Sushil Shukla
Saat Patton Wala Ped
- Author Name:
Sushil Shukla
- Rating:
-
Book Type:

- Description: यह किताब पढ़ी तो लगा कि सुशील शुक्ल पेड़ों की भाषा जानते हैं। पेड़ की भाषा जानने वाले मिट्टी, हवा, रंग और पानी भी भाषा भी जानते हैं। कि पेड़ की भाषा मिट्टी, हवा, रंग और पानी की भाषा से मिलकर ही तो बनती होगी। इस तरह बनी भाषा मिट्टी सी कोमल, पानी सी तरल और हवा सी ताज़ी होगी। सात पत्तो वाला पेड़ की भाषा ऐसी ही है। अगर किसी को बताना हो कि हमने पेड़ में फूल और खुश्बू के बनने को देखा है तो ऐसी ही भाषा में बताया जा सकेगा। तापोशी घोषाल के बनाए सप्तपर्णी के फूल पर भँवरे मँडरा रहे हैं। इनके साथ ज़रा ठहरें तो इनकी गुनगुन भी सुनाई देने लगेगी।
Saat Patton Wala Ped
Sushil Shukla
Shape Chilli
- Author Name:
Proiti Roy +1
-
Book Type:

- Description: अक्सर हम अखबारों और पत्रिकाओं में तस्वीरों में मूंछें, सींग जोड़ते हुए पाए जाते हैं। ये ऐसी ही शरारतों की किताब है. एक कल्पनाशील, और रचनात्मक शरारत की। वर्गों, वृत्तों, त्रिभुजों की अपनी एक दुनिया होती है। हम उनकी आकृतियों के साथ खेल सकते हैं। बस एक रेखा और एक बिंदु जोड़ें और आपके पास सवारी या मछली के लिए एक घोड़ा तैयार है। मास्टर कलाकार प्रोइति रॉय ने इस खूबसूरत किताब की रचना की है। इसे आज़माएं और देखें कि इसे बनाना कितना आसान है।
Shape Chilli
Proiti Roy
Ek Bate Baarah
- Author Name:
Sushil Shukla +1
- Rating:
-
Book Type:

- Description: मैं नदी के आत्मीय की तरह नदी के पास जाता था।उसकी पीठ पर हाथ रखना चाहता था। नदी की पीठ पर हाथ रखने की जगह मेरे हाथ मेरी पीठ पर पहुँच जाते थे। तब मुझे पता चलता था कि मेरी पीठ के बीचोंबीच एक नदी का निशान है। हर व्यक्ति की पीठ के बीचोंबीच एक नदी का निशान है। नाधी से ही तो हमारी रीढ़ बनी है। पर नदी ने इतनी ज़रूरी बात पीठ पीछे क्यों कही?
Ek Bate Baarah
Sushil Shukla
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