगी। इस पुस्तक का उद्देश्य लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। वन्यजीवों का सीधा सम्बन्ध वनों से है। वनों से वर्षा और वर्षा से जीवन। अर्थात् मानव का अस्तित्व बनाए रखने के लिए वन्यजीव आवश्यक हैं। हमारे देश में अधिकांश लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बाघ, सिंह, तेंदुए आदि का नाम तो सुना है, किन्तु इनके विषय में कुछ नहीं जानते। घरेलू बिल्लियाँ तो सभी ने देखी होंगी, किन्तु इनके विषय में भी जनसामान्य को विशेष जानकारी नहीं है। भारत में मार्जार परिवार के ऐसे अनेक जीव पाए जाते हैं, जिनका लोगों ने नाम तक नहीं सुना। इस पुस्तक में इन्हीं सब जीवों की जानकारी बड़े रोचक ढंग से दी गई है।
Marjar Kosh

Marjar Kosh

Parashuram Shukla

700

₹ 560

Bharat Ka Rashtriya Vriksh Aur Rajyo Ke Rajya Vriksh

  • Author Name:

    Parashuram Shukla

  • Book Type:
  • Description: ‘भारत का राष्ट्रीय वृक्ष और राज्यों के राज्य वृक्ष’ एक अनूठी पुस्तक है। इसका उद्देश्य है पाठकों को अपने पर्यावरण के प्रति सचेत व सहृदय बनाना।

    इस पुस्तक में भारत के राष्ट्रीय वृक्ष सहित 25 राज्यों और 2 केन्द्रशासित प्रदेशों के राज्य वृक्षों का परिचय दिया गया है। छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक अपने राज्य वृक्ष घोषित नहीं किए हैं। इसके साथ ही चंडीगढ़, दादर नगर हवेली, दमन एवं दीव और पांडिचेरी के भी राज्य वृक्ष नहीं हैं। केन्द्रशासित प्रदेशों में केवल लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार ने अपने राज्य वृक्ष घोषित किए हैं।

    भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है। यह ओड़िसा का राज्य वृक्ष भी है। लगभग ऐसी ही स्थिति पीपल और हुलुंग की है। पीपल को बिहार और हरियाणा दोनों ने अपना राज्य वृक्ष घोषित किया है। हुलुंग विश्व-भर में होलांग के नाम से प्रसिद्ध है। हुलुंग को अरुणाचल प्रदेश और असम दोनों ने अपना राज्य वृक्ष माना है।

    प्रत्येक वृक्ष के परिचय में वृक्ष का हिन्दी नाम, अंग्रेज़ी नाम और वैज्ञानिक नाम दिया गया है।

    पुस्तक का उद्देश्य वृक्षों से सम्बन्धित भ्रामक धारणाओं का खंडन करते हुए वैज्ञानिक जानकारियाँ प्रदान करना और इनके महत्त्व एवं उपयोग से परिचित कराना है।

    समाजशास्त्री और पर्यावरणविद् डॉ. परशुराम शुक्ल ने उक्त उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक में वृक्षों के बारे में विस्तार से जानकारियाँ दी हैं। ये रोचक और ज्ञानवर्द्धक हैं। हिन्दी में अपने विषय पर यह अकेली पुस्तक है।

Bharat Ka Rashtriya Vriksh Aur Rajyo Ke Rajya Vriksh

Bharat Ka Rashtriya Vriksh Aur Rajyo Ke Rajya Vriksh

Parashuram Shukla

700

₹ 560

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