Anubhav Sinha
Mulk : Patkatha
- Author Name:
Anubhav Sinha
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Book Type:

- Description: मैंने 17 साल की उम्र में जब ‘गरम हवा’ देखी थी तो मुझे अपना सिर्फ़ भारतीय होना पता था। मैं ‘मुल्क’ देखते हुए रोती रही, क्योंकि अब मुझे पता है कि मुसलमान होना क्या होता है और उसके साथ क्या-क्या आता है। —राना सफ़वी, इतिहासकार ‘मुल्क’ देखकर मेरा मन किया कि मैं ख़ुशी से चिल्लाऊँ। बहुत ज़ोर से। —शुभ्रा गुप्ता, फ़िल्म समीक्षक, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ निडर, दमदार और सम्मोहक। —सैबल चटर्जी, फ़िल्म समीक्षक, ‘एनडीटीवी’ ‘मुल्क’ ने बतौर भारतीय मुझे गर्व और ख़ुशी से भर दिया। —विशाल ददलानी, गायक-संगीतकार कमाल की फ़िल्म। हर शॉट, हर डायलॉग और हर पल बिल्कुल परफ़ेक्ट। —फ़े डिसूज़ा, पत्रकार ‘मुल्क’ की चमक और साहस स्तब्ध कर देते हैं। हमारे समय की सबसे महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों में से एक। —शेखर गुप्ता, पत्रकार एवं सम्पादक
Mulk : Patkatha
Anubhav Sinha
Article 15 : Ab Fark Layenge!
- Author Name:
Gaurav Solanki +1
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Book Type:

- Description: ‘आर्टिकल 15’ एक अलग तरह की अपराध कथा है। उन अपराधों की कहानी, जिनका हिस्सा जाने-अनजाने हम सब हैं। यह फ़िल्म पिछले कुछ सालों में हमारे आसपास घटी कई घटनाओं से प्रभावित है। एक दिलचस्प थ्रिलर के रास्ते यह भारत के वर्तमान सामाजिक राजनैतिक हालात की परतें उधेड़ती है, सवाल करती है, रास्ते सुझाती है। भारतीय समाज में फ़र्क़ पैदा करनेवाला सबसे बड़ा कारण 'जाति' आज भी करोड़ों लोगों को अमानवीय ज़िन्दगी जीने पर मजबूर करता है, उन्हें कमतर इंसान मानता है। 'सामाजिक व्यवस्था' के नाम पर सदियों से चल रही इस नाइंसाफ़ी के सामने यह फ़िल्म भारत के संविधान को रख देती है और आँखों में आँखें डालकर हम सबसे पूछती है कि और कितने ज़ुल्म करने हैं तुम्हें?